
बता दें कि याददाश्त का कमजोर होना तब एक समस्या बन जाती है, जब यह आपके सामान्य जीवन पर नकारात्मक असर डालने लगती है।
शाह टाइम्स। कुछ लोगों के साथ अक्सर ऐसा होता है कि वह छोटी छोटी बात जल्दी ही भूल जाते हैं। कभी-कभी यह आदत हमारे लिए भारी पड़ जाती है, जैसे कहीं जाते समय कुछ जरूरी सामान भूल जाना। ऐसे में हमें कई बार बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं इस समस्या से निजात पाने के कुछ उपाय?
दरअसल ऐसे कई वाकये आपके साथ होते होंगे, जो आपकी याददाश्त के कमजोर होने का अहसास दिलाते हैं। भूलने की ये आदत सामान्य हो सकती है। लेकिन इसे हंसी-मजाक में टालकर या छोटी-मोटी समस्या सोचकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यही आदत आगे चलकर गंभीर समस्या का रूप ले सकती है।
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे हमारी याददाश्त भी कमजोर होने लगती है। छोटी-छोटी बातों को याद रखना मुश्किल हो जाता है। इसके पीछे खराब लाइफस्टाइल एक मुख्य कारण हो सकता है।
उम्र बढ़ने के साथ-साथ होती है मेमोरी लॉस
बता दें कि याददाश्त का कमजोर होना तब एक समस्या बन जाती है, जब यह आपके सामान्य जीवन पर नकारात्मक असर डालने लगती है। अगर आपको दाएं या बाएं मुड़ना याद नहीं रहता तो यह कोई बड़ी समस्या नहीं है। हालांकि, यह भूल जाना कि आप गाड़ी क्यों चला रहे हैं, आपको कहां जाना है या यहां तक कि गाड़ी कैसे चलानी है तो यह गंभीर बात है।इसी तरह आपने घर की किसी अलमारी में जरूरी कागजात रखे हैं। उनकी जरूरत अचानक पड़ गई और आप हड़बड़ाहट में उन्हें ढूंढ रहे हैं, लेकिन याद नहीं आ रहा कि वह कहां रखे हैं। कई बार वह सामने होते हुए भी नजर नहीं आते। यह सब भी याददाश्त कमजोर होने की वजह से होता है।
जीवन में हुई बड़ी घटनाओं को भी पड़ता है दिमाग पर असर
याददाश्त कमजोर होने का एक मुख्य कारण जीवन में होने वाली बड़ी, दर्दनाक या तनावपूर्ण घटनाएं भी हैं। जैसे हाल ही में हुए रिटायरमेंट या अपने जीवनसाथी की मृत्यु से जूझ रहे किसी व्यक्ति का दुख, अकेलापन, चिंता या तनाव महसूस हो सकता है। तनाव और नकारात्मक भावनाएं दिमाग पर गहरा असर डालती हैं। जीवन में होने वाले ऐसे बदलावों और भावनाओं से निपटने की कोशिश करने से कुछ लोग भ्रमित हो जाते हैं। वे धीरे-धीरे बातों और चीजों को भूलने लगते हैं।
इस समस्या से छुटकारा पाने के उपाय
इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए हमें अपनी जीवन शैली को स्वस्थ्य बनाए रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और पोषण तत्वों से भरपूर संतुलित आहार लें। उसी के साथ व्यायाम पर ध्यान दें। जब हमारी दिनचर्या व्यवस्थित नहीं होती तो भूलने की समस्या सबसे ज्यादा हो सकती है। पहले आप अपनी दिनचर्या सही करें, जैसे कितने बजे उठना है, व्यायाम के बाद नाश्ता कब करना है, इसका समय तय करें।
•अगर ऑफिस जाते हैं और घर से उसकी दूरी आधे घंटे की है तो दस मिनट पहले ही सामान गाड़ी में रखें, इससे सामान भूलेंगे नहीं।
•ऑफिस ले जाने वाला सामान जैसे लैपटॉप बैग, लंच, पर्स, मोबाइल, ईयरफोन, डायरी को एक ही जगह पर रखें। इससे कोई भी सामान ले जाना नहीं भूलेंगे।
•लौटकर इनको वापस जगह पर रखें। रात को क्या-क्या करना है, उसका समय भी तय करें।
•ऐसा करना आपकी आदत में आ जाएगा और आपको चीजें याद रहेंगी।
लिखकर याद रखें, या कैलेंडर साथ रखें
लिखकर याद रखना सबसे अच्छा तरीका है। आज कौन-कौन से काम करने हैं, कौन-से काम अभी तक नहीं हुए और दिन भर में क्या-क्या काम करने हैं, ये सब एक डायरी में नोट कर लें। साथ में सारे जरूरी फोन नंबर्स, दोस्तों और परिजनों के जन्मदिन व सालगिरह की तारीख, अप्वाइंटमेंट्स लिख सकते हैं।
अच्छी नींद ले
अच्छी नींद यादों को मजबूत करने में मदद करती है। रात में पूरी नींद लेने से मस्तिष्क के टॉक्सिक पदार्थों को साफ करने में मदद मिलती है। इससे हमारे दिमाग को भी रेस्ट मिलता है। नींद पूरी होने के बाद हमारा दिमाग तेज चलता है, हम हर काम बेहतर तरीके से कर पाते हैं।
शतरंज जैसे खेल भी मेमोरी बढ़ाने में होते हैं मददगार
2019 की एक स्टडी में यह भी पाया गया कि शतरंज की प्रैक्टिस करने वाले बच्चों में पर्सपेक्टिव डेवलप होता है। बता दें कि ‘मैग्नस’, ‘ब्रुकलिन कैसल’ और ‘द क्वीन ऑफ कैटवे’ इन सभी फिल्मों में युवाओं को कॉम्पिटिटिव चेस की दुनिया में महानता की ओर बढ़ते हुए दिखाया गया है। यदि आप अभी मेमोरी लॉस की समस्या से जूझ रहे हैं, तो इन तरीकों को अपनाकर आप भी अच्छा जीवन जी सकते हैं।





