
सीबीआई की एक विशेष अदालत ने कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता से जुड़े एक मामले में पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा को चार साल कैद की सजा
दिल्ली। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एक विशेष अदालत ने सजा की मात्रा पर बहस सुनने के बाद छत्तीसगढ़ में कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता से जुड़े एक मामले में पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा को चार साल कैद की सजा सुनाई है। इस मामले में दर्डा के साथ उनके बेटे देवेंदर दर्डा और मेसर्स जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मनोज कुमार जयसवाल को भी चार साल कैद की सजा सुनाई गई। इसके अलावा दिल्ली की इस अदालत ने बुधवार को इस मामले में पूर्व कोयला सचिव एच.सी.गुप्ता और दो लोक सेवकों – केएस क्रोफा और केसी सामरिया – को तीन साल की सजा सुनाई।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश संजय बंसल (Sanjay Bansal) ने दलीलें सुनने के बाद 13 जुलाई को पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा (MP Vijay Darda) और पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, दर्डा के बेटे देवेंद्र दर्डा, केएस क्रोफा और केसी सामरिया, मेसर्स जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक मनोज कुमार जयसवाल के खिलाफ दोषसिद्धि का आदेश पारित किया।
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अदालत ने सभी आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (भादस) के तहत परिभाषित धारा 120-बी (Criminal Conspiracy) और धारा 420 (Fraud) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया। अदालत ने भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 120-बी, 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) की कई अन्य धाराओं के तहत अपराध के लिए मेसर्स जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
अदालत ने कंपनी को भादस की धारा 420 के तहत गंभीर अपराध के लिए 25 लाख रुपये का जुर्माना भरने की सजा भी सुनाई। सीबीआई कोर्ट ने नवंबर 2014 में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करने से इनकार करते हुए केंद्रीय एजेंसी को मामले में आगे की जांच करने का निर्देश दिया था।