
नई दिल्ली। मोदी सरकार (Modi government) के लिए सिर्द बनने जा रही जातिगत जनगणना (caste census) को बिहार (Bihar) की नीतीश कुमार सरकार (Nitish Kumar Gvt) ने जातिगत जनगणना (caste census) कराकर यह सामने लाने का काम किया है कि पिछड़े और अगड़े कितने है यह सामने आ जाने के बाद अगड़ों के सामने परेशानियों के पहाड़ खड़े होंगे कि जब हमारी जनसंख्या ज्यादा है तो हमें हमारा हक़ मिलना चाहिए लेकिन मनुवादी लोगों को यह मंजूर नहीं है यह लड़ाई अब अपने मुकाम पर ले जाने के लिए सबको एक समान हक़ और जिसकी जितनी संख्या उतनी भागेदारी के हिमायती सड़क पर उतर सकते हैं।
कांग्रेस नेता जननायक राहुल गांधी पिछड़ों को उनका हक दिलाने के लिए मोदी सरकार से मांग कर रहे हैं महिला आरक्षण कानून में भी राहुल गांधी पिछड़ी जाति की महिलाओं के लिए अलग से संख्या के एतबार से कोटा निर्धारित करने की मांग कर रहे हैं। बिहार में जातिगत जनगणना (caste census) का डाटा आज सरकार ने आधिकारिक रूप से जारी कर दिया है।
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बिहार में हुए इस जातिगत जनगणना सर्वे (caste census survey) में कई महत्वपूर्ण तथ्य प्रकाश में आये हैं जो इस प्रकार से हैं। बिहार सरकार में अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह (Vivek Kumar Singh) ने जातीय आधारित गणना (Bihar Caste based census report) की रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि राज्य में कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा है।

पिछड़ा वर्ग-27.12 %
अत्यंत पिछड़ा वर्ग-36.01 %
अनुसूचित जाति-19.65 %
अनुसूचित जनजाति-1.68 %
सामान्य वर्ग 15.52 %
बिहार में किस धर्म की कितनी आबादी ?
हिन्दू- 81.99%
मुस्लिम- 17.70%
ईसाई-.05%
सिख- .01%
बौद्ध-.08%
किस जाति की कितनी आबादी?
ब्राह्मण- 3.67%
राजपूत- 3.45%
भूमिहार- 2.89%
कायस्थ – 0.60%
यादव – 14.26 %
कुशवाहा – 4.27
कुरमी- 2.87%
तेली- 2.81%
मुसहर- 3.08%
सोनार-0.68%
मल्लाह 2.60%
बढ़ई- 1.4%
कुम्हार- 1.4%
पासी- 0.9%
धोबी- 0.8%
मोची जाटव, रविदास- 5.2% बिहार सरकार (Bihar Government) के द्वारा यह आंकड़े सार्वजनिक होने के बाद देशभर में अलग बहस को जन्म दे दिया गया है देखते हैं कि दस साल से धार्मिक भावनाओं में बहकर वोट करने वाला पिछड़ा मतदाता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर कितना संवेदनशील है और इन आंकड़ों पर गौर कर अपना हकों को मांगता है या नहीं यह तो अगड़े पिछड़े की सियासत जब सड़क पर आएंगी तभी पता चलेगा लेकिन विपक्ष के इस मुद्दे में बहुत ताकत है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि संघ और भाजपा के तोते उड़ रहे हैं आरक्षण की विरोधी संघ और भाजपा दबी जुबान से ही सही आरक्षण की वकालत करने पर मजबूर हो रहीं हैं।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा जब जब पिछड़ों की बात करते हैं संघ और भाजपा (bjp) की सांसें रुक जाती हैं।
एक ज्योतिष के मुताबिक राहुल गांधी (Rahul Gandhi)और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की कुंडली एक समान है यही वजह है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) साफ़ सुथरी सियासत को भारत में जन्म देने में लगे हुए हैं वह हर उस दबे कुचलें को उसका देने की बात कर रहे हैं यह बात मनुवादियों को हज़म नहीं हो रही है।
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