
दिल्ली में सार्वजनिक सभाओं पर दिल्ली पुलिस के प्रतिबंधों को वापस लेना दिल्लीवासियों की बड़ी जीत
नई दिल्ली, (Shah Times )।आम आदमी पार्टी(आप) ने गुरुवार को कहा कि यहां रंगदारी मांगना आम बात हो गई जिसके कारण हर दुकानदार और छोटे व्यापारी डर के साए में जी रहे हैं।
‘आप’ के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आज कहा कि कल फिर से अखबार में एक खबर छपी की एक व्यापारी के गोदाम पर कुछ अज्ञात बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई और वहां एक पर्ची छोड़कर फिरौती की रकम मांगी ।उन्होंने कहा कि आज पूरी दिल्ली में यह चर्चा हो रही है की यदि आप इन गैंगस्टरों को रंगदारी की रकम दे दोगे तो आपको छोड़ दिया जाएगा अन्यथा आपको इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा।
उन्होंने कहा ,“आज पूरी दिल्ली में हालात ऐसे हैं, कि हर एक दुकानदार, हर एक छोटा-छोटा व्यापारी डरा हुआ है, मिठाई की दुकान वाला, कच्ची कॉलोनी में छोटे-छोटे मकान बनाने वाला ठेकेदार सभी व्यापारी और दुकानदार डर के साए में जी रहे हैं। भारद्वाज ने बताया कि बातचीत के दौरान उत्तम नगर के विधायक ने बताया कि उत्तम नगर में रंगदारी के चलते ही सैकड़ो व्यापारी अपना काम धंधा बंद कर चुके हैं और जो छोटे-मोटे व्यापारी और बिल्डर वहां काम कर भी रहे हैं तो उनमें से बहुत सारे लोगों को रंगदारी के नाम पर अपनी जान बचाने के लिए हर महीने पैसा देना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि आज दिल्ली में इतने सारे गिरोह सक्रिय हो गए हैं की रंगदारी मांगना और रंगदारी देना एक आम बात हो गई है।उन्होंने कहा,“ इस संबंध में हमने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मिलने का समय मांगा था, कि आम आदमी पार्टी के विधायक आपसे मिलना चाहते हैं और दिल्ली में अपराध की जो स्थिति चरम पर पहुंच चुकी है, उस संबंध में आपसे बातचीत करना चाहते हैं,परंतु वह मिलने का समय नहीं दे रहे हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सार्वजनिक सभाओं पर दिल्ली पुलिस के प्रतिबंधों को वापस लेने को गुरुवार को लोगों की बड़ी जीत बताया।
भारद्वाज ने बताया कि इस आदेश के खिलाफ लोगों में व्याप्त आक्रोश को देखते हुए श्री कालकाजी मंदिर के पुजारी ने इस मामले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने कहा कि आज सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली पुलिस के आदेश को वापस लेने की घोषणा की।
उन्होंने इसे दिल्ली के लोगों की बड़ी जीत और उपराज्यपाल वीके सक्सेना की बड़ी हार बताया। उन्होंने कहा कि भारत जैसे संप्रभु, लोकतांत्रिक देश में इस तरह का “तानाशाही” आदेश नहीं चल सकता। “यह उपराज्यपाल के लिए शर्मनाक हार है, जिसे दिल्ली के लोगों पर थोपा गया था। केंद्र सरकार और उसके वकील जानते थे कि इस तरह के बेतुके आदेश एक संप्रभु, स्वतंत्र देश में लागू नहीं किए जा सकते। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि आप पूरे शहर में कर्फ्यू लगा सकते हैं। अगर कोई समस्या है, तो उसका समाधान खोजें।उन्होंने कहा यह दिल्ली के लोगों और खासकर हिंदू भक्तों के लिए जीत का क्षण है, जो इस बात को लेकर चिंतित थे कि वे अपने धार्मिक त्योहार कैसे मनाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस आदेश को वापस लेना लोगों की आवाज़ की ताकत को दर्शाता है।‘आप’ नेता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की चुप्पी की भी निंदा करते हुए कहा कि य़ह दोनों ही इस आदेश के खिलाफ़ बोलने में विफल रहे। उन्होंने कहा, “इस आदेश को पारित हुए तीन दिन हो चुके हैं, फिर भी हिंदू धर्म की रक्षा करने का दावा करने वाली भाजपा ने इसके खिलाफ़ एक भी शब्द नहीं कहा, यह बड़ी ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है I