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पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ चीन की यात्रा पर गए थे। इस दौरान उन्होंने वहां निवेश के लिए कई प्रस्ताव पेश किए गए, लेकिन चीन ने केवल एक ही प्रस्ताव को मंजूर किया है। साथ ही सुरक्षा के मुद्दे पर पाकिस्तान को फटकार भी लगाई।
~ Neelam Saini
नई दिल्ली, (Shah Times ) । वैसे तो चीन पाकिस्तान को अपना दोस्त कहते नही थकता है लेकिन मदद करने के नाम पर अपने चीन अपने हाथ पीछे खींच लेता है। दरअसल जून की शुरुआत में पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ चीन की यात्रा पर गए थे। इस दौरान उन्होंने वहां निवेश के लिए कई प्रस्ताव पेश किए गए, लेकिन चीन ने केवल एक ही प्रस्ताव को मंजूर किया है। साथ ही सुरक्षा के मुद्दे पर पाकिस्तान को फटकार भी लगाई।
अब यह खबर सामने आ रही है कि चीन ने पाकिस्तान की प्राथमिकता का वर्णन करने के लिए ‘सर्वोच्च’ शब्द को भी हटा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जून की शुरुआत में शहबाज शरीफ चीन गए थे। 2018 और 2022 के अब तक के चीन के बयानों में चीन ने पाकिस्तान के साथ संबंधों को विदेश नीति में सर्वोच्च प्राथमिकता बताया था लेकिन 2023 और 2024 में जून के महीने के बयान में चीन के लिए चीन-पाकिस्तान संबंधों को केवल विदेशी संबंधों में प्राथमिकता के तौर पर लिखा गया है, कुल मिलाकर यह कहा जाए की अब पाकिस्तान के लिए सर्वोच्च शब्द को हटा दिया गया तो ये गलत नही होगा।
खबरों की मानें तो चीन ने यह सोच समझकर किया है, क्योंकि पाकिस्तान में चीन के कई प्रॉजेक्ट पर काम चल रहा है। वहां चीन के इंजिनियर्स पर हमला किया जा रहा है।
जून में जारी हुए चीन और पाकिस्तान के बयान से दोनों देशों के बीच संबंधों की स्थिति का पता चलता है। जैसे 2023 और 2024 में चीन की विदेश नीति में पाकिस्तान को सर्वोच्च प्राथमिकता से हटाकर प्राथमिकता में लाना। इससे साफ जाहिर होता की पाक के अंदर अभी तक चीनी नागरिक सुरक्षित नहीं है। इसलिए कहीं ना कहीं चीन पाकिस्तान से नाराज है।
मिली जानकारी के अनुसार शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ को शी जिनपिंग ने यात्रा के दौरान फटकार भी लगाई थी।





