
कभी कभी सियासत करने वाले ऐसा सच बोल देते हैं जिसके किसी हद तक कहीं न कहीं सियासी नेता ही जिम्मेदार होते हैं क्योंकि अपनी सियासत को पंख लगाने के लिए ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का इस्तेमाल कर अपनी सियासी ज़मीन को बढाना होता है यूपी में भी यह फार्मूला सपा ने भी अपनाया था वह उन्हीं को आगे बढाती थी या है जो आपराधिक प्रवृत्ति होते है ताकि वह अपनी कॉम की भलाई के लिए कुछ मांग न कर सकें यह रणनीति होती हैं शातिर दिमाग के सियासी नेताओं की। पढ़े लिखे मुसलमानों को तर्जी नहीं दी जाती ताकि यह शीर्ष पर न पहुंचे। AIUDF चीफ मौलाना बदरुद्दीन बोले- दुनिया चाँद पर जा रही है और हम क्राइम में PHD कर रहे हैं।
असम में बंगाली मुस्लिमों की पार्टी कहलाने वाली एआईयूडीएफ (AIUDF) के चेयरमैन और जमीयत उलेमा के असम के प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने मुस्लिमों को अपराध में अव्वल बताया है। असम के धुबरी से लोकसभा सांसद बदरुद्दीन ने कहा है कि मुस्लिम ही रेप, लूट, चोरी, डकैती में नंबर वन हैं। मुस्लिम ही जेल जाने के मामले में भी नंबर वन हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम लड़के पढ़ाई नहीं करना चाहते, इसकी वजह से ऐसा है,बदरुद्दीन अजमल ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूछा, “ज्यादातर मुसलमान आपराधिक प्रवृति के और पृष्ठभूमि के क्यों हैं?
डकैती, बलात्कार, लूट जैसे अपराधों में मुसलमान नंबर वन क्यों हैं? हम जेल जाने में नंबर वन क्यों हैं? क्योंकि ज्यादातर मुस्लिम पढ़ाई नहीं करना चाहते हैं।” इसका मुस्लिमों ने विरोध किया तो उन्होंने सफाई में कहा, “मैंने कोई ऐसी बात नहीं की है जो गलत हो। मैंने जो कहा है वो तथ्य है।”बदरुद्दीन अजमल ने अपनी सफाई पेश की। उन्होंने कहा, “मैंने दुनिया भर के मुसलमानों में शिक्षा की कमी देखी है। मुझे बहुत दुख है कि मुस्लिम पढ़ाई नहीं करते, उच्च शिक्षा के लिए नहीं जाते। यहाँ तक कि मैट्रिक की परीक्षा तक पास नहीं कर पाते। इसीलिए वो अपराध की दुनिया में निकल जाते हैं,उन्होंने आगे कहा, “मैं चाहता हूँ कि मुस्लिम बच्चे ज्यादा से ज्यादा पढ़ाई करें और अच्छे रास्ते पर चलें,अजमल ने कहा कि लड़के महिलाओं को देखकर गलत व्यवहार करने लग जाते हैं। उन्हें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि उनके भी परिवार में महिलाएँ हैं। वो अपनी माँ-बहन के बारे में सोचेंगे तो महिलाओं को लेकर गलत बातें उनके मन में नहीं आएँगी,साल 2009 से धुबरी सीट से लगातार सांसद चुने जा रहे बदरुद्दीन अजमल ने आगे कहा, “हम अपनी कमियों को सरकार के माथे पर मढ़ देते हैं, जो कि गलत है। हमें अपने अंदर झाँकने की जरूरत है। हम अपने अंदर नहीं झाँकते, इसलिए हमारे समाज में समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं।
मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि लड़कों को पढ़ाई के लिए समय नहीं मिलता, लेकिन जुआ सट्टा खेलने के लिए वो समय निकाल लेते हैं। ये गलत है इसे हम छोडना होगा। लोग सूरज और चाँद पर जाने की तैयारी कर रहे हैं और मुस्लिम जेल जाने के मामले में पीएचडी कर रहे हैं। एक पुलिस स्टेशन चले जाइए, आँकड़ों से पता चल जाएगा कि मुस्लिम लोग हर अपराध में नंबर वन हैं।यहाँ यह भी कहना उचित होगा नाहक़ भी उन्हीं को फंसाने की कोशिश होती हैं यह भी सच है पुलिस सच्चाई पर पहुचने से पहले ही वह निर्दोष मुसलमानों को जेल भेज देती हैं इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता हैं जब हमें मालूम है कि हमारे साथ भेदभाव होता है तो हमें तो और भी सही रहने की कोशिश करनी चाहिए, पढ़े लिखे मुसलमान को भी अपने भाई को हिकारत भरी नजरों से नहीं देखना चाहिए बल्कि प्रयास करने चाहिए कि वह अपने उस भाई को कैसे अपने जैसा या अपने से बेहतर कैसे बना सकें लेकिन होता उल्टा हैं जो कुछ बन जाता है वह अनपढ़ मुसलमान को गया गुजरा समझने लगता हैं और उससे दूरी बना लेता है यह भी अपराध है जिसकी माफी नहीं है।