जालंधर। पंजाब (Punjab) के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने राज्य की आम आदमी पार्टी (AAP) पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए कहा कि सतलुज यमुना लिंक नहर (SYL) के मुद्दे पर बहस की चुनौती देकर मुख्यमंत्री भगवंत मान लोगों को गुमराह कर दोफाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं।
सिद्धू ने मंगलवार को यहां प्रेसवार्ता में कहा कि मौजूदा समय में पंजाब का मुख्य मुद्दा एसवाईएल नहीं बल्कि राज्य को नशा मुक्त करना, फसल विभिन्नता, दलहन पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), कानून व्यवस्था और व्यापार हैं। उन्होने कहा कि राज्य सरकार केन्द्र की जनकल्याण योजनाओं को लागू नहीं कर लोगों के साथ धोखा कर रही है। सिद्धू ने कहा कि पिछले 25 वर्षों से एसवाईएल का मुद्दा चल रहा है। उन्होंने कहा कि एसवाईएल का कोई उदेश्य नहीं है यह केवल लोगों को आपस में लड़ाने के लिए है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि पंजाब (Punjab) के दरियाओं में पानी का स्तर बेहद कम हो चुका है इसलिए एसवाईएल नहर बनाने की बजाए जो भी पानी पंजाब (Punjab) के पास बचा है उसे व्यवस्थित करने की जरूरत है। उन्होंने ने कहा कि राज्य में 60 प्रतिशित बीमारियां केवल पीने के अशुद्ध पानी के कारण हैं। उन्होंने कहा कि काजोली वाटर वर्कस का पानी चंडीगढ़ को दिया जा सकता है तो पंजाब को क्यों नहीं दिया जा रहा। अगर राज्य के लोगों को पीने के लिए नहरी पानी उपलब्ध करवा दिया जाए तो आधी से अधिक बीमारियां अपने आप खत्म हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि पंजाब के 60 प्रतिशत सीवरेज का पानी सीधे दरियाओं में मिलने से पानी अशुद्ध हो चुका है। उन्होंने कहा कि हरिके पत्तन जो कभी ए ग्रेड था, सीवरेज का गंदा पानी मिलने से सी-ग्रेड का हो चुका है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार ने फसली विभिन्नता का वादा किया था, लेकिन आज भी राज्य में 80 प्रतिशत जमीन पर धान की फसल लगाई जा रही है जिसके कारण भूमिगत जल का स्तर लगातार गिर रहा है और अगर यह रफ्तार इसी प्रकार जारी रही तो आने वाले 15 से 20 वर्षों में पंजाब रेगिस्तान बन जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को दलहन पर एमएसपी नहीं मिलने के कारण किसान फसली विभिन्नता को नहीं अपना रहे हैं। उन्होंने आप की पंजाब सरकार पर राज्य का पैसा अन्य राज्यों में लुटाने का भी आरोप लगाया।
सिद्ध ने कहा कि आप सरकार ने लोगों को सस्ता रेत (वालू) देने का वादा किया था, लेकिन रेत के दाम पहले से तीन गुणा बढ़ चुके हैं। उन्होने कहा कि पठानकोट और हिमाचल प्रदेश से रोजाना 25 हजार ट्रक रेत आता है जिन पर माफिया द्वारा गुंडा टैक्स वसूल किया जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि राज्य में अन्य राज्यों से शराब की तस्करी हो रही है। उन्होंने राज्य में फर्जी शराब की फैक्ट्रियां लगी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में पुलिस राजनेताओं और तस्करों का नैक्सस काम कर रहा है। सिद्ध ने कहा कि आप सरकार ने पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने का वादा किया था लेकिन इसमें विफल रही सरकार अब दरबार साहिब में अरदास का सहारा ले रही है। राज्य में नशा पहले से कई गुणा बढ़ चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य से केवल माफिया को खत्म कर दिया जाए तो राज्य समृद्ध बन सकता है। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के कई राज्य केवल माफिया पर रोक लगाने से ही समृद्ध हुए हैं।
सिद्ध ने कहा कि राज्य में आप सरकार (AAP government) बनने से पहले ही महीने में सभी बिजली खरीद समझौते रद्द करने और सस्ती बिजली देने का वादा किया था, लेकिन इसके विपरीत इस समय उद्योगों को 17 रुपये प्रति यूनिट बिजली दी जा रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की आयुष्मान योजना को पंजाब सरकार (Punjab Government) ने लागू नहीं किया और सबके बने हुए कार्ड ऱद्द कर दिए थे, लेकिन अब चुनाव आने पर फिर से कार्ड बनाए जा रहे हैं जो केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए किया जा रहा है।
उन्होने कहा कि पंजाब में 2011 में जनगणना हुई थी। इतना समय गुजर जाने के बाद भी पंजाब सरकार जनगणना नहीं करवा रही है। पूर्व मंत्री ने पंजाब की शिक्षा नीति पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि अध्यापकों और आशा वर्करों को समय पर वेतन नहीं दे पा रही है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Maan) द्वारा एसवाईएल पर विपक्षी पार्टीयों को एक नवंबर को बहस की चुनौती देने पर सिद्ध ने कहा कि बहस करनी है तो पहले यह बताएं की राज्य में एल-वन शराब के लाईसेंस किसने जारी किए। कानून व्यवस्था, बिजली और दलहन को एमएसपी के मुद्दे पर बहस की जाए।