
भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज पुलिस मुख्यालय सभा कक्ष में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिए कि मध्यप्रदेश में अपराधों के नियंत्रण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्मार्ट पुलिसिंग की अवधारणा को मूर्तरूप देने के लिए ऐसा कार्य हो जो उदारण बन सके।
आधिकारिक जानकारी में डॉ यादव ने कहा कि पुलिस कर्मी अपना कार्य अधिक अच्छे ढंग से कर सकें, इसके लिए उन्हें प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। पुलिस कर्मियों के लिए आवास व्यवस्था का कार्य प्रत्येक स्तर पर सहयोगी रूख से आसान बनाया जाए। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे समुदाय हैं जिनके कुछ लोग अपराधिक प्रवृति से जुड़े हैं, उन्हें भी मुख्य धारा में लाने का प्रयास हो। जिन जिलों में अपराध दर अधिक है वहां विस्तृत कार्य योजना बनाई जाए। अवैध हथियारों की तस्करी और शराब माफिया पर प्रभावी कार्यवाही हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनिज माफिया के विरूध भी सख्त कार्यवाही खनिज विभाग के समन्वय से की जाए। आगामी 20-25 वर्ष की आवश्यकताओं को देखते हुए आवश्यक कार्य योजना बनाकर क्रियान्वयन प्रारंभ किया जाए। उन्होंने कहा कि उच्च पद के प्रभार और राज्य पुलिस सेवा से अखिल भारतीय सेवा में अधिकारियों की पदोन्नति की कार्यवाही को भी गति दी जाए। निरीक्षकों के पदों पर पदोन्नति सहित अन्य पदों पर भी पदोन्नति के कार्य में विलम्ब न हो। अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों में भी कार्यवाही की जाए। नगर और ग्राम सुरक्षा समितियों को सक्रिय किया जाए।
अपर मुख्य सचिव गृह डॉ राजेश राजौरा ने वाहनों की आवश्यकता और उसकी पूर्ति के प्रस्ताव सहित पुलिस कर्मियों के कल्याण सहित अन्य प्रस्तावों से अवगत करवाया। बैठक में पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना ने पुलिस विभाग की व्यवस्था और कार्य प्रणाली से संबंधित प्रस्तुतिकरण दिया प्रस्तुतीकरण में प्रमुख रूप से कार्य प्रणाली के आधार स्तंभ, राज्य पुलिस की संरचना, कानून व्यवस्था एवं नक्सल विरोधी अभियान, अपराध नियंत्रण, तकनीकी के उपयोग , बजट, अधोसंरचना विकास और मानव संसाधन विकास के साथ-साथ विभाग की सफलता और उपलब्धियों की जानकारी दी गई।
प्रारंभ में मुख्यमंत्री के पुलिस मुख्यालय पहुंचने पर परिसर में पुलिस बल ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। डॉ यादव को पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक के पश्चात पुलिस महानिदेशक एस के सक्सेना ने स्मृति चिन्ह भेंट किया। डॉ यादव ने कहा कि पुलिस की दक्षता बढ़ाने वाले विभागीय कार्यों को महत्व दिया जाए। प्रत्येक तरीके के अपराधों पर सख्ती से नियंत्रण हो। मध्य प्रदेश को अपराध नियंत्रण में वर्तमान स्तर को दुरुस्त करना है।
डॉ यादव ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस गणतंत्र दिवस जैसे समारोह की गरिमा को ध्यान में रखते हुए हर जिले में पुलिस बैंड तैयार करें। बटालियन में बैंड सीखने में रुचि रखने वाले जवानों को ट्रेनिंग दी जाए। बटालियन के साथ-साथ होमगार्ड में से भी इच्छुक जवानों को पुलिस बैंड में शामिल करें। जिला स्तर पर भी पुलिस बैंड हो। इस बैंड से कार्यक्रमों की गरिमा बनती है।
पुलिस थानों के क्षेत्र की सीमाओं के संबध में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने के लिए इसकी योजना बनाएं। थाने के क्षेत्र की जनसंख्या, अपराध केंद्रित क्षेत्र, धार्मिक संवेदनशीलता और अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर योजना बनाएं। जिन धार्मिक स्थानों में वर्ष में कई बार सवारी निकालने, चल समारोह और उत्सव की परम्परा है वहां आवागमन को सहज बनाने, आवश्यक पार्किंग व्यवस्था और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।
जोनल मास्टर प्लान बनाते वक्त अथवा सरकारी भूमि के लैंड यूज में बदलाव की योजना में पुलिस भी अपराध और भीड़ नियंत्रण को ध्यान में रखकर अपना अभिमत दे जिससे जनहित में जरूरी प्रबंध हो सकें। पुलिसकर्मियों की दक्षता बढ़ाने के लिए मौजूदा संसाधनों में बेहतर कार्य के प्रयास करें। ओरछा, उज्जैन और अन्य नगरों में धार्मिक मेलों पर भीड़ नियंत्रण की व्यवस्थाओं को अधिक प्रभावी बनाना है।
पुलिस बल के पदों पर प्रत्येक स्तर के प्रमोशन समय पर किए जाएं। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी पुलिसकर्मियों को प्रोत्साहन मिलता रहे ताकि वे अपने कार्य और दायित्व को अच्छे से करते रहें।पुलिस कर्मियों की आवास की समस्या का निराकरण हो। पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन स्तर और पुलिस कर्मियों द्वारा निजी स्तर पर आवास की व्यवस्था के लिए सहयोग दिया जाए। पुलिस थानों की सीमाओं के संबंध में कुछ स्थानों पर विसंगतियों की जानकारी मिली है, इन्हें दूर किया जाए। देह व्यापार पर अंकुश लगाने की दिशा में कार्य करें। सामाजिक स्तर और सद्भाव के साथ इस प्रकार के अपराधों में विशेष संवेदनशीलता रखें।
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