
आर्मी चीफ जनरल द्विवेदी ने कहा कि पाकिस्तान अब अच्छी तरह से जान गया है कि भारत जो कहता है, वो करता है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान अब समझ गया है कि हम जो कहते हैं, वो करते हैं।’ जनरल द्विवेदी ने उन खबरों पर भी चिंता जताई कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की एक टीम ने हाल ही में बांग्लादेश के उन इलाकों का दौरा किया जो पश्चिम बंगाल में ‘चिकन नेक’ या सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास हैं। ये इलाका भारत के लिए काफी लचीला है।
नई दिल्ली (शाह टाइम्स): 2014 के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ रिश्तों को लेकर बदला अपना नजरिया। बांग्लादेश के हालात पर उन्होंने कहा कि वहां पाकिस्तान का दखल चिंता का कारण है।
आर्मी चीफ जनरल द्विवेदी ने कहा कि पाकिस्तान अब अच्छी तरह से जान गया है कि भारत जो कहता है, वो करता है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान अब समझ गया है कि हम जो कहते हैं, वो करते हैं।’ जनरल द्विवेदी ने उन खबरों पर भी चिंता जताई कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की एक टीम ने हाल ही में बांग्लादेश के उन इलाकों का दौरा किया जो पश्चिम बंगाल में ‘चिकन नेक’ या सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास हैं। ये इलाका भारत के लिए काफी लचीला है।
क्या है अब भारत और चीन के बीच
जनरल द्विवेदी ने चीन के साथ रिश्तों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत और चीन पिछले अक्टूबर में पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक से सैनिकों की वापसी के बाद एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर तैनात बड़ी संख्या में सैनिकों को कम करने के तरीके तलाश रहे हैं। उन्होंने यह भी दोहराया कि सभी कोर कमांडरों को गश्त और चराई से जुड़े छोटे-मोटे मुद्दों को सुलझाने का अधिकार दिया गया है, ताकि ये मुद्दे ‘हिंसा में न बदल जाएं’। इस महीने की शुरुआत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी के दावे को निरस्त किया था। सेना प्रमुख ने कहा था कि चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में मौजूद हैं। इस पर जनरल द्विवेदी ने एएनआई के साथ पॉडकास्ट में कहा कि सेना को राजनीतिक विवादों में नहीं घसीटा जाना चाहिए। राहुल गांधी के बयान को गैरजिम्मेदाराना बताया सिंह ने गांधी पर सेना प्रमुख के शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर ‘गैरजिम्मेदाराना राजनीति’ करने का आरोप लगाया था। जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि रक्षा मंत्री (सिंह) ने इसका राजनीतिक जवाब दिया है। लेकिन मैंने जो सीखा है, वह यह है कि मुझे यह सुनिश्चित करने की कोशिश करनी चाहिए कि सेना राजनीति में शामिल न हो।’ अनुच्छेद 370 पर कोई समझौता नहीं होगा
नहीं होगा कोई समझौता
पाकिस्तान के बारे में बात करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि पड़ोसी देश को साफ तौर पर बता दिया गया है कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाने के साथ ही पूरा जम्मू-कश्मीर ‘भारत का अभिन्न अंग’ है। उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई समझौता नहीं है।’ उन्होंने यह भी बताया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के रूप में भर्ती होने वाले ‘स्थानीय लोगों’ की संख्या में काफी कमी आई है। लोगों में अब अपनी पहचान को लेकर ‘कोई भ्रम’ नहीं है और ‘आतंकवाद से पर्यटन’ की ओर बढ़ने का उद्देश्य जमीनी स्तर पर अच्छी तरह से काम कर रहा है। सेना प्रमुख ने आगे कहा, ‘भारत ने बहुत साफ तौर पर कहा है कि हम (पाकिस्तान से) अपनी बातचीत में दृढ़ रहेंगे। और अगर जरूरत पड़ी तो हम आक्रामक भी हो सकते हैं। इसलिए, अगर आप हमें मजबूर करेंगे तो हम अपने इरादे बताने के लिए काफी हमले होंगे
क्या है चिंता का कारण
पिछले महीने, पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के एक प्रतिनिधिमंडल ने बांग्लादेश के रंगपुर का दौरा किया, जो बंगाल में सिलीगुड़ी कॉरिडोर के करीब है। इस बारे में पूछे जाने पर द्विवेदी ने कहा, “मैंने एक खास देश (पाकिस्तान) के लिए ‘आतंकवाद का गढ़’ शब्द का इस्तेमाल किया था। अब अगर वे देशवासी किसी दूसरी जगह जाते हैं और वह जगह हमारे पड़ोसी देश में होती है, तो जहां तक मेरा सवाल है, मुझे इस बारे में चिंतित होना चाहिए।” सेना प्रमुख ने इससे पहले कहा था कि भारत और बांग्लादेश एक-दूसरे को ‘रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण’ पड़ोसी मानते हैं और दोनों देशों के बीच किसी भी तरह की ‘शत्रुता’ किसी के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि दोनों सेनाओं के बीच संबंध ‘बहुत मजबूत’ हैं और ‘हम जब चाहें एक-दूसरे के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए तैयार है