
Israel & Gaza Shah Times
यूनाइटेड नेश्न्स ऑफिस फाॅर द काॅर्डिनेशन ऑफ हयूमेनिटेरियन अफेयरस की रिपाॅर्ट के अनुसार 2008 से लेकर 7 अक्टूबर 2023 तक इजरायल और फलिस्तीनियों के बीच हुए संघर्षों में दोनों देशों की ओर से मारे जाने वाले लोगों का आकड़ा जारी किया गया है
Created By Nasir Rana
नई दिल्ली। बीते शनिवार को फलिस्तीन के चरमपंथी गुट हमास द्वारा इजरायल पर पांच हजार राॅकेट से जब्रदस्त हमला किया गया था जिसके बाद इजरायल ने भी पूरी ताकत झोंकते हुए हमास को निशाना बनाया और गाजा पट्टी पर ताबड़तोड़ हमले किए जो अभी तक जारी हैं दोनों देशों में 1948 में हुए विभाजन के बाद से ही यरुशलम पर अपनी-अपनी दावेदारी को लेकर संघर्ष चला आ रहा है जिसमें बेतुल मुक्कदस मस्जिद-अल अक्शा को भी आजाद कराने के लिए अरब देशों ने भी इजरायल के साथ कई युद्ध किए जिसमें 1967, 1973 व सिक्स डे वाॅर मुख्य रूप से बड़ी जंग मानी गई है। इजरायल ने कई बार अरब देशों को शिकस्त दी है। जिसमें इजरायल को जानमाल की क्षति अरब देशों के मुकाबले नगण्य ही रही है।
यूनाइटेड नेश्न्स ऑफिस फाॅर द काॅर्डिनेशन ऑफ हयूमेनिटेरियन अफेयरस की रिपाॅर्ट के अनुसार 2008 से लेकर 7 अक्टूबर 2023 तक इजरायल और फलिस्तीनियों के बीच हुए संघर्षों में दोनों देशों की ओर से मारे जाने वाले लोगों का आकड़ा जारी किया गया है जिसमें फलिस्तीन के 6407 लोगों की मौत हुई है साथ ही इजरायल के कुल 308 लोग मारे गए है। इसमें सर्वाधिक फलिस्तीनियो की मौत 2014 में हुई थीं। जब इजरायल ने लगातार गाजा पट्टी पर 50 दिनों तक हमले किए थे साथ ही 2020 सबसे कम फलिस्तीनियों की जान गई थी। और इस रिपाॅर्ट के अनुसार इन 15 सालों में इजरायल के 6307 लोग घायल हुए हैं। वहीं फलिस्तीनियों का आंकड़ा 152560 तक पहुंच गया है जो एक बड़ी संख्या है।
अब हमास के द्वारा इजरायल पर किए गए हमले के बाद पहली बार इजरायली हजारों की संख्या में मारे गए है, तो वहीं अब इजरायल की जवाबी कारवाई में फलिस्तीनियों की मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को इन दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध को देखते हुए अरब काउंसिल की बैठक हुई जिसमें सभी 22 देशों के विदेश मंत्रियो ने शिरकत की और सभी ने एक मत होकर इजरायल द्वारा गाजा पट्टी पर किए जा रहे हमले की निंदा की गई और इजरायल से अपील की गई कि वो अपने हमलों को तुरंत रोके क्योंकि फलिस्तीन में निर्दोष लोगों की जान जा रही है। लेकिन इस बार अरब देशों का रुख इजरायल के प्रति कड़ा दिखाई दे रहा है तो वही अमेरिका भी खुलकर इजरायल के पक्ष में खड़ा हो गया है। ऐसे में अब पूरी दुनिया की नजर रूस पर टिकी है क्योंकि उसको फिलहाल अमेरिका का बड़ा प्रतिद्वंदी माना जा रहा है और दोनो ही देशों के रिश्ते फिलहाल यूक्रेन रूस के युद्ध को लेकर बहुत ही ज्यादा खराब व तनावपूर्ण हैं।