11 साल की आराध्या का मक़सद माउंट एवरेस्ट फतह करना

अगर मन में जज्बा हो तो कोई क्या नहीं कर सकता। यह कहावत चरितार्थ कर रही है हरियाणा के रेवाड़ी निवासी 11 साल की आराध्या

अलवर, (Shah Times) । अगर मन में जज्बा हो तो कोई क्या नहीं कर सकता। यह कहावत चरितार्थ कर रही है हरियाणा के रेवाड़ी निवासी 11 साल की आराध्या जो दिल्ली के इंडिया गेट से आज सुबह साइकिल से रवाना हुई और शाम को अलवर पहुंची।

आराध्या दिल्ली से मुंबई तक साइकिल से ही जाएगी। उसका मुख्य मकसद है माउंट एवरेस्ट चोटी पर फतह पाना। वह एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाली सबसे कम उम्र की पर्वतारोही बनना चाहती है।

आराध्या ने बताया कि वह सुबह दिल्ली के इंडिया गेट से रवाना हुई और करीब 10 से 15 दिन में साइकिल से मुंबई पहुंचने का कार्यक्रम है। वह रोजाना करीब डेढ़ सौ किलोमीटर चलने का संकल्प लेकर चल रही है।

उसे मार्च में माउंट एवरेस्ट पर जाना है। आराध्या रेवाड़ी की है और कक्षा आठवीं में पढ़ती है। इस नन्ही बच्ची के साथ इनकी मां दूसरे वाहन से साथ चल रही हैं। आराध्या की मां निशा ने बताया कि वह खुद अलवर से हैं और पहले साइकलिंग करती थी, लेकिन किसी कारण से साइकलिंग बंद कर दी।

उन्होंने बताया कि उनका भाई भी माउंट एवरेस्ट पर जा चुका है और वह खुद भी भाई के साथ एवरेस्ट पर जा चुकी हैं। उसी से इस बिटिया को प्रेरणा मिली। उसके बाद बिटिया ने कहा कि मुझे भी माउंटेन एवरेस्ट फतह करना है। निशा ने बताया कि साइकिल से दिल्ली से मुंबई जाने का उद्देश्य लोगों में पौधारोपण के प्रति जागरुकता बढ़ाना है। रास्ते में जितने भी बड़े शहर पड़ रहे हैं, वहां हम पौधारोपण का कार्य भी कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि अमेरिका का एक 13 वर्ष 10 महीने का बालक है रोमिन जॉर्डन, जिसने माउंटेन एवरेस्ट को फतह किया है। उस वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए आराध्या माउंट एवरेस्ट पर फतह करने के लिए मार्च में रवाना होगी। अगर हम सफल होते हैं तो भारत के नाम एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड होगा।

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