
देश के महान क्रांतिकारी भगत सिंह ने देश की आज़ादी की लड़ाई में इन्होंने बढ़-चढ़ कर भाग लिया
जौनपुर । उत्तर प्रदेश (UP) में जौनपुर (Jaunpur) जिले के सरांवा (Saranwa ) गाव में स्थित शहीद लाल बहादुर गुप्त स्मारक (Shaheed Lal Bahadur Gupt Memorial) पर आज हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकंन आर्मी (Hindustan Socialist Republican Army) व् लक्ष्मीबाई ब्रिगेड (Lakshmibai Brigade) के कार्यकर्ताओं ने देश के महान क्रांतिकारी एवं स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी शहीद-ए-आज़म भगत सिंह (Shaheed-e-Azam Bhagat Singh) की 116 वीं जयंती मनायी।
इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने शहीद स्मारक मोमबत्ती और अगरबत्ती जला कर उन्हें अपनी श्रंद्धाजलि दी। शहीद स्मारक पर उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुए लक्ष्मीबाई ब्रिगेड (Lakshmibai Brigade) की अध्यक्ष मंजीत कौर ने कहा कि देश के महान क्रांतिकारी एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगत सिंह का जन्म 28 सितम्बर 1907 को पंजाब प्रांत के लायलपुर ( Lyallpur) जिले के बग्गा गाँव निवासी सरदार किशन सिंह के यहाँ हुआ था।
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देश की आज़ादी की लड़ाई में इन्होंने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। उन्होंने कहा कि भगत सिंह (Bhagat Singh) का मानना था कि क्रान्ति का मतलब बम और पिस्तौल की संतुष्टि नही है। वे कहते थे कि पिस्तौल और बम इंकलाब नही लाते, इंकलाब की तलवार तो विचारों की शान पर तेज होती है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत कि नींव हिला देने वाले भगत सिंह, राजगुरु,और सुखदेव को अंग्रेजों ने 23 मार्च 1931 को लाहौर जेल में फांसी पर लटका दिया।
मंजीत कौर ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि अभी तक भगत सिंह (Bhagat Singh) को शहीद का दर्जा नही दिया गया। उन्होंने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वे भगत सिंह को शहीद का दर्जा प्रदान करें, ताकि लोग उन्हें शहीद-ए-आज़म (Shaheed-e-Azam) कह सकें।
इस अवसर पर धरम सिंह, मैनेजर पांडेय, अनिरुद्ध सिंह, मंजीत कौर, दिशा सहित अनेक लोग मौजूद रहे।