
मुज़फ्फरनगर, (काजी अमजद अली)। जिला मुजफ्फरनगर के प्राचीन तीर्थ स्थल शुकतीर्थ में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा मैया में स्नान कर पूण्य लाभ प्राप्त किया है। सोमवार सवेरे गंगा मैया के जय घोष के साथ श्रद्धालुओं ने भारी संख्या में गंगा मैया में स्नान कर पूजा अर्चना की व उगते सूर्य को जल तर्पण किया।
तीर्थ स्थल शुकतीर्थ में जिला पंचायत द्वारा कार्तिक गंगा स्नान पर मेले का आयोजन किया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान के लिये रविवार की शाम से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया था। जहाँ की रविवार की शाम श्रद्धालुओं ने गंगा के तट पर दीपदान किया।ट्रैक्टर ट्रॉली भैंसा बोगी सहित अन्य वाहनों से पहुंचे श्रद्धालुओं को भारी अव्यवस्थाओ का सामना करना पड़ा है रास्ते मे अनेक स्थानों पर जाम के कारण श्रद्धालु घण्टो जाम फँसे रहे।
शुकदेव ऋषि की तपोस्थली शुकतीर्थ में गंगा स्नान का बड़ा महत्व माना जाता है।यहीँ गंगा तट पर स्थित विशाल वट वृक्ष के नीचे शुकदेव ऋषि द्वारा राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण कराया गया था। भागवत कथा के श्रवण से राजा परीक्षित श्राप मुक्त हो गये थे।माना जाता है कि श्री मद्भागवत कथा का श्रवण करने के लिये स्वर्ग से देवता भी इसी स्थान पर एकत्र हुए थे।भागवत कथा का श्रवण करने से वट वृक्ष भी अमर अजर हो गया।तभी से इस वट वृक्ष का कोई पत्ता भी पीला न हुआ और यह विशाल वट वृक्ष आज तक हर भरा है। जिस समय शुकदेव ऋषि भागवत कथा को सुना रहे थे इसी समय वट वृक्ष पर बैठा तोते का एक जोड़ा भी इस अमृत कथा को सुन रहा था।



भागवत कथा के अमृतपान करने से वह तोते का जोड़ा भी सदैव के लिये अमर हो गया। जो आज भी इसी वट वृक पर विराजमान है। इसी तोते के जोड़े के दिव्य दर्शन श्रद्धालु करते हैं तथा मनोकामना करते हैं।श्रद्धालु मनोकामना सिद्धि को वट वृक्ष की परिक्रमा कर पूण्य लाभ लेते हैं।व भगवान का स्मरण कर मनोकामना पूर्ण होने के लिये वट वृक्ष के तनो पर धागा बांधते हैं। इस विशाल अमर अजर वट वृक्ष की महत्ता यहीँ पूर्ण नही होती इसी वट वृक्ष पर गणेश जी भी अपने रूप में विराजमान हैं।गणेश भगवान की आकृति को पेड़ पर देख श्रद्धालु आचम्भित होते हैं।तथा उनकी आस्था दृढ़ हो जाती है।वहीँ सेंकडो फुट ऊंचाई पर वट वृक्ष कर नीचे की शुकदेव ऋषि का मन्दिर स्थित है।
जिसमें पूजा कर प्रसाद चढ़ाया जाता है।आश्रम के अधिष्ठा स्वामी ओमानन्द महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करने को श्रद्धालुओं की कतार लगी रहती है।शुकदेव आश्रम का जीर्णोद्धार करने वाले तीन सदी के युग दृष्टा शिक्षा ऋषि स्वामी कल्याण देव महाराज की समाधि पर जाकर श्रद्धालु उन्हें नमन करते हैं।इसी दौरान आश्रम के कथा भवन में श्रीमद्भागवत कथा भी जारी है।जहाँ श्रद्धालु कथा का श्रवण कर रहे हैं व भक्ति संगीत पर झूम रहे हैं।
शुकतीर्थ के प्रमुख आश्रमो में हमुन्त धाम,गणेश धाम,शिवधाम,दण्डी आश्रम,महेश्वर आश्रम,गौड़ीय मठ, पार्वती धाम,तिलकधारी आश्रम,शनिधाम,महाशक्ति सिद्ध पीठ,अन्न पूर्णागिरि सिद्ध पीठ आश्रम सहित अनेक आश्रमो व मन्दिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मौजूद है।
गंगा तट पर भारी सुरक्षा के बीच श्रद्धालु गंगा मैया में स्नान कर रहे हैं महिलाओं के लिये अलग से स्नान घाट बनाया गया है। महिला श्रद्धालुओं ने गंगा घाट पर फैली गन्दगी पर रोष प्रकट किया। व बेहतर सुविधाओं की मांग की।
स्नान मेले के दौरान पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी व्यवस्था बनाने में जुटे रहे।गंगा घाट,मेला स्थल, मीना बाजार,बस स्टेण्ड, पुलिस चौकी,अम्बेडकर चौक,ढलान चौक,गंगा सेतु आदि स्थानों पर पुलिस ने विशेष सतर्कता दिखाई।
जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ.वीरपाल निर्वाल ने बताया कि शुकतीर्थ गंगा स्नान मेले को लेकर जिला पंचायत द्वारा विशेष प्रबंध किये गये थे। प्रशासनिक टेन्ट,मेला ग्राउण्ड में अनेक व्यवस्थाओं सहित, बेरिकेडिंग,बेरियर, सांस्कृतिक आयोजन,सी सी टी वी कैमरों की व्यवस्था आदि का प्रबंध किया गया है। स्नान मेला प्राचीन भारतीय संस्कृति के दर्शन कराता देश व प्रदेश की भाजपा सरकार सन्तों का आशीर्वाद लेकर हिन्दू संस्कृति से प्रेरणा प्राप्त कर तीर्थ स्थलों का विकास करने में जुटी है। शुकतीर्थ के विकास के लिये भी निरन्तर कार्य जारी हैं
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