
मिशन इंद्रधनुष के लांच से पहले यूनिसेफ ने पत्ररकारों के साथ की मीडिया वर्कशॉप
पांच साल तक के सभी बच्चों को लगाए जाएंगे खसरा और रुबेला के टीके
सात अगस्त से लांच होगा मिशन इंद्रधनुष
नई दिल्ली। दुनियाभर में बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए काम करन वाली अंतर-राष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ (UNICEF) ने खसरा और रूबेला (Measles and Rubella) को जड़ से खत्म करने के मकसद से शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान की सफलता के लिए मीडिया के सहयोग की जरूरत जताई है। इसी लिए स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) के साथ मिलकर गुरुवार को एक मीडिया वर्कशॉप लगाई गई। इसमें टीकाकरण के आयाम और टीका करण को लेकर दुष्प्रचार रोकने की रणनीति पर खुलकर विचार विमर्श किया गया।

बता दें कि आगमी 7 अगस्त से देश में खसरा और रूबेल (Measles and Rubella) के खिलाफ पांचवा अभियान हो रहा है। इउसी लिए इसे ‘मिशम इंद्रधनुष’ (Mission Indradhanush) या ‘आईएमआई 5.0’ नाम दिया गया है। इसमें 5 वर्ष की आयु तक के बच्चों तक खुराक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रत्येक बच्चे को जीवन रक्षक टीके प्राप्त हों। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करके देश में खसरा और रूबेला उन्मूलन के लिए एक बड़ी छलांग लगाना है कि 5 वर्ष से कम उम्र के प्रत्येक बच्चे ने खसरा और रूबेला (Measles and Rubella) युक्त वैक्सीन (MRCV) की दो-खुराक पूरी कर ली हैं।
कार्यशाला में दिल्ली (Delhi) , उत्तर प्रदेश (UP), राजस्थान (Rajasthan), महाराष्ट्र (Rajasthan), पश्चिम बंगाल (West Bengal), असम (Assam) , मेघालय (Meghalaya) और मणिपुर (Manipur) सहित विभिन्न राज्यों के 50 से अधिक पत्रकारों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इनमें डॉ. एमएच ग़ज़ाली, संपादक, उर्दू न्यूज़ नेटवर्क; अरुण नेथानी, सहायक संपादक, दैनिक ट्रिब्यून; संजय अभिज्ञान, पूर्व कार्यकारी संपादक अमर उजाला; आबिद अनवर, उप प्रमुख, यूएनआई उर्दू; और अलका आर्य, वरिष्ठ स्तंभकार, ने समूह कार्यों में अपनी विशेषज्ञता प्रदान की, टीके के प्रति झिझक का मुकाबला करने और टीकाकरण को बढ़ावा देने पर चर्चा को समृद्ध किया।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Ministry of Health) की अतिरिक्त आयुक्त (प्रतिरक्षण) डॉ. वीना धवन ने मीडिया को IMI 5.0 अभियान और इस साल के अंत तक खसरा और रूबेला (Measles and Rubella) को खत्म करने के भारत के संकल्प से अवगत कराया। उन्होंने कहा, “आईएमआई 5.0 में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता। टीकाकरण (vaccination) के महत्व को प्रभावी ढंग से संप्रेषित करके, मीडिया पेशेवरों के पास सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देने और टीके की स्वीकृति और कवरेज को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने की शक्ति है। जागरूकता बढ़ाने और मिथकों का मुकाबला करने के माध्यम से, पत्रकार इस जीवन-रक्षक पहल की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
आईएमआई 3.0 और आईएमआई 4.0 के पिछले दौर ने भारत को 2021 और 2022 में टीकाकरण (vaccination) कवरेज में महत्वपूर्ण प्रगति करने में मदद की है, जैसा कि राष्ट्रीय टीकाकरण कवरेज (WUNIC) रिपोर्ट के नवीनतम डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ अनुमानों से पता चला है। देश ने 2021 में शून्य खुराक वाले बच्चों की संख्या को 27 लाख से घटाकर सफलतापूर्वक 11 लाख कर दिया। यह उपलब्धि न केवल भारत को विश्व स्तर पर सबसे अधिक वैक्सीन विश्वास वाले देशों में रखती है, बल्कि टीकाकरण के लिए एक मजबूत प्रवेश बिंदु के रूप में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (पीएचसी) के प्रति देश की अटूट प्रतिबद्धता को भी उजागर करती है।
हालाँकि, समान संख्या में 11 लाख बच्चों को 2022 में खसरा और रूबेला (Measles And Rubella ) की कोई खुराक नहीं मिली, जो खसरे के टीके कवरेज में देरी से सुधार का संकेत देता है। खसरे से गंभीर जटिलताएँ हो सकती हैं, जिनमें निमोनिया, मस्तिष्क क्षति, बहरापन, अंधापन और कभी-कभी मृत्यु भी शामिल है।