उत्तराखंड कई स्थानों पर बादल फटने के कारण अनेक घर नष्ट हो गए हैं, दो लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि एक अन्य स्थान पर एक महिला तथा एक बच्चा लापता है।एसडीआरएफ बचाव अभियान में जुटी
देहरादून, (Shah Times) । उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश के कारण संकट की स्थिति बनी हुई हैं। कई स्थानों पर बादल फटने के कारण अनेक घर नष्ट हो गए हैं, दो लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि एक अन्य स्थान पर एक महिला तथा एक बच्चा लापता है।
आपदा की इस घड़ी में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के सेनानायक (कमांडेंट) मणिकांत मिश्रा ने राज्य की सभी 40 पोस्टों को अलर्ट जारी किया है, साथ ही, यात्रा रूट की सभी पोस्टों को बैकअप के रूप में तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
मिश्रा ने बुधवार देर रात जानकारी दिया कि वह खुद आपदा परिचालन केंद्र पहुँच कर वहां उपस्थित आपदा सचिव को विभिन्न स्थानों पर एसडीआरएफ टीमों द्वारा किये जा रहे रेस्क्यू कार्यों की जानकारी दे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग पर लिंचोली में मलबा आने से मार्ग अवरुद्ध हो गया है जहाँ फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया गया हैं। सोन प्रयाग में नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है, नदी किनारे रहने वाले लोगों को वहां से हटाया गया है।
उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते कई जगह बादल फटने की खबरे है।
श्री केदार नाथ में बादल फटने से पैदल मार्ग छतिग्रस्त हो गया है
नौतड़ में एक होटल बह गया है,लोगों की मृत्यु भी हुई है।
जागेश्वर के पास बादल फटने से सड़क को नुकसान पहुंचा है
उन्होंने बताया कि घनसाली से आठ किलोमीटर आगे बादल फटने की सूचना मिली है, जिसकी बाद एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुँच चुकी है। यहां तीन लोगों के लापता की सूचना है। ग्रामीण क्षेत्र का मार्ग अवरुद्ध हो गया है। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू एसडीआरएफ टीम द्वारा घटनास्थल पर सर्च अभियान चलाया गया। लापता लोगों में से 02 के शव बरामद किए गए व एक घायल को एसडीआरएफ टीम द्वारा अस्पताल पहुँचाया गया।
मिश्र ने बताया कि बूढ़ा केदार क्षेत्र में भारी बारिश के कारण मलबा आने की वजह से थाती गांव के 03 घरों को खाली कराया गया, मौके पर एसडीआरएफ टीम मौजूद है। जबकि चमोली से सूचना मिली कि बेलचोरी नामक स्थान पर एक मकान गिर गया है जिसमें एक महिला व बच्चा लापता है।, वहां के लिए एसडीआरएफ टीम रवाना हो चुकी है।
मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए रेड अलर्ट के चलते एवं आयुक्त गढ़वाल मंडल द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद चार धाम यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक अगस्त (गुरुवार) को चार धाम यात्रा के जो यात्री संबंधित जनपद में पहुँच गये हैं उनकी आगे यात्रा के लिए संबंधित ज़िले की ज़िलाधिकारी अपने स्तर से निर्णय लेंगे। हरिद्वार तथा ऋषिकेश में स्थित पंजीकरण केंद्र में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया कल स्थगित रहेगी।
आज केदारनाथ में भारी बारिश के कारण भीमबली में एमआरपी के पास 20 से 25 मीटर पैदल रास्ता बह गया है और रास्ते में बड़े-बड़े पत्थर आ गये है। लगभग 200 यात्रियों को भीमबली जीएमवीएन में सुरक्षित रोका गया है।
सेक्टर गौरीकुंड द्वारा सूचना प्राप्त हुई है कि नदी का जल स्तर बढने के कारण मंदिर खाली करवा दिया गया है। सभी को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। कोई जानमास हानि की सूचना नहीं है।
भारी बारिश होने के कारण राज्य के अलकनंदा, मंदाकिनी (रूद्र प्रयाग) और मंदाकिनी (गौरी कुंड) में नदियों का जल स्तर खतरे के निशान तक पहुंचने का अनुमान है।
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्बयाल तथा एसएसपी प्रमेन्द्र डोभाल ने अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल जाना तथा डॉक्टरों को बेहतर इलाज के निर्देश दिए।
उत्तराखंड के अधिकांश जनपदों में सोमवार से हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
