
India allowed entry to 160 Afghan trucks via the Attari border under special permission, boosting trade ties with Afghanistan. This move follows the first official political dialogue with the Taliban
भारत ने अटारी बॉर्डर से 160 अफगानी ट्रकों को विशेष अनुमति देकर एंट्री दी, जिससे भारत-अफगान व्यापारिक रिश्तों को नया बल मिला है। यह कदम तालिबान से हुई पहली आधिकारिक बातचीत के बाद उठाया गया।
नई दिल्ली (शाह टाइम्स) भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापारिक रिश्तों को नई रफ्तार देने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए भारत ने 160 अफगानी ट्रकों को अटारी बॉर्डर के जरिए देश में प्रवेश की खास अनुमति दी है। इन ट्रकों में सूखे मेवे और ड्राई फ्रूट्स जैसे महत्वपूर्ण व्यापारिक सामान लाए गए हैं। यह कदम भारत और तालिबान शासन के बीच हुई पहली राजनीतिक बातचीत के बाद सामने आया है।
भारत-तालिबान के बीच पहली आधिकारिक बातचीत
15 मई को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के बीच बातचीत हुई। इस चर्चा के बाद भारत ने 160 ट्रकों को अटारी बॉर्डर से विशेष अनुमति के तहत प्रवेश की इजाजत दी। हालांकि, भारत ने अब तक तालिबान सरकार को आधिकारिक मान्यता नहीं दी है।
पाकिस्तान की भूमिका और सीमित अनुमति
जानकारी के अनुसार, पहले पाकिस्तान ने इन ट्रकों को वाघा बॉर्डर पर रोक दिया था। लेकिन बाद में सीमित संख्या में ट्रकों को अटारी में सामान उतारने की इजाजत मिली। भारत ने 23 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा कारणों से अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया था।
भारत-अफगान व्यापार संबंध
भारत अफगानिस्तान के लिए दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा निर्यात बाजार है। दोनों देशों के बीच सालाना लगभग 1 अरब डॉलर का व्यापार होता है। भारत पहले भी अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के रूप में गेहूं और दवाइयां भेज चुका है। 2021 में भारत ने 50,000 टन गेहूं अफगानिस्तान भेजने का प्रस्ताव दिया था, जिसे पाकिस्तान के ज़रिए भेजा गया था।
कूटनीतिक सराहना और भरोसा
विदेश मंत्री मुत्तकी ने फोन पर जयशंकर से बातचीत में भारत का धन्यवाद किया, खासतौर पर पहलगाम हमले के बाद एकजुटता दिखाने के लिए। जयशंकर ने भी काबुल सरकार को पाकिस्तान के दुष्प्रचार से प्रभावित न होने के लिए सराहा।
भविष्य की योजनाएं और परियोजनाएं
भारत अब अफगानिस्तान में रुकी हुई विकास परियोजनाओं को फिर से शुरू करने पर विचार कर रहा है। इस दिशा में विदेश सचिव विक्रम मिसरी की मुत्तकी से दुबई में हुई मुलाकात भी अहम मानी जा रही है। भारत अब तालिबान प्रशासन के साथ सीमित लेकिन रणनीतिक राजनीतिक और व्यापारिक संपर्क बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
भारत द्वारा 160 अफगानी ट्रकों को अटारी बॉर्डर से प्रवेश देना केवल व्यापारिक निर्णय नहीं, बल्कि एक रणनीतिक कूटनीतिक संदेश भी है। इससे भारत-अफगान संबंधों में नई ऊर्जा आने की उम्मीद है, साथ ही यह दक्षिण एशियाई क्षेत्र में स्थिरता और सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।