
मुंबई बम विस्फोटों से संबंधित अपील और पुष्टि मामलों के संचालन में गंभीरता की स्पष्ट कमी के लिए बुधवार को महाराष्ट्र सरकार की खिंचाई की
मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay high court) ने 07 जुलाई 2006 को हुए मुंबई बम विस्फोटों (Mumbai Bomb Blasts) से संबंधित अपील और पुष्टि मामलों के संचालन में गंभीरता की स्पष्ट कमी के लिए बुधवार को महाराष्ट्र सरकार की खिंचाई की।
न्यायमूर्ति नितिन साम्ब्रे (Justice Nitin Sambre) और न्यायमूर्ति राजेश पाटिल (Justice Rajesh Patil) की खंडपीठ को आज सूचित किया गया कि राज्य सरकार (State government) को मामले में दोषी ठहराए गए 05 व्यक्तियों की मौत की सजा की पुष्टि से संबंधित सुनवाई में अपनी ओर से उपस्थित होने के लिए अभी तक एक विशेष लोक अभियोजक (SPP) नियुक्त करना बाकी है।
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राज्य सरकार (State government) ने जब मामले में स्थगन की मांग की तो पीठ ने आज टिप्पणी करते हुए कहा ‘क्या आप इन अपीलों के साथ इसी तरह व्यवहार कर रहे हैं, सरकार इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है, हम कल सुबह राज्य के गृह विभाग के मुख्य सचिव को जवाब देने के लिए बुलाएंगे।
पीठ ने राज्य सरकार को 08 सितंबर तक एसपीपी नियुक्त करने का मुद्दा सुलझाने को कहा। इसके अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि जब मामले की अगली सुनवाई हो तो कानून और न्याय विभाग का एक अधिकारी अदालत में मौजूद रहे।
पीठ ने चेतावनी दी ‘हमें मध्य स्तर के अधिकारी नहीं चाहिए। हमें सरकार से कोई चाहिए. यदि परसों तक एसपीपी की नियुक्ति या किसी एपीपी को मामला सौंपने में उपरोक्त मुद्दे पर विफलता होती है, तो हम राज्य के गृह और न्याय विभाग के प्रमुख सचिव को बुलाएंगे।