
अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम
गांधी और अंबेडकर के साथ भी मनुवादियों ने यही किया था
लखनऊ । अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम (Shahnawaz Alam) ने असम के एक मन्दिर में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को जाने से रोक दिए जाने की तुलना बाबा साहब अंबेडकर को महाराष्ट्र के कालाराम मन्दिर में प्रवेश करने से रोक दिए जाने की घटना से की है। उन्होंने कहा कि जातिगत जन गणना की बात करने वाले राहुल गांधी मनुवादी विचारों वाली भाजपा की नज़र में शूद्र हैं जिन्हें भाजपा शासित राज्य के मन्दिर में प्रवेश नहीं दिया जा सकता।
शाहनवाज़ आलम (Shahnawaz Alam) ने कहा कि भाजपा संविधान को बदल कर जिस तरह की मनुवादी व्यवस्था लादना चाहती है उसमें दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और महिलाओं की समानता और अधिकार की बात करने वाले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को मन्दिर प्रवेश से रोका जाना आश्चर्यजनक नहीं है। इन्हीं शक्तियों ने अपने आश्रम में दलितों को रखने के कारण गांधी जी को भी हिंदू धर्म से बाहर करने का अभियान चलाया था। उसी तरह बाबा साहब अंबेडकर को भी अपने समतावादी विचारों और दलितों पिछड़ों के आरक्षण की मांग के कारण मनुवादी लोग मंदिरों में नहीं घुसने देते थे। मनुवादियों की नज़र में गाँधी और अंबेडकर को मानने वाले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) नए शूद्र हैं।
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उन्होंने कहा कि जब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने किसानों की जमीनों की लूट के लिए लाए गए भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध किया तो उन्हें कॉर्पोरेट मीडिया ने अपनी पॉजिटिव खबरों से बाहर कर दिया और आज जब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं तो उन्हें मनुवादी सरकार मंदिर में जाने से रोक रही है। उन्होंने कहा कि आज ज़रूरी है कि दलित, पिछड़े और प्रगतिशील तबके उसी तरह राहुल गांधी के साथ खड़े हों जैसे एक समय वो गाँधी और अंबेडकर के साथ खड़े हुए थे।
शाहनवाज़ आलम (Shahnawaz Alam) ने कहा कि मणिपुर से मुंबई (Manipur to Mumbai) तक की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ (Bharat Jodo Nyay Yatra) निकाल कर राहुल गांधी भारत और उसके संविधान की प्राण प्रतिष्ठा कर रहे हैं। राम दीन-दुखियारों के साथ खड़े होते थे इसलिए राम को मानने वाले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मणिपुर की राज्य प्रायोजित हिंसा के शिकार लोगों के साथ खड़े हुए। जबकि मोदी जी के लिए राम सिर्फ़ वोट दिलवाने वाले प्रतीक हैं इसीलिए मोदी 8 महीने से हिंसा झेल रहे मणिपुर नहीं गए।







