
प्लास्टिक की बोतल से दूध पिलाने पर छोटे बच्चों को क्यों हो सकता खतरा?
अक्सर आपने देखा होगा कि घर में जब भी बच्चे जन्म लेते हैं तो हम लोग उन्हें प्लास्टिक की बोतल से दूध पिलाना शुरू करते हैं। और यह सिलसिला लगभग चार या पांच साल तक चलता रहता है।क्योंकि ज्यादातर छोटे बच्चे बोतल से दूध पीना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्लास्टिक के बोतल से दूध पिलाना बच्चों को कितना नुकसानदायक साबित हो सकता है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर प्लास्टिक की बोतल से छोटे बच्चों को दूध क्यों नहीं पिलाना चाहिए, और इससे क्या खतरा हो सकता है आईए जानते हैं।
जब भी घर पर कोई बच्चा पैदा होता है तो उसे दूध पिलाने के लिए मार्केट से कई प्लास्टिक की बोतलें भी आती हैं। चाहे मां का दूध बच्चे के लिए पूरा भी हो रहा हो, लेकिन कई लोग बोतल का इस्तेमाल जरूर करते हैं। इसी प्लास्टिक की बोतल में ब्रेस्ट मिलकर भरकर बच्चे को पिलाया जाता है। वहीं जिन महिलाओं में दूध नहीं बनता है, ऐसा करना उनकी मजबूरी होती है। सभी लोगों ने बचपन से यही देखा है और उन्हें भी ऐसे ही दूध पिलाया गया तो उनके लिए ये सब नॉर्मल है, लेकिन ऐसा करना बच्चे की सेहत के लिए बुरा हो सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि बच्चे को प्लास्टिक बोतल से दूध क्यों नहीं पिलाना चाहिए।
डॉक्टर के मुताबिक बच्चों को प्लास्टिक की बोतल में दूध पिलाना उनकी सेहत को कई तरीकों से नुकसान पहुंचा सकता है। प्लास्टिक की बोतल में दूध पीने से बच्चा माइक्रोप्लास्टिक के संपर्क में आता है। जब हम प्लास्टिक की बोतल में गर्म दूध या पानी डालते हैं तो ऐसे में बोतल से सैकड़ों माइक्रोप्लास्टिक्स निकलते हैं, जो बच्चों के पेट में जाकर मिल सकते हैं। इससे कई बार बच्चों के दिमाग पर भी असर पड़ता है। कई मामलों में इससे बच्चे का मानसिक विकास रूक जाता है।
हर घर में इस्तेमाल होती है बोतल
आपने देखा होगा कि हर घर में दूध पिलाने वाली प्लास्टिक बोतल लगभग हर घर में इस्तेमाल होती है। लोग इसे इस्तेमाल करने के बाद पानी में उबालते हैं और फिर से कई हफ्तों तक एक ही बोतल का यूज करते हैं। ये कुछ मामलों में खतरनाक साबित होता है और इससे बच्चों को कई तरह की परेशानी हो जाती है। खुद डॉक्टर भी ऐसा करने से मना करते हैं।
क्या होती है परेशानी?
चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ इमरान पटेल ने बताया कि उनके पास कई ऐसे मामले आते हैं, जिनमें बच्चों को प्लास्टिक की बोतल से इंफेक्शन होता है। उन्होंने बताया कि बोतल पर कई तरह के बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जिससे पेट में ब्लोटिंग और इंफेक्शन का खतरा रहता है। इसमें लूज मोशन के साथ-साथ खून भी आ सकता है। बोतल से दूध पिलाने पर कान का इंफेक्शन, निमोनिया और पेट का इंफेक्शन हो सकता है, इसीलिए सभी को बोतल में दूध पिलाना अवॉइड करना चाहिए।
कटोरी-चम्मच का करें इस्तेमाल
अगर बच्चे के लिए मां का दूध नहीं हो रहा है तो बोतल से दूध पिलाने क बजाय कटोरी और चम्मच का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे धीरे-धीरे दूध पिलाने की कोशिश करें। इसके अलावा अगर बोतल जरूरी है तो आप सस्ती और लो क्वॉलिटी की बोतल बिल्कुल न खरीदें, इसके अलावा एक ही बोतल का इस्तेमाल लंबे समय तक न करें और एक बार दूध पिलाने के बाद उसी बोतल से दोबारा दूध न पिलाएं, पहले इसे अच्छी तरह से उबालकर साफ कर लें।