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महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़, प्रशासन ने बंद किया संगम स्टेशन
प्रयागराज में ट्रैफिक जाम और भीड़ से अफरा-तफरी, संगम स्टेशन अस्थायी रूप से बंद
महाकुंभ 2025: श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी, रेलवे प्रशासन अलर्ट पर
संगम स्टेशन बंद, महाकुंभ में भीड़ नियंत्रण की बड़ी चुनौती
प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण संगम रेलवे स्टेशन 14 फरवरी तक बंद रहेगा। प्रशासन भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष उपाय कर रहा है। जानें पूरी खबर।
भीड़ प्रबंधन बना प्रशासन के लिए चुनौती
प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या ने प्रशासन को कठिन चुनौती में डाल दिया है। संगम स्टेशन को अस्थायी रूप से बंद करना, ट्रैफिक जाम और भीड़ नियंत्रण की समस्या, यह सब दिखाता है कि अनुमान से अधिक लोगों की भीड़ ने व्यवस्थाओं को प्रभावित किया है।
यह कोई नया परिदृश्य नहीं है। हर महाकुंभ में भीड़ नियंत्रण प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनता है। हालांकि इस बार रेलवे और स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए कुछ त्वरित फैसले लिए, लेकिन यह भी स्पष्ट होता है कि पूर्व नियोजन में कहीं न कहीं कमी रह गई थी।
स्टेशन को बंद करना और यात्रियों को अन्य स्टेशनों पर भेजना एक आपातकालीन कदम था, लेकिन इससे असमंजस की स्थिति भी बनी। खासकर जब प्रयागराज संगम स्टेशन और प्रयागराज जंक्शन को लेकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई। प्रशासन को चाहिए कि वह जनता के लिए अधिक स्पष्ट और प्रभावी संचार व्यवस्था बनाए ताकि किसी भी गलतफहमी से बचा जा सके।
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में भीड़ प्रबंधन के लिए पहले से विस्तृत योजनाएं बनाई जानी चाहिए। ड्रोन, सीसीटीवी और डिजिटल ट्रैफिक मैनेजमेंट का और भी अधिक प्रभावी इस्तेमाल जरूरी है। साथ ही, आम जनता को भी चाहिए कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अफवाहों से बचें।
महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और प्रशासनिक परीक्षा भी है। इस आयोजन की सफलता में प्रशासन, पुलिस और श्रद्धालुओं, तीनों की सहभागिता आवश्यक है। अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में प्रशासन भीड़ नियंत्रण को और अधिक सुचारू बनाने के लिए क्या कदम उठाता है।
संगम स्टेशन बंद, प्रशासन के हाथ-पांव फूले
रविवार को श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ ने रेलवे स्टेशन और सड़क यातायात को प्रभावित किया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कंट्रोल रूम को आपातकालीन कदम उठाने पड़े। संगम स्टेशन पर उमड़ी भीड़ के कारण रेलवे प्रशासन ने 9 फरवरी दोपहर 1:30 बजे से 14 फरवरी रात 12:00 बजे तक स्टेशन बंद करने का फैसला लिया।
लाइव फुटेज में भयावह स्थिति
कंट्रोल रूम में लगे मॉनिटर पर संगम स्टेशन और उसके आसपास की सड़कों का लाइव फुटेज दिखाया जा रहा था। नागवासुकी मार्ग और दारागंज की गलियां पूरी तरह जाम हो गई थीं। स्टेशन के अंदर भी स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही थी, जिससे यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालना पड़ा।
यात्रियों को प्रयागराज जंक्शन और फाफामऊ भेजा गया
संगम स्टेशन बंद होने के कारण यात्रियों को प्रयागराज जंक्शन और फाफामऊ रेलवे स्टेशन की ओर भेजा गया। रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से वैकल्पिक स्टेशनों और मार्गों का उपयोग करने की अपील की।
स्टेशन पर ट्रेन संचालन पूरी तरह बंद
रेलवे प्रशासन ने घोषणा की कि संगम स्टेशन से कोई भी ट्रेन नहीं चलेगी और न ही कोई ट्रेन यहां आएगी। यात्रियों को अन्य स्टेशनों पर जाने की सलाह दी गई।
प्रयागराज जंक्शन के बंद होने की अफवाह
संगम स्टेशन के बंद होने के बाद अफवाहें फैल गईं कि प्रयागराज जंक्शन भी बंद कर दिया गया है। हालांकि, रेलवे प्रशासन ने तुरंत स्पष्ट किया कि केवल संगम स्टेशन बंद किया गया है, जबकि प्रयागराज जंक्शन पर यात्री प्रबंधन जारी है।
रेलवे की अपील: टोल-फ्री नंबर पर लें जानकारी
सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने यात्रियों से अफवाहों पर ध्यान न देने और रेलवे के टोल-फ्री नंबर 18004199139 या 139 पर कॉल कर सही जानकारी प्राप्त करने की अपील की।
शहर में भीषण जाम, पैदल चलने को मजबूर श्रद्धालु
12 फरवरी को माघी पूर्णिमा स्नान से पहले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ प्रयागराज पहुंच रही है। वाहनों की एंट्री प्रतिबंधित होने के कारण श्रद्धालु कई किलोमीटर पैदल चलकर संगम तक पहुंच रहे हैं। रविवार को छुट्टी होने के कारण सड़कों पर जाम की स्थिति और गंभीर हो गई।
प्रबंधन को और प्रभावी बनाने की जरूरत
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में भीड़ नियंत्रण एक बड़ी चुनौती है। प्रशासन को डिजिटल मॉनिटरिंग, ट्रैफिक कंट्रोल और संचार व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाना होगा। श्रद्धालुओं से भी अपील है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और संयम बनाए रखें।
यह महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि प्रशासनिक दक्षता की परीक्षा भी है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में प्रशासन इस चुनौती से कैसे निपटता है।