Stock Market में भारी गिरावट: Sensex-Nifty Crash, निवेशकों में चिंता

 अमेरिकी टैरिफ वॉर से बाजार में अनिश्चितता, विदेशी निवेशकों की बिकवाली बढ़ी

 Stock Market में आज बड़ी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स और निफ्टी 1% से अधिक गिरे। अमेरिकी टैरिफ वॉर और विदेशी निवेशकों की बिकवाली मुख्य कारण।

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब वैश्विक कारण जुड़ते हैं, तो इसका असर गहरा होता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्टील और एल्युमीनियम आयात पर टैरिफ बढ़ाने से पूरी दुनिया में अनिश्चितता बढ़ गई है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। सेंसेक्स और निफ्टी की गिरावट इस बात का संकेत है कि निवेशकों में घबराहट है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक अमेरिकी और अन्य देशों के बीच व्यापार संतुलन नहीं बनता, बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है।

मुंबई,(Shah Times) । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में आने वाले सभी स्टील और एल्युमीनियम आयातों पर “बिना किसी छूट के” 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा है। मंगलवार को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में भारी गिरावट दर्ज की गई।

➡ सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट:

दोपहर 2 बजे तक सेंसेक्स 1.33% गिरकर 76,284.36 पर पहुंच गया।

निफ्टी 1.38% गिरकर 23,059.25 अंकों पर रहा।

➡ टैरिफ वॉर से बाजार में हलचल:

भारतीय इस्पात संघ (ISA) ने अमेरिकी टैरिफ पर गहरी चिंता जताई है।

अमेरिका को भारतीय स्टील निर्यात में 85% तक की गिरावट आने की संभावना है।

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह टैरिफ वॉर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

➡ सेक्टर वाइज गिरावट:

निफ्टी रियल्टी और निफ्टी ऑटो में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई।

निफ्टी मीडिया और निफ्टी फार्मा में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली।

आयशर मोटर्स और अपोलो हॉस्पिटल्स को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।

➡ विदेशी निवेशकों की बिकवाली:

10 फरवरी को एफआईआई ने 2,463 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

डीआईआई ने 1,515 करोड़ रुपये की खरीदारी की, लेकिन यह बाजार को संभालने में नाकाफी रहा।

विश्लेषकों का कहना है कि विदेशी निवेशकों की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखनी होगी।

➡ एक्सपर्ट्स की राय:

निफ्टी 23,460 के प्रतिरोध स्तर पर है।

अगर यह स्तर टूटता है, तो निफ्टी 23,550 और 23,700 तक जा सकता है।

ट्रेडर्स को सावधानी बरतने और नई पोजीशन लेने से पहले बाजार स्थिर होने का इंतजार करने की सलाह दी गई है।

 अमेरिकी टैरिफ वॉर और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार में भारी गिरावट आई है। निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए। बाजार की दिशा वैश्विक कारकों और घरेलू नीतियों पर निर्भर करेगी।