” उत्तराखंड बहुत संघर्षों के बाद मिला, बहुत प्रताड़नाएं झेली हैं “
“युवा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी लंबे समय तक प्रदेश का नेतृत्व करें”:चमोली
मंत्रिमंडल विस्तारः पार्टी को लगेगा मेरी क्षमताओं का उपयोग बड़े स्तर पर हो, तो तय करेगी।
स्मार्ट सिटीः मेरे माइंड में जो ब्लू प्रिंट था उस हिसाब से काम नहीं हो रहा है, मैं खुश नहीं हूँ
निशंक के सीएम रहते हुए मेयर के रूप में मेरा मनमुटाव हुआ था, बाद में सब ठीक हो गया
रिपोर्ट- मौ. फहीम ‘तन्हा’
देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मंत्रिमंडल में जल्दी ही विस्तार की संभावनाएं जताई जा रही हैं। माना जा रहा है कि कुछ सीनियर विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। धर्मपुर सीट से विधायक विनोद चमोली के नाम की भी चर्चा है। इस बार के खास मुलाकात में मिलिए सक्रिय राज्य आंदोलनकारी रहे, एक बार चेयरमैन रहे, दो बार मेयर रहे और दो बार के बीजेपी विधायक विनोद चमोली से।
प्रश्न.1- पुष्कर सिंह धामी सरकार के मंत्रिमंडल में विस्तार होना है, आपके नाम की भी बड़ी चर्चा है, कितनी उम्मीद है आपको मंत्री बनने की ?
उत्तर- मेरा संगठन जो मुझसे काम करवाना चाहेगा, उसके लिए मेरी भूमिका तय करेगा मैं कैडर का व्यक्ति हूँ। संघ से लेकर भाजपा तक जब जो जिम्मेदारी मिली है वो काम किया है। संगठन को लगेगा कि मेरा उपयोग बड़े स्तर पर होना चाहिए तो पार्टी ही तय करेगी। ये स्वाभाविक है कि मेरी क्षमताओं का लाभ अभी विधानसभा क्षेत्र को मिल रहा है, फिर वो वृहद रूप में मिलेगा।
प्रश्न.2- आपके विधानसभा क्षेत्र में कारगी, ब्राह्मण वाला, बंजारावाला आदि कुछ इलाकों में सड़कें खराब रहने की शिकायत हैं, क्या कारण है कि ठीक नहीं हो पा रही हैं?
उत्तर- मेरी विधानसभा क्षेत्र में 6 वार्ड ऐसे हैं जिनमें ब्लूप्रिंट तैयार करके काम चल रहा है। सीवर की, पानी लाइन, गैस पाइप आदि के काम हो रहे हैं, बरसात में काम हो रहा है, तो स्वाभाविक रूप से दिक्कतें भी आ रही हैं। लेकिन ये वार्ड आदर्श वार्ड के रूप में स्थापित होंगे। मेहूंवाला क्षेत्र की आज और पहले की स्थित देख लीजिए, अब सड़के चौड़ी हो गई हैं
प्रश्न.3- इन दिनों काफी चर्चा है शहर में जो हालात हैं, स्मार्ट सिटी के काम को लेकर भी सवाल उठते रहते हैं?
उत्तर- स्मार्ट सिटी का काम प्रभावित हो रहा है। मैने विषय उठाए हैं, जिस प्रकार का स्मार्ट सिटी मैं बनाना चाहता था, जो ब्लूप्रिंट मेरे माइंड में था उस प्रकार से नहीं हो रहा है । मैं खुश नहीं हूँ, मैं अच्छा कर सकता हूँ। मैने (मेयर रहते हुए) चकराता रोड चौड़ा किया। अब आप देखिए कि आड़त बाजार हम शिफ्ट करने जा रहे हैं। मैं कमिटमेंट को पूरा करने की कोशिश करता हूं।
प्रश्न.4- कमिटमेंट से याद आया कि आप मेयर रहते हुए एक बार अपनी ही निशंक सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गये थे?
उत्तर- गांधी पार्क में राजनीतिक कार्यक्रम, सभाएं, धरने-प्रदर्शन बहुत होने लगे थे। तो मैं वहां का मंच तोड़कर बैन लगाना चाहता था। लेकिन उसमें बात समझने में सरकार के स्तर पर थोड़ी अड़चन हो रही थी। मुख्यमंत्री (रमेश पोखरियाल) निशंक थे, उन्होने भी मुझसे बात की। फिर आखिरकार मंच टूटा और अब राजनीतिक गतिविधियां नहीं होती हैं।
प्रश्न.5- निशंक जी से कोई मनमुटाव हुआ था उस समय, क्योंकि होर्डिंग पॉलिसी लेकर भी विवाद हुआ था। क्या पैचअप हुआ बाद में?
