दोपहर को सोना हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होता है या नुकसानदायक?

भागदौड़ भरी जिंदगी में बहुत कम ही लोग हैं, जो रात को अच्छे से सो पाते हैं। नींद की कमी स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्या खड़ी करती है। अगर ये कहा जाए कि नींद की कमी से कई गंभीर समस्याएं भी होने का खतरा रहता है तो यह कहना कुछ ग़लत नहीं होगा। हालांकि, इन सब से बचने और पूरे दिन की थकावट को कम करने के लिए सिर्फ 15 से 30 मिनट की नींद एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है। आप इस नींद को दोपहर में पूरा कर सकते हैं।
सुबह से लगातार काम में जुटे होने के बाद दिन में झपकी आना स्वभाविक है। आयुर्वेद के अनुसार वैसे दिन के समय नींद लेना सही नहीं है। लेकिन अगर आपको झपकी या नींद लेने के बाद समस्या नहीं होती, तो सोने में कोई बुराई नहीं है।
दिन में सोने से होने वाले फायदे
एनर्जी मिलना
दिन के समय थोड़ी देर सोने से शरीर फ्रेश हो जाता है। अगर आप थकावट महसूस कर रहे हैं या सुबह ज्यादा काम किया हो तो 15 से 20 मिनट की झपकी शरीर को एनर्जेटिक बनाए रखने में मदद कर सकती है।
दिमाग को आराम मिलना
कुछ देर की दोपहर की नींद से दिमाग को आराम मिल सकता है, जिससे न केवल याददाश्त को तेज किया जा सकता है, बल्कि ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है।
मुड़ अच्छा होना
नींद की कमी अक्सर चिड़चिड़ापन बढ़ा सकती है। ऐसे में दोपहर की 15 से 30 मिनट की झपकी मूड को शांत कर स्ट्रेस को कम कर सकती है जिससे पूरा दिन अच्छा जा सकता है।
दोपहर में सोने के नुकसान
रात के देर तक नींद न आना
दोपहर में 1 से 2 घंटे तक सोना रात की नींद को प्रभावित कर सकता है, जिससे देर रात तक नींद न आना या सुबह सुस्ती महसूस होना जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए बहुत ज्यादा देर तक सोना नुकसानदायक हो सकता है।
वज़न बढ़ना
दोपहर में लंबे समय तक सोने से न सिर्फ वजन बढ़ सकता है, बल्कि इंसुलिन की प्रक्रिया भी प्रभावित हो सकती है। इन समस्याओं से बचने के लिए दोपहर में ज्यादा देर तक सोने से बचना चाहिए।



