
भूस्खलन वाली जगह को जान हथेली पर रखकर पार किया जा रहा हैं। यह भी नकारा नहीं जा सकता कि जान को जोखिम में डालना लोगों की मजबूरी होगी, क्योंकि वो बखूबी जानते है कि ये कदम घातक हो सकता है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में शिमला-कालका हाईवे (Shimla-Kalka Highway) पर बार-बार भूस्खलन (landslide) प्रशासन की परेशानी को बढ़ा रहा है। हाईवे पर चक्की मोड़ के समीप बार-बार भूस्खलन हो रहा है। राहत न मिलने की सूरत में स्थानीय ग्रामीणों ने मलबे के बीच से पैदल ही आर-पार होना शुरू कर दिया।
भूस्खलन (landslide) वाली जगह को जान हथेली पर रखकर पार किया जा रहा हैं। यह भी नकारा नहीं जा सकता कि जान को जोखिम में डालना लोगों की मजबूरी होगी, क्योंकि वो बखूबी जानते है कि ये कदम घातक हो सकता है।
दरअसल, बार-बार भूस्खलन (landslide) की वजह से स्थिति ऐसी पैदा हो गई है कि लोग क्षतिग्रस्त हाईवे को पैदल भी पार नहीं कर पा रहे। बहरहाल उम्मीद की जानी चाहिए कि कम से कम पैदल क्रॉसिंग के लिए सुरक्षित रास्ते का निर्माण जल्द हो जाएगा। कुदरत का रहम ही है कि इस दौरान कोई हादसा घटित नहीं हुआ।
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होश उड़ाने वाले इस भूस्खलन (landslide) के बाद हाईवे का करीब डेढ़ सो मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। लगभग 50 मीटर हाईवे का तो नामोनिशान ही मिट गया है। हिमाचल (Himachal) के शिमला (Shimla), किन्नौर जिलों में सेब सीजन भी शुरू हो चुका है। यह हाईवे ही सेब की फसल को देश की मंडियों तक पहुंचाता है। हाईवे के अवरुद्ध होने के बाद सेब से लोड ट्रकों का ट्रैफिक सिरमौर मुख्यालय नाहन की तरफ से डायवर्ट किया गया है।
उधर, जहां तक हाईवे की बहाली का सवाल है तो आज बहाल होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। फ़िलहाल हाईवे के जल्द बहाल होने के आसार नजर नहीं आ रहे है।





