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लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने वाले रमेश बिधूड़ी को बीजेपी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।
आगामी चुनावों को देखते हुए दक्षिण दिल्ली सीट से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी को राजस्थान के टोंक जिले का प्रभारी नियुक्त किया गया है।बुधवार, 27 सितंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राजस्थान बीजेपी ने चार तस्वीरें पोस्ट की. इन तस्वीरों में रमेश बिधूड़ी, राज्य के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के साथ टोंक जिला समन्वय समिति की बैठक लेते हुए नजर आए।
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एक तरफ रमेश बिधूड़ी के आपत्तिजनक बयान की चारों तरफ आलोचना हो रही है, यहां तक की बीजेपी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है, वहीं दूसरी तरफ पार्टी,आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव को देखते हुए उन्हें ग्राउंड ज़ीरो पर ले जा रही है।
टोंक का प्रभारी बनाए जाने पर रमेश बिधूड़ी के साथ-साथ बीजेपी भी विपक्ष के निशाने पर है। कई दलों ने इसे लेकर आपत्ति दर्ज की है।ऐसे में कई सवाल उठते हैं कि रमेश बिधूड़ी पर कार्रवाई के बदले उन्हें अहम जिम्मेदारी क्यों दी जा रही है ? उन्हें दिल्ली से खास तौर पर टोंक क्यों ले जाया गया ? बीजेपी ऐसा कर क्या संदेश देना चाहती है ? चुनावी रण में रमेश बिधूड़ी,पार्टी के लिए कितने कारगर साबित हो सकते हैं ?
रमेश बिधूड़ी ने जब दानिश अली के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया, तो उसके केंद्र में उनकी धार्मिक पहचान ही थी।
वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्ता कहते हैं कि रमेश बिधूड़ी की ख्याति हिंदूवादी, कट्टरपंथी और विवादित बयान देने वाली रही है और उसी हिसाब से बीजेपी उनका इस्तेमाल कर रही है।
वे कहते हैं, “बीजेपी, रमेश बिधूड़ी को धुव्रीकरण के लिए टोंक जिले में ला रही है। अगर सिर्फ गुर्जर चेहरे की बात होती, तो बीजेपी, दिल्ली विधानसभा में अपने नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी को ला सकती थी, जो काफी तेज तर्रार और ख्याति के नेता हैं, लेकिन पार्टी ने ऐसा नहीं किया।
इतना ही नहीं, टोंक-सवाई माधोपुर संसदीय सीट पर पहले से बीजेपी के सुखबीर सिंह जौनपुरिया काबिज हैं, जो प्रदेश के उपाध्यक्ष भी हैं। वे खुद राज्य में एक बड़ा गुर्जर चेहरा है, जिनका इलाके में प्रभाव है।
अगले कुछ महीने, रमेश बिधूड़ी इलाके में घूम-घूमकर सभाएं और पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने का काम करेंगे।
वरिष्ठ पत्रकार शरद गुप्ता का मानना है कि चुनाव पास हैं और ऐसे में धुव्रीकरण को तेज किया जा रहा है।
वे कहते हैं, “प्रधानमंत्री जी प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर कहते थे कि मैं उन्हें दिल से माफ नहीं करूंगा। पांच सालों तक वे सम्मानित सांसद की तरह रहीं, किसी दूसरे सांसद के मुकाबले उनमें कोई फर्क नहीं था। उसी तरह से रमेश बिधूड़ी को मन से माफ नहीं किया, लेकिन प्रमोट कर दिया। यह डबल स्टैंडर्ड हैं। ऐसा कर यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि जो शब्द रमेश बिधूड़ी ने दानिश अली के लिए इस्तेमाल किए थे, वे सही हैं।टोंक जिले से कई बार सांप्रदायिक तनाव की खबरें सुनाई देती हैं। वरिष्ठ पत्रकार नारायण बारेठ कहते हैं, “टोंक का एक हिस्सा मालपुरा भी है, जहां से बीजेपी का विधायक है। वह सांप्रदायिक तौर पर तनावग्रस्त रहा है। वहां पर हिंदुओं-मुसलमानों के बीच लंबे समय से खटास रही है। बीजेपी इस जिले के ताने-बाने को ध्यान में रखकर इस तरह के फैसले ले रही है।