
ईडी ने लविश चौधरी और नवाब को लुक आउट नोटिस जारी किया
दुबई और अमेरिका से जुड़े AI ट्रेडिंग स्कैम की जांच अब ED करेगी। लविश चौधरी उर्फ़ नबाब अली और नवाब ने लोगों को AI ट्रेडिंग में निवेश कर करोड़ों का लालच दिया। जानें पूरी खबर।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही वित्तीय धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे हैं। हाल ही में शामली और मुजफ्फरनगर में एक ऐसे ही स्कैम का खुलासा हुआ है, जिसमें AI ट्रेडिंग बॉट के नाम पर करोड़ों रुपये का निवेश कराया गया। लविश चौधरी और नवाब द्वारा चलाए जा रहे इस घोटाले में लोगों को AI के जरिये सुरक्षित और बड़ा मुनाफा कमाने का झांसा दिया गया।
अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, क्योंकि इस घोटाले में दुबई और अमेरिका में पैसों का लेनदेन हुआ है। सोशल मीडिया के माध्यम से निवेशकों को फंसाने और उन्हें प्लॉट और विदेश यात्रा का लालच देने की रणनीति ने इस घोटाले को और भी गंभीर बना दिया है। इस घटना से यह सीख मिलती है कि किसी भी निवेश योजना में शामिल होने से पहले पूरी जांच-पड़ताल जरूरी है।
Muzaffarnagar,(Shah Times) । दुबई और अमेरिका से संचालित एक बड़े वित्तीय घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें AI ट्रेडिंग बॉट के नाम पर हजारों लोगों से करोड़ों रुपये निवेश कराए गए। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस घोटाले की जांच शुरू कर दी है।
कैसे चलता था घोटाला?
लविश चौधरी और नवाब ने YFX Bot Bro TLC नाम की कंपनी जुलाई 2023 में मियामी बीच, फ्लोरिडा (अमेरिका) में पंजीकृत कराई थी। कंपनी ने निवेशकों को यह भरोसा दिलाया कि उनका पैसा AI ट्रेडिंग बॉट के माध्यम से सुरक्षित रूप से ट्रेड होगा और उन्हें हर महीने निश्चित मुनाफा मिलेगा।
निवेश की प्रक्रिया:
$2,000 (₹1.6 लाख) का न्यूनतम निवेश
₹10,000 वार्षिक रोबोट फीस
हर महीने ₹10,200 का रिटर्न
निवेश की मूल राशि 6 महीने बाद निकाली जा सकती थी
शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, सहारनपुर समेत देशभर में 1 करोड़ से अधिक लोगों ने इस कंपनी में निवेश किया।
दुबई से हो रहा था घोटाले का संचालन
जब घोटाले से करोड़ों की संपत्ति इकट्ठा हो गई, तो लविश चौधरी दुबई चला गया और वहीं से पूरे नेटवर्क का संचालन करने लगा। नवाब भारत में रहकर निवेशकों को जोड़ने और पैसे इकट्ठा करने का काम कर रहा था। सूत्रों के अनुसार, इनके बैंक खाते दुबई, अमेरिका और अन्य देशों में मौजूद हैं।
ED की जांच और संभावित छापेमारी
अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही आरोपियों के घरों और कार्यालयों पर छापेमारी हो सकती है। ED इस बात की भी जांच करेगी कि भारत के अलावा किन देशों में पैसा भेजा गया है और कितने लोगों को इसका नुकसान हुआ है।
YouTube और Social मीडिया चैनल और लग्जरी ऑफर्स के जरिये लोगों को फंसाया
इस घोटाले में निवेशकों को फंसाने के लिए YouTube Instagram और Facebook Social media चैनलों का सहारा लिया गया। आरोपियों ने मोटिवेशनल वीडियो और बड़ी कमाई के झूठे दावे करके लोगों को निवेश के लिए आकर्षित किया।
₹10 लाख से अधिक निवेश करने पर गारंटी के तौर पर एक प्लॉट दिया जाता था।
₹5 लाख से अधिक निवेश करने पर 10 दिन का दुबई टूर दिया जाता था।
ऐसे लुभावने ऑफर्स के कारण हजारों लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई इस योजना में लगा दी।
ईडी ने लविश चौधरी और नवाब को लुक आउट नोटिस किया जारी
यह मामला फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेश के नाम पर हुई एक बड़ी ठगी का है, जिसमें 210 करोड़ रुपये की राशि हजारों निवेशकों से जुटाई गई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की इस जांच से यह स्पष्ट होता है कि आर्थिक अपराधों में तेजी से वृद्धि हो रही है, और साइबर व फाइनेंशियल फ्रॉड अब अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच चुके हैं।
लविश चौधरी और नवाब जैसे आरोपियों पर लुक आउट नोटिस जारी करना इस बात का संकेत है कि सरकार और जांच एजेंसियां अब ऐसे आर्थिक अपराधियों को पकड़ने के लिए सख्त कदम उठा रही हैं। खासतौर पर दुबई जैसे देशों में बैठे मास्टरमाइंड्स तक पहुंचना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है, लेकिन ईडी की यह कार्रवाई दर्शाती है कि सरकार विदेश में बैठे अपराधियों पर भी शिकंजा कसने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस मामले में एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि निवेशकों को अवास्तविक लाभ का लालच देकर ठगा गया। फॉरेक्स ट्रेडिंग जैसी जटिल निवेश योजनाओं में आम लोगों को बिना पूरी जानकारी के पैसा लगाने से बचना चाहिए। इस घटना से सबक लेते हुए निवेशकों को चाहिए कि वे किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले उसकी वैधता, सरकार से उसका पंजीकरण, और उसके संचालन की पारदर्शिता की जांच अवश्य करें।
आर्थिक अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और जनता में वित्तीय साक्षरता बढ़ाने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह के फ्रॉड को रोका जा सके। सरकार और वित्तीय नियामकों को चाहिए कि वे इस तरह की स्कीमों पर कड़ी नजर रखें और जनता को समय-समय पर सतर्क करें। वहीं, निवेशकों को भी जल्द मुनाफे के लालच में आकर बिना जांच-पड़ताल किए पैसा लगाने से बचना चाहिए।