
22 Naxalites killed in encounter with security forces in Chhattisgarh. Amit Shah says, "India will be Naxal-free by March 31, 2026." Read the full news story
छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 22 नक्सली मारे गए। अमित शाह ने कहा, “31 मार्च 2026 से पहले देश नक्सल मुक्त हो जाएगा।” पढ़ें पूरी खबर
बीजापुर/कांकेर (शाह टाइम्स) छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर जिले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में अब तक 22 नक्सली मारे गए हैं। इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया है। इस दौरान एक जवान शहीद हुआ है, जबकि दो अन्य घायल हो गए हैं। मुठभेड़ अभी भी जारी है और इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।
ये है ऑपरेशन का विवरण
बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों की सीमा पर स्थित जंगल में सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने नक्सल विरोधी अभियान के दौरान नक्सलियों के साथ मुठभेड़ की। इस दौरान दोनों ओर से रुक-रुक कर गोलीबारी हुई। पुलिस के अनुसार, बीजापुर में 18 और कांकेर में 4 नक्सली मारे गए हैं। सुरक्षा बलों ने इलाके से 18 नक्सलियों के शव, स्वचालित हथियार और अन्य सामान बरामद किए हैं।
क्या है अमित शाह का बयान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस ऑपरेशन के बाद एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि मोदी सरकार नक्सलियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, “आत्मसमर्पण से लेकर समावेश तक की सुविधाओं के बावजूद जो नक्सली आत्मसमर्पण नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। अगले साल 31 मार्च से पहले देश को नक्सल मुक्त कर दिया जाएगा।”
कुछ मुख्य पिछली घटनाएं
इससे पहले बीजापुर और नारायणपुर से लगी महाराष्ट्र सीमा पर सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 31 नक्सली मारे गए थे। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बल लगातार नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।
शहीद जवान को श्रद्धांजलि
इस ऑपरेशन में बीजापुर जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के एक जवान ने अपनी जान गंवाई है, जबकि दो अन्य जवान घायल हुए हैं। सुरक्षा बलों ने शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की है और घायल जवानों के इलाज की व्यवस्था की गई है।
सरकार और सुरक्षा बलों की ओर से नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को लेकर केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही गंभीर हैं। अमित शाह के बयान के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में नक्सलवाद पर पूरी तरह से काबू पा लिया जाएगा।