उत्तर- बहुत मनमुटाव हुआ, मुझे होर्डिंग को लेकर भी बहुत लड़ाई लड़नी पड़ी। अब तो निशंक से ठीक है, हम सब साथ के लोग हैं। हमारे निर्णय पर ही बाद में शायद हरीश रावत सरकार में नीति बनानी पड़ी। और देखो आज छतों पर होर्डिंग नहीं हैं। जिससे पहले दुर्घटनाएं भी होती थीं।
प्रश्न.6- पिछले दिनों जब महेंद्र भट्ट जी प्रदेश अध्यक्ष बने थे, उस समय बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनने को लेकर आपके नाम की चर्चा हुई थी। क्या पार्टी आलाकमान की तरफ से कोई बात हुई थी आपसे ?
उत्तर- मुझे पूरा विश्वास है कि मेरी छवि और क्षमताओं को लेकर पार्टी अच्छी तरह अवगत है। कहीं ना कहीं मेरे लिए कोई उपयुक्त काम ढूंढ रही है। हमारा सामूहिक नेतृत्व है, कोई एक कांग्रेस की तरह निर्णय नहीं लेता है जैसे कांग्रेस में राहुल गांधी ने बोल दिया और हो गया। मोदी जी भी कुछ बोलते हैं तो पहले वो तय हो जाता है। पार्टी मेरे लायक कोई उपयुक्त काम तय करेगी तो मुझे पार्टी जरूर सौंपेगी।
प्रश्न.7- मुख्यमंत्री धामी से आपकी कैसी ट्यूनिंग है?
उत्तर- पहले से ही अच्छे संबंध हैं, पार्टी संगठन में भी छोटे भाई-बड़े भाई की तरह हैं। आज भी हमारे अच्छे संबंध हैं। मेरी बहुत शुभकामनाएं हैं, मुख्यमंत्री जी नौजवान हैं बहुत लंबे समय तक प्रदेश का नेतृत्व करें। हम सहयोगी के रूप में जितना सहयोग कर सकेंगे हम करेंगे। बहुत लंबे समय तक वो नेतृत्व कर सकते हैं, संवेदनशील हैं बहुत।
प्रश्न.8- आप राज्य आंदोलनकारी भी रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी के लैंड जिहाद, धर्मांतरण और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर एक्शन के फैसलों आप कैसे देखते हैं?
उत्तर- उत्तराखंड राज्य बहुत संघर्षों के बाद मिला है, प्रताड़नाएं झेली हैं, उत्तराखंड का मानस बहुत एग्रेसिव है, तेज़ी से चीजें चाहिए होती हैं। लेकिन जब हम काम करते हैं तो वो एक सिस्टम से होता है। इसमें वित्त का पहलू भी है, शासन-प्रशासन में भी प्रक्रिया चलती हैं। कई बार विलंब होने से लोगों में नाराजगी भी होती है। लेकिन अब देख रहा हूं कि मुख्यमंत्री धामी मूवमेंट बहुत कर रहे हैं, ये प्लस पाइंट है। दूसरा उनका सौम्य स्वभाव के हैं। तीसरा ये कि बड़े निर्णय हुए हैं, जैसे नकल कानून का मामला है। इसमें हमने फेस सेविंग नहीं की, बल्कि एक सख्त कानून बनाया। लैंड जिहाद अतिक्रमण भी ऐसा ही मामला है, सख्ती से काम हुआ है।
प्रश्न.9- लोकसभा चुनाव को लेकर क्षेत्र में आपकी तैयारी कैसी है?
उत्तर– कांग्रेस की राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि राज्य में भी स्थिति ठीक नहीं है। मेरी विधानसभा हरिद्वार लोकसभा सीट में आती है। हरीश रावत रिजेक्टेड लीडर हैं, क्योंकि जनता उनको जानती बहुत है लेकिन मानती नहीं है। प्रदेश में कांग्रेस के पास सेकंड लाइन लीडरशिप नहीं हैं। हमारे पास बहुत अच्छी लीडरशिप है। कैंडिडेट भी अच्छे और मजबूत लोग हैं। क्षेत्र में ज्यादातर सीनियर विधायक हैं सब काम कर रहे हैं।
प्रश्न.10- आपको लगता है कि प्रीतम सिंह को बीजेपी में आ जाना चाहिए, क्योंकि बहुत चर्चाएं रहती हैं?
उत्तर- देखिए प्रीतम सिंह जी पहले भी बीजेपी में आए हैं। और अब दोबारा भी आ सकते हैं उनकी इच्छा है। आलाकमान देख रहा होगा, लेकिन बीजेपी को ऐसी कोई जरूरत नहीं है कि कोई कैंडिडेट चाहिए। हम किसी को भी लड़ा देंगे तो वो भी जीतेगा, यह तय है।