
Created By: Nasir Rana
G20 Summit 2023: विश्व के सबसे पावरफुल देशों के राष्ट्राध्यक्ष हमारे देश की राजधानी दिल्ली पहुंच चुके हैं
G20 का कार्यक्रम आज 9 और कल 10 सितंबर को दिल्ली (Delhi) के प्रगति मैदान (Pragati Maidan) स्थित भारत मंडपम (Bharat Mandapam) में होगा। इसके लिए दिल्ली को अभेद किले के रूप में बदल दिया गया है इसके आसपास किसी भी तरह के ऑबजेक्ट के उड़ान पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है। इसके साथ ही दिल्ली (Delhi) के सभी स्कूलों और सरकारी ऑफिस को बंद कर दिया गया है। आखिर ये जी20 संगठन क्या है, ये कैसे काम करता है और इसके क्या प्रोसेस हैं। इस आर्टिकल में आपको इन सभी सवालों के जवाब पढ़ने को मिलेंगे।
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आखिर क्या मकसद है G20 का
जी20 (G—20) एक 20 सदस्यों का संगठन है जिसमें 19 सदस्य देश और यूरोपियन युनियन है. इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय युनियन शामिल है। ये संगठन दुनिया की 85 प्रतिशत जीडीपी, 75 प्रतिशत से ज्यादा विश्व व्यापार और दुनिया की दो तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है। ये संगठन विश्व आर्थिक सहयोग को मजबूत करने में, ग्लोबल बनाने में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाता है। विश्व में आर्थिक स्थिरता, सतत विकास और सदस्य देशों में नीति बनाने का काम करता है।
कैसे हुई G20 की स्थापना
1991 में सोवियत संघ USRR टूटने के बाद कोल्ड वार समाप्त हो गया। उसी समय दुनिया के कुछ देश जैसे ब्राजील, चीन और भारत आर्थिक रूप से उभर रहे थे। विश्व में जी8 (G8) और विश्व बैंक जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन आर्थिक अस्थिरता को रोक पाने में नाकामयाब साबित हो रहे थे। साल 1997 में एशिया (Asia) में वित्तीय संकट ने पूर्वी एशिया के कुछ देशों की बढ़ती अर्थव्यवस्थो पूरी तरह से खराब कर दिया था। इसका असर लेटिन अमेरिका (Latin America) तक फैल गया था। 1999 के अंत तक इस वर्तमान स्वरूप की स्थापना हुई। इससे पहले 2 राउंड की बैठक हो चुकी थी।
वार्षिक बैठक की शुरूआत
इस संगठन की बैठक 1999 से लेकर 2008 के बीच लोगों की नजरों से दूर हुई। सालाना बैठक की शुरुआत 2008 के आर्थिक मंदी के बाद हुई उस समय फ्रांस जो यूरोपियन युनियन का अध्यक्ष था उसने इस क्राइसिस से बाहर निकलने के लिए बैठक की मांग की। लेकिन जी8 या किसी संगठन के पास इसका समाधान नहीं था। जिसके बाद कई दौर की बातचीत के बाद ये तय हुआ कि जी20 ही इस आपातकाल से निकाल सकता है और इसकी सलाना बैठक होनी चाहिए।





