चंडीगढ़ । हरियाणा (Haryana) में किसानों के फसल अवशेष जलाने के मामलों में बड़ी गिरावट आई है और अब तक महज 741 ऐसे मामले सामने आए हैं।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने सोमवार को यहां बताया कि राज्य सरकार (state government) पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्णतया रोक लगाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उसने पराली प्रबंधन को लेकर ठोस कदम उठाए हैं। जिनकी बदौलत गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है।
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राज्य में अब तक पराली जलाने के 714 मामले सामने आए हैं जबकि वर्ष 2022 की अवधिक तक 893 मामले सामने आए थे। वहीं वर्ष 2021 में यह आंकड़ा 1508 था। पड़ोसी राज्य पंजाब (Punjab) में इस वर्ष अब तक पराली जलाने की 1794 मामले सामने आ चुके हैं।
प्रवक्ता के अनुसार राज्य सरकार (state government) प्रदूषण नियंत्रण (pollution control) को लेकर पराली जलाने के मामलों को गम्भीरता से लिया है और वह राज्य में पराली जलाने पर निगरानी और रोकथाम के लिए ड्रोन का इस्तेमाल भी कर रही है। वहीं पराली जलाने वाले किसानों पर प्राथमिकी भी दर्ज की जा रही है।
सरकार इसके अलावा किसानों को पराली न जलाने को लेकर जागरूक भी तथा उसने इसे न जलाने और इसके उचित प्रबंधन के लिए 1000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि का भी प्रावधान किया है। इसके अलावा कृषि विभाग (Agriculture Department) किसानों को पराली प्रबंधन के लिए विभिन्न मशीनें और उपकरण भी मुहैया करा रहा है।