
एक साथ चार बच्चों को जन्म देने से उनके परिवार में दौड़ गई थी खुशी की लहर बच्चे के कमजोर तथा प्रीमेच्योर होने के का पता लगने पर खुशी गम मे तबदील हो गई
श्रीगंगानगर। राजस्थान (Rajasthan) के श्रीगंगानगर (Sriganganagar) में सरकारी जिला अस्पताल (Government District Hospital) में एक साथ जन्मे चार बच्चों की आज सुबह मृत्यु हो गई। जिले के श्रीबिजयनगर की निवासी शालू (पत्नी गुलविंदरसिंह) ने कल शाम 3:30 बजे चार बच्चों को जन्म दिया था। इनमें दो लड़के और दो लड़कियां थीं। अस्पताल के प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर (PMO) डॉ. केएस कामरा ने बताया कि इन बच्चों का वजन काफी कम था। बच्चे काफी कमजोर थे। वजन 500-600 ग्राम होने के कारण बच्चों को तुरंत ही चाइल्ड नर्सरी (SNCU) में शिफ्ट कर दिया गया। इन पर चिकित्सकों और स्टाफ कर्मियों ने पूरी निगरानी रखी लेकिन आज सुबह एक-एक कर चारों की ही मृत्यु हो गई।
यह बच्चे अंडर डेवलप थे। प्रीमेच्योर डिलीवरी (Premature Delivery) होने के कारण इनको बचाया नहीं जा सका। कल शाम 3:30 बजे शालू द्वारा एक साथ चार बच्चों को जन्म देने से उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई थी लेकिन बाद में बच्चे काफी कमजोर तथा प्रीमेच्योर (Premature )होने के का पता लगने पर चिंता व्याप्त हो गई। एक साथ चार बच्चों का जन्म होने से अस्पताल में कौतूहल का वातावरण बन गया। काफी लोग बच्चों को देखने के लिए आए लेकिन तब तक उनको एसएनसीयू नर्सरी में शिफ्ट कर दिया गया था। इस नर्सरी में अनावश्यक लोगों को नहीं जाने दिया गया।
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जानकारी के अनुसार शालू के 5 वर्ष का एक बेटा है। उसके 5 वर्ष पहले सामान्य डिलीवरी हुई थी। अब गर्भवती होने पर अल्ट्रासाउंड करवाया गया तो दंपति को जानकारी हो गई थी कि गर्भ में चार बच्चे हैं। यह पता चलने पर दंपति और इसके परिवारजन काफी एक्साइटमेंट में थे, लेकिन आज बच्चों की मृत्यु हो जाने से उनमें शोक की लहर दौड़ गई।
चिकित्सकों के अनुसार सामान्य प्रसव लगभग 37 सप्ताह की गर्भावस्था में होता है,लेकिन शालू का प्रसव 26 से 27 सप्ताह के मध्य कल शाम सिजेरियन द्वारा किया गया। इस कारण बच्चे प्रीमेच्योर तथा कमजोर थे।बच्चों की आज अंत्येष्टि कर दी गई। गुलविंदर सिंह ट्रक चालक है। श्रीगंगानगर के एक निजी अस्पताल में 3 वर्ष पूर्व आईवीएफ तकनीक से गर्भवती एक महिला ने चार बच्चों को जन्म दिया था






