
महाकुंभ मेले में मंगलवार देर रात भगदड़ मच गई, जिससे कई श्रद्धालु घायल हो गए। अखाड़ा परिषद ने मौनी अमावस्या के शाही स्नान को रद्द कर दिया है और श्रद्धालुओं से संगम में डुबकी न लगाने की अपील की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लिया और श्रद्धालुओं से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।
प्रशासन पर अव्यवस्था के आरोप लगाते हुए संतों ने कहा कि अगर आयोजन सेना के हवाले होता, तो यह हादसा टल सकता था।
प्रयागराज, (Shah Times) । मंगलवार देर रात महाकुंभ मेले में अचानक भगदड़ मच गई, जिससे कई श्रद्धालु घायल हो गए। घायलों को महाकुंभ मेला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद अखाड़ा परिषद ने मौनी अमावस्या पर होने वाले शाही स्नान को रद्द कर दिया है और श्रद्धालुओं से संगम में डुबकी न लगाने की अपील की है।
भगदड़ कैसे मची?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, देर रात करीब 2 बजे संगम नोज पर अचानक भीड़ बढ़ने लगी। भारी भीड़ के दबाव में बैरिकेडिंग टूट गई, जिससे भगदड़ की स्थिति बन गई। कई श्रद्धालु गिर गए, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। हालांकि, प्रशासन की ओर से भगदड़ के कारणों को लेकर अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
अखाड़ों और संतों का गुस्सा
निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद गिरि ने घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रशासन पूरी तरह से फेल हो गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार को पता था कि 50 करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ में आएंगे, तो सेना के जरिए आयोजन क्यों नहीं कराया गया? उन्होंने प्रशासन पर तुष्टीकरण की नीति अपनाने और केवल वीवीआईपी की सेवा में लगे रहने का आरोप लगाया।
सीएम योगी आदित्यनाथ की अपील
महाकुंभ में भगदड़ की घटना पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। उन्होंने कहा, “जहां हैं, वहीं स्नान करें और संगम नोज पर जाने की कोशिश न करें। प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में लगा है, श्रद्धालु धैर्य बनाए रखें और सहयोग करें।”
सीएम योगी और पीएम मोदी की प्रतिक्रिया
घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दो बार बात की और हालात की जानकारी ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम योगी से चर्चा कर केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। सीएम योगी ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और जहां हैं, वहीं स्नान करें। उन्होंने प्रशासन को भीड़ नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए।
श्रद्धालुओं में भय और असमंजस
भगदड़ के कारण कई श्रद्धालु अपने परिवार के सदस्यों से बिछड़ गए। अस्पतालों में घायलों का इलाज जारी है, जबकि पुलिस लाउडस्पीकर के जरिए लापता लोगों को ढूंढने में मदद कर रही है। अखाड़ा परिषद ने भी घटना को लेकर दुख व्यक्त किया है और श्रद्धालुओं से धैर्य बनाए रखने की अपील की है।
मौनी अमावस्या पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना थी, लेकिन इस हादसे के बाद कई श्रद्धालु असमंजस में हैं। अखाड़ा परिषद के संतों ने अपने-अपने कैंपों में गंगा जल का आचमन कर प्रतीकात्मक स्नान किया। प्रशासन ने कहा है कि अगले स्नान पर्व की तैयारी बेहतर तरीके से की जाएगी, ताकि इस तरह की घटना दोबारा न हो।
प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मचने की खबर सामने आई है, जिसमें 14 से ज्यादा लोगों की मौत और 50 से ज्यादा लोगों के जख्मी होने की खबर है। स्वरूपरानी अस्पताल में मौजूद रिपोर्टर के मुताबिक, 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए जा चुके हैं। हालांकि, प्रशासन ने अभी तक मौतों या घायलों की तादाद के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है।
महाकुंभ में भगदड़ पर अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर उठाए सवाल
महाकुंभ में भगदड़ पर अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर कहा,महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। श्रद्धांजलि!
हमारी सरकार से अपील है कि:
- गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटलों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए।
- मृतकों के शवों को चिन्हित करके उनके परिजनों को सौंपने और उन्हें उनके निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध किया जाए।
- जो लोग बिछड़ गये हैं, उन्हें मिलाने के लिए त्वरित प्रयास किये जाएं।
- हैलीकाप्टर का सदुपयोग करते हुए निगरानी बढ़ाई जाए।
- सतयुग से चली आ रही ‘शाही स्नान’ की अखण्ड-अमृत परंपरा को निरंतर रखते हुए, राहत कार्यों के समानांतर सुरक्षित प्रबंधन के बीच ‘मौनी अमावस्या के शाही स्नान’ को संपन्न कराने की व्यवस्था की जाए।