आर्थिक सर्वेक्षण के सकारात्मक अनुमानों से शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी

भारत के आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में जीडीपी वृद्धि 6.3% से 6.8% के अनुमान के चलते शेयर बाजार में तेजी। सेंसेक्स 740 अंक उछलकर 77,500 पर और निफ्टी 258 अंक बढ़कर 23,508 पर बंद। जानें प्रमुख कारण और विश्लेषण।

आर्थिक सर्वेक्षण के सकारात्मक अनुमानों से शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी

शेयर बाजार में चौथे दिन भी तेजी

मुंबई, (Shah Times)। भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को लेकर निवेशकों का भरोसा बढ़ने से बुधवार को शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखी गई। आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में देश की जीडीपी वृद्धि दर 6.3% से 6.8% के बीच रहने के अनुमान ने निवेशकों को उत्साहित किया, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी ने बड़ी छलांग लगाई।

सेंसेक्स और निफ्टी में उछाल

बीएसई सेंसेक्स 740.76 अंक (0.97%) की बढ़त के साथ 77,500.57 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 258.90 अंक (1.11%) चढ़कर 23,508.40 पर पहुंच गया।

बीएसई का मिडकैप 1.76% और स्मॉलकैप 1.83% मजबूत हुआ, जिससे समग्र बाजार धारणा सकारात्मक बनी रही।

किन सेक्टर्स में आई सबसे ज्यादा तेजी?

बाजार में लगभग सभी सेक्टर्स में मजबूती देखी गई। प्रमुख रूप से—

कैपिटल गुड्स: +3.89%

इंडस्ट्रियल्स: +3.61%

कंज्यूमर ड्यूरेबल्स: +2.77%

पावर: +2.56%

रियल्टी: +2.24%

तेल एवं गैस: +2.13%

एफएमसीजी: +1.90%

बैंकिंग: +0.45%

किन कंपनियों के शेयर चमके?

सेंसेक्स की प्रमुख कंपनियों में एलएंडटी (+4.31%), नेस्ले इंडिया (+4.25%), इंडसइंड बैंक (+3.66%), टाइटन (+3.59%), टाटा मोटर्स (+2.73%), और मारुति (+2.59%) के शेयरों ने सबसे अधिक मुनाफा कमाया।

किन शेयरों में गिरावट दर्ज की गई?

हालांकि, कुछ कंपनियों में गिरावट भी देखी गई। आईटीसी होटल्स (-2.98%), भारती एयरटेल (-0.76%), बजाज फिनसर्व (-0.43%), आईसीआईसीआई बैंक (-0.14%), और सन फार्मा (-0.12%) के शेयर दबाव में रहे।

तेजी के पीछे क्या कारण?

आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25:

जीडीपी वृद्धि दर 6.3% – 6.8% के बीच रहने का अनुमान।

सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर फोकस।

बजट 2025 की उम्मीदें:

निवेशकों को टैक्स कटौती और सरकारी खर्च में वृद्धि की उम्मीद।

रेलवे, रक्षा, और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर विशेष ध्यान।

वैश्विक कारक:

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में स्थिरता।

मुद्रास्फीति में गिरावट और सेंट्रल बैंकों की नरम मौद्रिक नीति।

ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, और हांगकांग के बाजारों में तेजी।

भविष्य की संभावनाएं और जोखिम

यदि बजट 2025 में निवेशकों की उम्मीदें पूरी नहीं होती हैं, तो बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है।

रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य-पूर्व में तनाव जैसे भू-राजनीतिक जोखिम बाजार पर असर डाल सकते हैं।

आर्थिक विकास के सकारात्मक अनुमानों और आगामी बजट को लेकर निवेशकों की उम्मीदों ने शेयर बाजार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया। अगर सरकार की नीतियां बाजार की अपेक्षाओं के अनुरूप रहीं, तो निकट भविष्य में भी बाजार में मजबूती बनी रह सकती है।

यह विश्लेषण भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों की तेजी को समझाता है, जिसके पीछे आर्थिक सर्वेक्षण और आगामी बजट की उम्मीदें मुख्य कारण हैं। रिपोर्ट में जीडीपी वृद्धि के 6.3 से 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है। इससे बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में लगातार वृद्धि हुई, और विभिन्न सेक्टरों के शेयरों में भी तेजी आई।

शेयर बाजार में यह तेजी चार मुख्य कारणों से हुई:

आर्थिक सर्वेक्षण: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक अनुमान, विशेष रूप से जीडीपी वृद्धि का अनुमान, जिसने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया।

बजट की उम्मीदें: निवेशक सरकार से व्यक्तिगत आयकर में कटौती, पूंजीगत व्यय में वृद्धि, और प्रमुख क्षेत्रों में निवेश की उम्मीद कर रहे हैं।

वैश्विक मुद्रास्फीति में गिरावट: वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति के घटने और केंद्रीय बैंकों की नरम नीतियों ने बाजार को समर्थन दिया।

भू-राजनीतिक तनाव: हालांकि, रूस-यूक्रेन संघर्ष और मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव जैसे वैश्विक जोखिमों ने भी बाजार पर असर डालने की संभावना जताई है।

इस तेजी का असर विभिन्न सेक्टरों पर पड़ा, जैसे कि कैपिटल गुड्स, इंडस्ट्रियल्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, पावर, रियल्टी आदि, जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया।

हालांकि, अगर बजट में निवेशकों की उम्मीदें पूरी नहीं हुईं तो बाजार में अस्थिरता आ सकती है, जो आने वाले समय में चुनौतीपूर्ण हो सकता है।