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विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव: क्या राहुल गांधी की संसद सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा है?
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में चीन को लेकर ऐसा बयान दिया कि संसद में हंगामा मच गया। उनके इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव (Privilege Motion) लाने की तैयारी कर ली है। इस प्रस्ताव के चलते राहुल गांधी की सांसदी पर भी खतरा मंडरा सकता है। क्या वाकई ऐसा हो सकता है? आइए, जानते हैं पूरा मामला।
क्या कहा था राहुल गांधी ने?
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि “चीन अब भी हमारी 4,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक भूमि पर कब्जा जमाए बैठा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे नकार रहे हैं, जबकि सेना भी इससे असहमति जता चुकी है।”
उनके इस बयान पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि राहुल गांधी “संसद में मनचाही बातें नहीं कह सकते। यह गंभीर विषय है, जिससे देश की छवि को नुकसान पहुंच सकता है।” इसके बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की मांग कर दी।
विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव क्या है?
संविधान के अनुच्छेद 105 में संसद और उसके सदस्यों के विशेषाधिकारों का उल्लेख किया गया है। इसके तहत संसद के सदस्य कुछ विशेष अधिकारों से लैस होते हैं, ताकि वे स्वतंत्र रूप से अपनी बात रख सकें। लेकिन अगर कोई सदस्य इन विशेषाधिकारों का उल्लंघन करता है या संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला बयान देता है, तो उसके खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया जा सकता है।
लोकसभा के लिए नियम 222 और राज्यसभा के लिए नियम 187 में इसकी प्रक्रिया दी गई है।
विशेषाधिकार प्रस्ताव कौन ला सकता है?
कोई भी सांसद विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव तब पेश कर सकता है जब उसे लगे कि:
किसी मंत्री या सांसद ने संसद में गलत या भ्रामक जानकारी दी है।
किसी सदस्य ने संसद या उसके किसी सदस्य के विशेषाधिकारों का हनन किया है।
संसद की गरिमा और अधिकारों को ठेस पहुंची है।
क्या राहुल गांधी की सांसदी खतरे में है?
अगर विशेषाधिकार समिति यह मानती है कि राहुल गांधी का बयान लोकसभा के विशेषाधिकारों का हनन करता है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। इसमें:
माफी मांगने का आदेश दिया जा सकता है।
सदन से निष्कासन हो सकता है।
सांसदी रद्द होने तक की सिफारिश की जा सकती है।
हालांकि, इस तरह के मामलों में आमतौर पर सदस्य को चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता है। लेकिन अगर समिति को लगता है कि यह गंभीर मामला है, तो राहुल गांधी की सांसदी भी जा सकती है।
पहले भी नेताओं पर हुई है कार्रवाई
1. इंदिरा गांधी का निष्कासन (1978)
1978 में तत्कालीन गृहमंत्री चरण सिंह ने इंदिरा गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाकर उन्हें लोकसभा से निष्कासित कर दिया था।
2. पीएम मोदी और निर्मला सीतारमण पर भी प्रस्ताव
राफेल डील पर संसद को गुमराह करने के आरोप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ भी विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया गया था।
3. राहुल गांधी की सांसदी रद्द (2023)
मार्च 2023 में, राहुल गांधी को मोदी उपनाम पर टिप्पणी के कारण मानहानि मामले में दोषी ठहराया गया था। इस कारण उनकी सांसदी रद्द कर दी गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बाद में बहाल कर दिया।
अब क्या होगा?
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला तय करेंगे कि यह प्रस्ताव स्वीकार होगा या नहीं।
अगर प्रस्ताव स्वीकार हुआ तो मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा जाएगा।
समिति की रिपोर्ट के आधार पर सदन अंतिम फैसला करेगा।राहुल गांधी का यह बयान निश्चित रूप से विवादास्पद है और बीजेपी इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या राहुल गांधी को माफी मांगनी पड़ेगी, निष्कासन झेलना पड़ेगा, या फिर सांसदी बचाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़नी होगी?