
कांग्रेस की वजह से टला चंपई सोरेन कैबिनेट का विस्तार, कई के सर पर मंडराया संकट
रांची। झारखंड (Jharkhand) में आज होने वाली चंपई सोरेन (Champai Soren) कैबिनेट का पहला विस्तार टाल दिया गया। राजभवन (Raj Bhavan) से आये संदेश के अनुसार मुख्यमंत्री के आग्रह पर राज्यपाल ने 16 फरवरी को कैबिनेट विस्तार की अगली तारीख तय की है। अचानक बदले मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख ने बताया दिया कि चंपाई कैबिनेट में जगह बनाने के लिए सिरफुटौव्वल चल रहा है।
चंपई सोरेन (Champai Soren) द्वारा कैबिनेट विस्तार की तारीख 8 फरवरी तय किये जाने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर (Rajesh Thakur) ने कहा कि हम 8 फरवरी के लिए तैयार नहीं थे। राहुल गांधी की भारत जोड़ों न्याय यात्रा जो 14 और 15 फरवरी को गढ़वा-पलामू में होनी है, उसको लेकर कांग्रेस की तैयारी चल रही है, राहुल गांधी की यात्रा के बाद तारीख तय हो तो बेहतर है। कांग्रेस अध्यक्ष का ये बयान तो बस सिक्के का एक पहलू मात्र है, दरअसल कांग्रेस के अंदर मंत्री पद को लेकर जबदस्त खींचतान चल रही है।
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हेमंत सोरेन सरकार में वित्तमंत्री रहे रामेश्वर उरांव को लेकर कहा जा रहा है कि पार्टी के अंदर चल रही गुटबाजी के कारण उन्हे कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाएगी। वही स्वास्थ्य मंत्री रहे बन्ना गुप्ता और कृषि मंत्री रहे बादल पत्रलेख पर भी संकट के बादल मंडरा रहे है। कांग्रेस के अंदर मंत्री पद को लेकर चल रही रस्साकस्सी के बीच प्रदेश कांग्रेस (Congress) प्रभारी गुलाम अहमद मीर (Ghulam Ahmed Mir) दिल्ली चले गए है। वो पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपल और अन्य आला नेताओं से मंत्रिमंडल को लेकर चर्चा करेंगे। कांग्रेस की ओर से फाइनल लिस्ट आने के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।
वही जेएमएम में हेमंत सरकार में रहे मंत्री दोबार चंपाई कैबिनेट (champai cabinet) में जगह बना सकते है, ऐसा माना जा रहा है। शिबू सोरेन (Shibu Soren) परिवार से सीता सोरेन (Sita Soren) और बसंत सोरेन (Basant Soren) के नाम पर मंत्रणा चल रही है। माना जा रहा है कि इन दोनों में से किसी एक को या फिर दोनों को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। शिबू सोरेन (Shibu Soren) की सहमति मिलने के बाद ये नाम तय हो जाएगा। वैसे सीता सोरेन पहले ही कह चुकी है कि उन्हे गुरूजी का आशीर्वाद मिल चुका है। कांग्रेसद और जेएमएम के बीच विभाग बंटवारे में पुराना फाॅर्मूला ही चलेगा, जिस पार्टी के पास जो विभाग था वही रहेगा, ऐसा लगभग तय है।