
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को केंद्र में नई सरकार के गठन के लिए किसी भी दल को आमंत्रित करने से पहले पार्टियों के चुनाव पूर्व गठबंधन पर विचार करना चाहिए।
श्रीनगर, (Shah Times)। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद हुए पहले बड़े चुनावों में भारी उलटफेर हुआ और राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को करारी हार का मुंह देखना पड़ा।कश्मीर की तीन लोकसभा सीटों में से नेशनल कॉन्फ्रेंस ने दो सीटों- श्रीनगर और अनंतनाग-राजौरी पर जीत हासिल की, जेल में बंद अवामी इत्तेहाद पार्टी के नेता और निर्दलीय उम्मीदवार अब्दुल राशिद शेख उर्फ इंजीनियर राशिद ने बारामूला लोकसभा सीट पर जीत प्राप्त की।
इंजीनियर राशिद फिलहाल आतंकी फंडिंग मामले में ल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं और उन्होंने उमर अब्दुल्ला और अलगाववादी नेता से मुख्यधारा में आए सज्जाद लोन को बारामूला लोकसभा सीट से हराया। राशिद ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी उमर को 2.41 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया।चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, राशिद को 4,72,481 वोट मिले जबकि उमर 2,68,339 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन 1,73,239 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। उमर ने अंतिम परिणाम घोषित होने से पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली।उमर ने एक्स पर कहा कि मुझे नहीं लगता कि उनकी जीत से उनकी जेल से उनकी रिहाई में तेजी आएगी और न ही उत्तरी कश्मीर के लोगों को वह प्रतिनिधित्व मिलेगा जिसका उन्हें अधिकार है, लेकिन मतदाताओं ने अपना निर्णय दिया है और लोकतंत्र में यही मायने रखता है।
बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इंजीनियर राशिद के कराण मुकाबला मुश्किल था।उमर ने कहा कि युवाओं और महिलाओं ने बड़ी संख्या में उनकी रिहाई के लिए मतदान किया और जीत या हार चुनाव का हिस्सा है। सज्जाद लोन ने भी इंजीनियर राशिद को बधाई दी।लोन ने एक्स पर पोस्ट किया “मैं एक अंतर बनाना चाहता था। मैंने सोचा कि हमें आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से सशक्त होना चाहिए ताकि हम बदलाव ला सकें और हमारी गणना हो सके। हमने पिछले 30 वर्षों में बहुत कुछ झेला है और हमारी सभी गरिमा छीन ली गई है। जनता का जनादेश सर्वोच्च है।
मैं पूरी विनम्रता के साथ लोगों के जनादेश को स्वीकार करता हूं।”जम्मू-कश्मीर में एक अन्य बड़ा उलटफेर पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से महबूबा मुफ्ती की हार रहा। वह नेकां के मियां अल्ताफ से 2.81 लाख से ज्यादा मतों के भारी अंतर से हार गईं। प्रभावशाली गुर्जर नेता मियां अल्ताफ को 5,21,836 वोट मिले, जबकि महबूबा मुफ्ती को 2,40,042 वोट मिले।मुफ्ती ने ट्वीट किया, “जनादेश का सम्मान करते हुए मैं अपने पीडीपी कार्यकर्ताओं और नेताओं को सभी बाधाओं के बावजूद उनकी कड़ी मेहनत और समर्थन के लिए धन्यवाद देती हूं। जिन लोगों ने मुझे वोट दिया, उनके प्रति मैं गहरा आभार व्यक्त करती हुं। जीतना और हारना खेल का हिस्सा है और हमें अपने मार्ग से नहीं रोक सकता। मियां साहब को उनकी जीत के लिए बधाई।
”श्रीनगर में नेकां नेता और प्रमुख शिया नेता आगा रूहुल्ला ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पीडीपी के वहीद पारा को 1,88,416 के अंतर से हराया। रूहुल्ला को 3,56,866 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी पारा को 1,68,450 वोट मिले। अपनी पार्टी के मोहम्मद अशरफ मीर 65,954 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को केंद्र में नई सरकार के गठन के लिए किसी भी दल को आमंत्रित करने से पहले पार्टियों के चुनाव पूर्व गठबंधन पर विचार करना चाहिए। उमर ने श्रीनगर में मीडियाकर्मियों से कहा, “मेरी राय में देश की राष्ट्रपति को चुनाव पूर्व गठबंधन के आधार पर सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने का फैसला करना चाहिए और हमें लोगों के फैसले को भी स्वीकार करना चाहिए।
”उन्होंने कांग्रेस और इंडिया समूह द्वारा समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों से संपर्क करने और सरकार गठन में उनका समर्थन मांगने की खबरों के बीच कहा, ‘मुझे इसके बारे में कुछ नहीं पता। अगर ऐसा हुआ है.. ठीक है. हमें सरकार बनाने के लिए खरीद-फरोख्त नहीं करनी चाहिए।’नेकां उपाध्यक्ष ने कहा, ‘अगर हम देश भर से सामने आ रहे नतीजों के बारे में बात करेंगे तो मेरा दिल खुश हो जाएगा। हम इससे ज्यादा की उम्मीद कर रहे थे’ लेकिन एग्जिट पोल जम्मू-कश्मीर और देश के लिए भी गलत साबित हुए।’उन्होंने कहा, ‘किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि एग्जिट पोल के बाद विपक्ष का इतना अच्छा प्रदर्शन होगा।’ उन्होंने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 370 सीटों या 400 से अधिक सीटों की बात कर रही थी, उन्हें अब गठबंधन सरकार चलानी होगी।’
उमर ने कहा, “ऐसा प्रधानमंत्री जो गठबंधन सरकार चलाने के लिए तानाशाही की तरह अपनी सरकार चलाता है, यह पूरी तरह से एक नयी अवधारणा होगी।”पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैंने गठबंधन सरकार चलाई है और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की गठबंधन सरकार में काम किया है। आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री मोदी गठबंधन सरकार में अपनी शैली को कैसे समायोजित करेंगे, यह देखने वाली बात होगी।”