राज्य में अलग, अलग स्थानों पर कई लोगों के हताहत होने तथा लापता होने की खबर है। इस दौरान गढ़वाल मंडल में चल रही चारधाम यात्रा का पंजीकरण गुरुवार के लिए बंद कर दिया गया है। अधिकांश जिलों में स्कूल-कॉलेजों में अवकाश घोषित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सुबह सोशल मीडिया के माध्यम से इस संदर्भ में कहा कि वह स्थानीय प्रशासन के लगातार संपर्क में हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में कल रात हुई भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर जन-जीवन प्रभावित होने की सूचना प्राप्त हुई। राहत एवं बचाव टीमों द्वारा रात भर अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। स्थानीय प्रशासन से लगातार संपर्क में हूँ और प्रभावित क्षेत्रों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ़) और राज्य आपदा प्रक्रिया मोचन (एसडीआरएफ़) की टीमों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि रामबाड़ा, भीमबली, जखनियाली तथा अन्य अधिक प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य संचालित किए जा रहे हैं। प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी बात करके वस्तुस्थिति की जानकारी ले रहा हूँ। स्थानीय प्रशासन को नुक़सान का आकलन कर त्वरित रूप से कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रत्येक प्रदेशवासी और अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, जिसके लिये हमारी पूरी टीम तत्परता के साथ कार्य कर रही है। आप सभी से अनुरोध है कि मौसम और परिस्थिति की जानकारी लेकर ही यात्रा करें।”
दूसरी ओर, रात्रि की भारी बारिश में देहरादून के थाना रायपुर क्षेत्र में ऑर्डनेंस फैक्ट्री तथा शराब ठेके के मध्य सड़क किनारे नहर में दो व्यक्ति डूब गए। मौके पर पुलिस टीम को नहर से एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ, जिसके पास से सुंदर सिंह नाम लिखा हुआ एसबीआई बैंक का एक एटीएम कार्ड मिला है। शेष पहचान संबंधी कोई दस्तावेज प्राप्त नहीं हुए है। नहर में बहे दूसरे व्यक्ति की तलाश के लिए पुलिस तथा एसडीआरएफ की टीमो द्वारा सर्च अभियान अभी भी चलाया जा रहा है। मौके पर पुलिस टीम को एक स्कूटी संख्या यूके 07एई 5154 खड़ी हुई मिली है, जो सम्भवत: नहर में बहे व्यक्तियों की हो सकती है।
टिहरी जिले के घनसाली में भिलंगना ब्लॉक के नौताड़ तोक में एक छोटा होटल ढहने से भानु और नीलम नामक दंपती की मौत हो गई, जबकि गैरसैंण के रोहिड़ा में एक मकान पर मलबा गिरने से एक महिला की मौत हो गई। दूसरी ओर चमोली के बेलचोरी में मकान ढहने से दो लोग लापता हो गए हैं। बागेश्वर जिले में शुभम (14) सरयू नदी में बह गया। हल्द्वानी (नैनीताल) के इंदिरानगर निवासी रिजवान(8) नाले में बह गया। पौड़ी जनपद के धारी ब्लॉक के उडियारी पल्लाधार में पहाड़ी से पत्थर गिरने से लालराम (48) की मौत हो गई। इसके अलावा, तीन लोगों को बहने से बचाया गया है, जबकि हरिद्वार के रुड़की में रोडवेज बस स्टेशन के पास बिजली के तारों से घिरे एक खंभे के नीचे पेड़ में बारिश के कारण अचानक करंट फैल गया। पेड़ के नीचे बस का इंतजार कर रहे सरोज निवासी कांवली रोड, देहरादून और प्रदीप निवासी लंढौरा (हरिद्वार) करंट की चपेट में आ गए। दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
हरिद्वार के ही बहादराबाद थाना क्षेत्र के ग्राम भौरी डेरा शांतरशाह में मकान गिरने से दो बच्चों आस मोहम्मद (10) , नगमा (8) की मौत हुई है। परिवार और घर पर आए मेहमान सहित नौ लोग घायल हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से मलबे में दबे लोगों को निकलवाया। बच्चों के शवों को रुड़की के अस्पताल में भिजवाया गया है। घायलों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
रूद्रप्रयाग जिले के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने आज सुबह बताया कि पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर दी गयी सूचना के अनुसार, केदारनाथ मार्ग पर देर रात्रि को हुई भारी बारिश के चलते सोनप्रयाग मुख्य बाजार से करीब 01 किलोमीटर सड़क का हिस्सा नदी के कटाव एवं पहाड़ी दरकने से क्षतिग्रस्त हो गया। यहां पर फिलहाल किसी भी प्रकार की पैदल आवाजाही भी सम्भव नहीं है। इसी प्रकार से गौरीकुण्ड के आस-पास, जंगल चट्टी तथा भीमबली के बीच के कई स्थानों पर, भीमबली पुलिस चौकी से आगे, एवं लिंचोली क्षेत्र में पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं। फिलहाल नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। उन्होंने परामर्श दिया है कि जनपद रुद्रप्रयाग तक पहुंचे, जो भी यात्री जहां पर हैं, वहीं सुरक्षित रहें। फिलहाल अपनी केदारनाथ धाम यात्रा को स्थगित कर दें, क्योंकि सोनप्रयाग से आगे मोटर मार्ग तथा पैदल मार्ग की स्थिति बिल्कुल भी सही नहीं है। मार्ग सही होने व यात्रा के सुचारु होने की सूचना अलग से दी जाएगी।
मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार, आज गुरुवार को नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और चंपावत जिले में कुछ स्थानों पर भारी से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान आकाशीय बिजली के चमकने और बारिश के तीव्र से तीव्र दौर होने का अनुमान व्यक्त किया गया है। भारी बारिश के मद्देनजर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही देहरादून, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार जनपदों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि शेष अन्य जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।