
DGCA: साल 2023 में 1622 कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस जारी कर बनाया रिकॉर्ड
नई दिल्ली। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने देश में तेजी से बढ़ रहे विमानन उद्योग की जरूरतों को देखते हुए विमान चालकों यानी पायलटों की संख्या बढ़ाने में बीते वर्ष रिकॉर्ड कायम किया और 1622 वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (CPL) जारी किये जो वर्ष 2022 की तुलना में करीब 40 प्रतिशत अधिक है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) के अनुसार विमानन नियामक डीजीसीए ने एक दशक में सबसे अधिक संख्या में वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस जारी करने का रिकॉर्ड बनाया है।
डीजीसीए ने वर्ष 2023 में एक दशक के उच्चतम 1622 सीपीएल जारी किये हैं। इनमें से 18.12 प्रतिशत महिला पायलट (Female pilot) हैं जो वर्ष 2022 की तुलना में 22.5 फीसदी अधिक है। भारत को महिला पायलट लाइसेंस वाले अग्रणी देशों में से एक माना जाता है और महत्वपूर्ण प्रतिशत वृद्धि नागरिक उड्डयन क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
यह अनुमान लगाया गया है कि अनुसूचित एयरलाइंस में कार्यरत कार्यबल में से 14 प्रतिशत महिला पायलट (Female pilot) हैं। वर्ष 2023 में वर्ष 2022 में जारी किए गए 1165 लाइसेंस के पिछले रिकॉर्ड में 39.22 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। यह लगातार दूसरा साल है जब जारी किए गए लाइसेंसों की संख्या में लगातार रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गयी है।
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उन्होंने कहा कि यह वृद्धि ऐसे समय में दर्ज की गयी है जब देश का नागरिक उड्डयन क्षेत्र (Civil Aviation Sector) कोरोनो वायरस महामारी के बाद तेज गति से सामान्य हो रहा है। एयर इंडिया और इंडिगो (Air India and Indigo) जैसे कई प्रमुख ऑपरेटरों ने वाणिज्यिक विमान संचालन के लिए नए विमानों के बेड़े के लिए ऑर्डर देने की घोषणा की है। लाइसेंस जारी करने में वृद्धि विमानन क्षेत्र की सुरक्षा, अनुपालन और बढ़ी हुई परिचालन मांगों को सुनिश्चित करने के लिए नियामक द्वारा किए गए अथक प्रयासों और कठोर मानकों का नतीजा है।
इसके अतिरिक्त, छोटे व्यवसाय और हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने के लिए, नियामक ने एक नए हेलीकॉप्टर उड़ान प्रशिक्षण संगठन को मंजूरी दे दी है, जो उम्मीदवारों को प्रशिक्षण लेने और हेलीकॉप्टरों के लिए वाणिज्यिक लाइसेंस प्राप्त करने में सक्षम करेगा। इसके साथ, यह उम्मीद की जाती है कि बड़े पैमाने पर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी सेवाओं (RCS), तीर्थयात्रा, एयर-एम्बुलेंस इत्यादि में लगे हेलीकॉप्टर उद्योग (helicopter industry) पूर्व-सैन्य पायलटों के अलावा अतिरिक्त पूल प्राप्त करके चालक दल की संख्या के मामले में आगे बढ़ेंगे।







