
ज्योतिष शास्त्र अनुसार कुंडली में मौजूद हर एक ग्रह का अपना एक स्थान और उसका लाभ होता है, लेकिन कभी-कभी किसी व्यक्ति की कुंडली में एक ग्रह की दशा भी खराब हो जाए तो उस व्यक्ति को कई तरह की शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ज्योतिष में दो ग्रह होते हैं और उनमें से अगर मैं मंगल की बात करूँ तो मंगल क्रूर ग्रहों में आता है। अगर मंगल कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें घर में बैठ जाएं तो कुंडली में मांगलिक दोष हो जाता है। ज्योतिष एवं वास्तु विशेषज्ञ रजत सिंगल से जानते है मांगलिक दोष के क्या परिणाम होते है और क्या उपाय कर मांगलिक दोष को दूर किया जा सकता है।
ज्योतिष विशेषज्ञ रजत सिंगल से जाने मांगलिक दोष के कारण
1) मंगल ग्रह की स्थिति: जब मंगल ग्रह जन्म कुंडली में प्रभावशाली भावों में स्थित होता है, जैसे कि प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, आठवां या द्वादश, तो मांगलिक दोष उत्पन्न होता है।
2) द्विस्वभावी मंगल: कई बार कुंडली में मंगल ग्रह द्विस्वभावी यानी मित्र और शत्रु भाव में स्थित होता है, तो भी मांगलिक दोष उत्पन्न होता है।
3) आंशिक मांगलिक दोष: कुछ कुंडली में मंगल ग्रह केवल कुछ विशेष भागों में या केवल नवम भाव में स्थित होता है, तो आंशिक मांगलिक दोष कहलाता है। यह दोष पूर्ण मांगलिक दोष की तुलना में कम प्रभावशाली होता है।
यह अवगुण विवाह के दौरान या पति-पत्नी के बीच आपसी संबंधों में होने वाली समस्याओं का संकेत करता है। मांगलिक दोष के कुछ मुख्य प्रभाव हो सकते हैं, जैसे कि विवाहित जोड़ी के बीच मनमुटाव, तलाक, स्वास्थ्य समस्याएं आदि।
ज्योतिषी रजत सिंगल अनुसार मांगलिक दोष से क्या समस्या होती है
मनमुटाव: मांगलिक दोष वाले व्यक्ति का विवाह देर में होता है और अगर जीवनसाथी मांगलिक न हो तो दांपत्य जीवन में मनमुटाव रहता है जिसके कारण कभी-कभी विवाह विच्छेद या तलाक हो जाता है।
स्वास्थ्य समस्याएं: ऐसे जातक को स्वास्थ्य समस्याएं होती रहती हैं जैसे पुरुषों में मुंह और दांतों से संबंधित रोग ज्यादा देखने को मिलते हैं।
संतान समस्याएं: मांगलिक दोष वाले जोड़े को संतान सुख में कमी हो सकती हैं जैसे गर्भधारण में समस्या या पुत्र संतान का न होना।
पारिवारिक तनाव: इन जातकों के पारिवारिक संबंधों में तनाव और विवाद होते रहते हैं जिसके चलते परिवार से अलगाव हो जाता हैं।
मांगलिक दोष निवारण के लिए करें सरल ज्योतिष उपाय
1) मंगल पूजा: मांगलिक दोष निवारण के लिए मंगल ग्रह की पूजा करनी चाहिए, यह पूजा विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य या पंडित के मार्गदर्शन में ही करनी चाहिए।
2) कुंडली मिलान: विवाह से पूर्व कुंडली मिलान अवश्य कराएं।
3) मंत्र जाप: विशेष मंत्रों जैसे “ॐ अंगारकाय नमः” या “ॐ कुजाय नमः” जैसे मंत्र का जाप करें।
4) दान: मंगलवार को लाल वस्त्र, मसूर दाल, तांबा, लोहा आदि का दान करने से मांगलिक दोष का प्रभाव कम होता है।
5) व्रत: मंगलवार को व्रत रखकर हनुमान मंदिर में बूंदी का प्रसाद बांटे।
6) मंगलवार को कोई भी नया वस्त्र इत्यादि वस्तु न खरीदें और न ही कोरा (unused) सामान इस्तेमाल करें।
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