नई दिल्ली, (Shah Times)।संयुक्त किसान मोर्चा (skm) के आह्वान पर गुरुवार को ‘किसान मजदूर महापंचायत’ के लिए सैकड़ों किसान दिल्ली के रामलीला मैदान में एकत्र हुए।
एसकेएम प्रवक्ता ने कहा कि किसान अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा सुनिश्चित करने वाले कानून की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा वे किसानों और कृषि श्रमिकों के लिए पेंशन और कृषि ऋणों की माफी के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहे हैं।
किसान महापंचायत को लेकर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है उन्होंने कहा कि देश में एक बड़े आंदोलन की जरूरत है। टिकैत ने आगे कहा कि हमारा नेतृत्व यहां चर्चा करेगा और बाद में हम अपने फैसले की घोषणा करेंगे। एमएसपी गारंटी कानून एक बड़ा मुद्दा है। आज जो भी निर्णय लिया जाएगा, यहां एकत्र हुए लोग अपने-अपने गांवों, शहरों, राज्यों में लोगों को इसकी जानकारी देंगे।
राकेश टिकैत ने कहा कि जो किसानों के खिलाफ फैसला लेंगे उनके विरोध में किसान है। सरकार संयुक्त किसान यूनियन को तोड़ना चाहती है। सरकार सिख समाज को बदनाम कर रही है। लेकिन पूरा देश किसानों के साथ है।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि देश के नौ लोगों के पास 50 करोड़ लोगों जितना पैसा है। देश का किसान आज राम लीला मैदान में है। सरकार ने अगर किसानों की मांग नहीं मानी तो सरकार और किसानों की आर-पार की लड़ाई होगी।
सरकार ने रामलीला मैदान में ट्रैक्टर ट्रॉली न लाने और मार्च न करने की शर्त पर पांच हजार किसानों को महापंचायत करने की इजाजत दी थी।