
Karpuri Thakur shahtimesnews
कोलकाता,(Shah Times)। पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया ने लेखक संतोष सिंह और आदित्य अनमोल की ‘द जननायक कर्पूरी ठाकुर: वॉइस ऑफ द वॉइसलेस’ नामक पुस्तक के प्रकाशन की घोषणा की है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जन्म शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है और समाज में उनके असाधारण योगदान के मद्देनजर केंद्र सरकार ने श्री ठाकुर को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने की घोषणा की है।
मई 2024 में आने वाली यह पुस्तक जननायक के नाम से लोकप्रिय श्री ठाकुर के जीवन, विरासत और स्थायी प्रासंगिकता पर प्रकाश डालेगी। श्री ठाकुर एक दिग्गज राजनीतिक थे, जिन्होंने बिहार और भारतीय राजनीति के परिदृश्य पर अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है। उनकी दूरदर्शी राजनीति पर ध्यान केंद्रित करते हुए (जिसने आरक्षण में आरक्षण या समानता में समानता जैसी अभूतपूर्व अवधारणाओं को पेश किया) यह पुस्तक 1978 में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी), आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और महिलाओं के बीच आरक्षण को विभाजित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है। यह एक ऐसा मॉडल है, जिसने मंडल आयोग की सिफारिशों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया।
इसने भारत में आरक्षण की वर्तमान प्रणाली को परिभाषित किया है। यह पुस्तक बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में विभिन्न सामाजिक वर्गों के लिए आरक्षण आवंटन की ठाकुर की ऐतिहासिक घोषणा सहित एक समतापूर्ण समाज की दिशा में उनके व्यावहारिक दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डालती है। पुस्तक में बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री लालू प्रसाद और श्री नीतीश कुमार जैसे राजनीतिज्ञों के विचारों को शामिल किया गया और श्री ठाकुर की समाजवादी विचारधारा पर प्रकाश डालती है।
समाजवादी राजनीति पर श्री ठाकुर के सिद्धांतों पर रचित यह पुस्तक लोकतांत्रिक समाजवाद की अवधारणा पर एक सामयिक बहस को जन्म देती है, जिसमें पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ. लोहिया, श्री जयप्रकाश नारायण ( जेपी) और डॉ. बीआर अंबेडकर जैसे दिग्गज राजनीतिज्ञों के सर्वोत्तम विचारों का समावेश है। जननायक ठाकुर भारतीय राजनीति और समाज के जटिल परिदृश्य को समझने की इच्छा रखने वाले पाठकों के लिए एक मार्गदर्शक की तरह काम करती है।
यह पुस्तक गरीबी की अवरोधकों को पार करने और कठोर सामाजिक संरचना द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों (पूर्वनिर्धारित सामाजिक-आर्थिक पदानुक्रम में किसी भी प्रगति में बाधा डालती है) पर काबू पाने के लिए एक दिशासूचक गाइड के रूप में भी कार्य करती है। पुस्तक के प्रकाशन पर टिप्पणी करते हुए लेखक सिंह ने कहा, “मैं पेंगुइन द्वारा समाजवादी किंवदंती और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर पर रचित पुस्तक आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए बहुत उत्साहित हूं और श्री ठाकुर को भारत रत्न मिलने की घोषणा से मेरी खुशी दोगुनी हो गई है।” उन्होंने कहा कि श्री ठाकुर की स्थायी विरासत सिर्फ ओबीसी आरक्षण को आगे बढ़ाना नहीं है, बल्कि उनकी समावेशी और एकजुट राजनीति है।
वहीं, सह-लेखक अनमोल ने कहा, “मैं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर पर हमारी आने वाली किताब को लेकर रोमांचित हूं। जननायक का जीवन समावेशी राजनीति के माध्यम से लोकतंत्र को गहरा करने और वंचितों को सशक्त बनाने के संघर्ष की एक मनोरंजक कहानी के रूप में सामने लाता है। जननायक को हाल ही में भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा ने मुझे बेहद खुशी से भर दिया है, जो आज की दुनिया में उनकी समावेशी और न्यायसंगत नीतियों की स्थायी प्रासंगिकता को प्रमाणित करता है।”
संयुक्त प्रकाशक, विंटेज और प्रमुख, बैकलिस्ट, पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया प्रेमंका गोस्वामी ने कहा, “श्री कर्पूरी ठाकुर ने अपने जीवन, दर्शन और कार्य के माध्यम से भारत की राजनीति और समाज पर गहरी अमिट छाप छोड़ी है। पूर्व मुख्यमंत्री ने बिहार और भारत में समतामूलक समाज की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह पुस्तक, द जननायक, कर्पूरी ठाकुर के जीवन और समय पर प्रकाश डालने के लिए तैयार है। हमें पूरी उम्मीद है कि यह पुस्तक पाठकों के व्यापक वर्ग को रुचिकर लगेगी।”
पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया का प्रकाशक माइली एश्वर्या ने कहा, “यह जननायक कर्पूरी ठाकुर पर एक सामयिक और महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो उनकी राजनीतिक यात्रा, योगदान और हाशिये पर पड़े लोगों की समानता और उत्थान के लिए उनके आजीवन संघर्ष पर प्रकाश डालेगी। मैं लेखक संतोष सिंह और आदित्य अनमोल को उनके प्रयासों के लिए बधाई देती हूं और पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया में उनका स्वागत करती हूं।’