
नई दिल्ली। भाजपा (BJP) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) की तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) की सरकार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कार्यक्रम (MANREGA) के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए केन्द्र सरकार से आज मांग की कि राज्य सरकार के इस बड़े घोटाले की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच करायी जाये और दोषियों को जेल में डाला जाए।
पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly) में भाजपा विधायक दल के नेता एवं सदन में नेता प्रतिपक्ष शुभेन्दु अधिकारी ने यहां भाजपा के केन्द्रीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह कृषि भवन में केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राज्य मंत्री साध्वी निरंजना ज्योति से मिल कर उन्हें मनरेगा में फर्जी जॉब कार्ड मामले में सभी साक्ष्य एवं शिकायती पत्र सौंपने जा रहे हैं और उन्होंने मांग की कि केन्द्र सरकार को इस घोटाले की सीबीआई से जांच कराने के आदेश जारी करने चाहिए।
अधिकारी ने कहा कि गांधी जयंती के दिन राजधानी दिल्ली में राजघाट (Rajghat) पर ड्रामा करने वाली तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के हाथ भ्रष्टाचार से रंगे हैं। उन्होंने कहा कि परिवारवाद, भ्रष्टाचार एवं तुष्टीकरण की राजनीति करने वाली तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) अब एक राजनीतिक पार्टी नहीं बल्कि एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन चुकी है।
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इस पार्टी ने राज्य के गरीबों, शोषितों एवं वंचितों का कोई ध्यान नहीं रखा और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat) जैसी गरीब एवं किसान हितैषी योजनाओं को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने अगले चुनावों में घमंडिया गठबंधन की साख बचाने के लिए ड्रामा रचा है। हमारी लड़ाई सड़क, विधानसभा और अदालतों में भी जारी रहेगी।
उन्होंने मनरेगा के जॉब कार्ड के आंकड़े साझा करते हुए कहा कि एक नवंबर 2022 को जॉब कार्ड की संख्या 3,88,86,457 थी जबकि जॉब कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने के बाद एक सितंबर 2023 को यह संख्या 2,56,13,432 रह गयी।
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इनमें से करीब साढ़े 23 लाख जॉब कार्ड वास्तविक आधारों पर डिलीट किये गये लेकिन एक करोड़ से अधिक जॉब कार्ड के निरस्तीकरण के बारे में कोई जवाब नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार (state government) को इस बारे में गड़बड़ी करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए कहा गया लेकिन बार बार के अनुरोध के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गयी तो वह इसे केन्द्र के समक्ष उठा रहे हैं।
अधिकारी ने कहा कि यदि ठीक से जांच हुई तो यह आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला निकलेगा जिसमें शत प्रतिशत केन्द्र का अनुदान होता है। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार (Narendra Modi Govt) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) की सरकार को प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा आदि योजनाओं के लिए भरपूर सहायता दी है।