
Report by: Nasir Rana
हमास । मिस्र (Egypt) के काहिरा (cairo) में अरब काउंसिल के विदेश मंत्रियों ने की बैठक। फिलिस्तीन (Palestine) में नरसंहार पर अब अरब मुल्कों ने दखल देना शुरू कर दिया है। आलोचना ही नहीं, 22 अरब देशों के समूह अरब लीग ने इजराइल (Israel) की खुलकर निंदा की। बेंजामिन नेतन्याहू शासन ने गाजा का बिजली-खाना-पानी बंद कर दिया है। चारो तरफ से एक कंक्रीट दीवारों से घिरे इस शहर पर इजराइली शासन (Israeli rule) ने पहले से शिकंजा कस रखा है। युद्ध शुरू होने के बाद से अरब मुल्कों की परेशानी बढ़ी है और वे किसी भी हाल में युद्ध को समाप्त करने की अपील कर रहे हैं
इजराइल-हमास युद्ध
मीटिंग फिलिस्तीन (Palestine) के अनुरोध पर बुलाई गई थी। इस दौरान अरब मंत्रियों ने इजराइल को अपने फैसले वापस लेने की अपील की। इजराइली रक्षा मंत्री ने गाजा पट्टी के बिजली-पानी काटने का आदेश दिया था और इसके बाद से फिलिस्तीनी शहर में हालात और ज्यादा बदतर हुए। पूरे शहर में अंधेरा छाया हुआ है। इजराइली एयरस्ट्राइक (Israeli airstrike) जारी है और इमारत की इमारत तबाह की जा रही है, जहां महिलाएं-बच्चे-बूढ़े मारे जा रहे हैं।
इजराइल से गाजा की घेराबंदी हटाने की मांग
काहिरा में अरब लीग हेडक्वार्टर में बैठक में अरब विदेश मंत्रियों ने इजराइल (Israel) और हमास (Hamas) के बीच चल रहे युद्ध पर चर्चा की और इजराइल से गाजा (Israel to Gaza) की घेराबंदी हटाने की मांग की। विदेश मंत्रियों ने गरीब और घनी आबादी वाले इलाके में खाना-पानी, बिजली-ईंधन की आपूर्ति तत्काल प्रभाव से शुरू करने की अपील की। लीग ने इस “अन्यायपूर्ण” फैसले पर इजराइल को पुनर्विचार करने कहा। अरब लीग के महासचिव अहमद अबुल घेइत ने अपनी स्पीच में इजराइल पर नरसंहार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हम गाजा में फिलिस्तीनियों के साथ अपनी एकजुटता दिखाते हैं क्योंकि उन्हें नरसंहार का सामना करना पड़ रहा है जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए और निंदा की जानी चाहिए।”
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फिलिस्तीन को पूर्ण राष्ट्र का दर्जा देने की मांग
वर्तमान में अरब लीग में 22 खाड़ी देश हैं, जिसमें सऊदी अरब, मिस्र, इराक, जॉर्डन, कुवैत, लेबनान, लीबिया, मॉरिटानिया, मोरक्को, ओमान, फिलिस्तीन, कतर, सोमालिया, सूडान, सीरिया, ट्यूनीशिया, संयुक्त अरब अमीरात, यमन अल्जीरिया, बहरीन, कोमोरोस और जिबूती शामिल हैं. फिलिस्तीन के अनुरोध पर काहिरा पहुंचे अरब मंत्रियों ने इजराइल से एक कब्जे वाली शक्ति के रूप में अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करने और टू-स्टेट सॉल्यूशन पर लौटने का आग्रह किया, जहां फिलिस्तीन को पूर्ण राष्ट्र का दर्जा मिल सकता है।
इजराइल ने फिलिस्तीन की जमीन पर लगातार किया कब्जा
सऊदी अरब ने अपने शुरुआती बयान में इजराइल पर “निरंतर कब्जे” का आरोप लगाया और “फिलिस्तीनी लोगों को उनके वैध अधिकारों से वंचित करने” का जिम्मेदार ठहराया अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दो-राज्य समाधान पर बात करने की अपील कीं सऊदी अरब ने यूरोपीय यूनियन और गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल में भी टू-स्टेट फॉर्मूले पर बातचीत आगे बढ़ाने का सुझाव दिया। इनके अलावा 57 देशों के मुस्लिम संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन ने भी इजराइल की निंदा की और फिलिस्तीनी लोगों को उनका हक देना का आग्रह किया।