भोपाल (शाह टाइम्स) मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत आगामी पांच वर्षों में शहरी क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर एवं मध्यम आय वर्ग के हितग्राहियों के लिए 10 लाख आवास बनाए जाएंगे।
50 हजार करोड़ रुपए हुआ निवेश
आधिकारिक जानकारी के अनुसार इन आवासों के निर्माण में 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। इस राशि में अनुमानित अनुदान राशि 23 हजार 25 करोड़ रुपए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा दिए जाने की स्वीकृति दी गई है।
अब तक कितने हुए आवेदन प्राप्त
योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राही परिवारों के लिए बारहमासी आवासों के निर्माण के साथ-साथ सामाजिक अधोसंरचना के रूप में समुचित अधोसंरचना जैसे सड़क, जल आपूर्ति, सीवेज, पार्क एवं आंगनवाड़ी प्राथमिक विद्यालय एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का विकास किया जाएगा। राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि सभी पात्र हितग्राही परिवारों को आवास उपलब्ध कराया जाए। प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी (पीएमएवाई-यू 2.0) के अंतर्गत अब तक लगभग 2 लाख 90 हजार हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। योजना का क्रियान्वयन नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा किया जा रहा है।
निम्न एवं मध्यम आय वर्ग के पात्र हितग्राहियों को किया जाएगा लाभान्वित
पीएमएवाई-यू 2.0 में 4 घटकों में आर्थिक रूप से कमजोर, निम्न एवं मध्यम आय वर्ग के पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाएगा। लाभार्थी नेतृत्व निर्माण (बीएलसी) के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस श्रेणी के पात्र हितग्राही स्वयं की भूमि पर मकान बना सकेंगे। किफायती आवास एवं भागीदारी (एएचपी) के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस श्रेणी के हितग्राहियों को नगरीय निकायों, राज्य की अन्य निर्माण एजेंसियों एवं निजी बिल्डरों/डेवलपर्स द्वारा मकान बनाकर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अंतर्गत हितग्राहियों द्वारा परियोजना में मकान खरीदने पर निजी डेवलपर द्वारा रिडीमेबल हाउसिंग वाउचर (आरएचवी) प्रदान किया जाएगा। किफायती किराया आवास (एआरएच) के अंतर्गत कामकाजी महिलाओं, औद्योगिक श्रमिकों, शहरी प्रवासियों, बेघर एवं निराश्रित तथा अन्य पात्र हितग्राहियों को किराये के मकान बनाकर उपलब्ध कराए जाएंगे। ब्याज अनुदान योजना (आईएसएस) के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस, एलआईजी एवं एमआईजी श्रेणी के पात्र परिवारों को आवास ऋण पर ब्याज अनुदान प्रदान किया जाएगा।
किस पर दिया जाएगा विशेष ध्यान
पीएमएवाई-यू 2.0 में एकल महिलाओं, दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडरों, कल्याणकारी महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यकों और समाज के अन्य कमजोर व वंचित वर्गों के व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही योजना के जरिए सफाई कर्मचारियों, पीएम स्वनिधि योजना के तहत चिन्हित स्ट्रीट वेंडर्स, पीएम विश्वकर्मा योजना के विभिन्न कारीगरों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों तथा झुग्गी-झोपड़ियों और चालों में रहने वालों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। योजना के तहत बड़े शहरों को झुग्गी-झोपड़ी मुक्त बनाने की दिशा में भूमि को संसाधन के रूप में उपयोग करते हुए पीपीपी मॉडल पर परियोजनाओं के क्रियान्वयन को मंजूरी दी जाएगी। ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लाभार्थियों के अंशदान को कम करने के लिए पहले की तरह क्रॉस सब्सिडी मॉडल लागू किया जाएगा। भूमिहीन पात्र लाभार्थी परिवारों को आवासीय भूमि का पट्टा प्रदान करने की भी मंजूरी दी गई है। बीएलसी श्रेणी के लाभार्थियों को प्रति आवास 2 लाख 50 हजार रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा। लाभार्थी परिवारों द्वारा स्वयं घरों के निर्माण के चरणों की जियो टैगिंग का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही अविवाहित कमाने वाले वयस्क सदस्यों को पृथक से लाभ देने का प्रावधान समाप्त कर पति-पत्नी, अविवाहित पुत्र-पुत्रियों को हितग्राही परिवार में शामिल किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के प्रथम चरण में मध्यप्रदेश को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ देश में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है। प्रथम चरण में 9 लाख 45 हजार आवासों में से वर्तमान में 8 लाख 33 हजार आवास पूर्ण हो चुके हैं। इन आवासों के लिए स्वीकृत अनुदान राशि 19 हजार 400 करोड़ रूपये में से 18 हजार 700 करोड़ रूपये की राशि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा हितग्राहियों को प्रदान की जा चुकी है।