
पिछले 10 में कहां पहुंच चुका है डॉलर के मुकाबले रूपया
पिछले 10 सालों में डॉलर के मुकाबले रूपये की हालत काफी गिरी है। आज का विश्लेषण इसी मुद्दे पर हम करने वाले हैं।
नई दिल्ली (Shah Times): पिछले 10 सालों में डॉलर के मुकाबले रूपये की हालत काफी गिरी है। आज का विश्लेषण इसी मुद्दे पर हम करने वाले हैं। 10 सालों में रुपया डॉलर के मूल्य के मुकाबले 28 फीसदी और पिछले एक साल में 3 फीसदी लुढ़का है। रुपये के गिरने पर राजनीति भी अब शुरू हो चुकी है।
27 दिसंबर 2024 में भी आई गिरावट
रुपया 27 दिसंबर 2024 को 85 रुपये 59 पैसे प्रति डॉलर के हिसाब से ऑल टाइम लो पर पहुंच गया था। जो कि 1 जनवरी 2025 को 83 रुपये 19 पैसे प्रति डॉलर के लेवल से 3 फीसदी नीचे पहुंच चुका था। 27 दिसंबर को रुपये के मूल्य की यह गिरावट पिछले दो महीने में रिकॉर्ड स्तर पर थी। यहां तक कि सिंगल डे गिरावट में तो यह दो साल में सबसे ज्यादा थी। 10 अक्टूबर को एक डॉलर का मूल्य 84 रुपये से अधिक हो जाना चौंकाने वाला था।
19 दिसंबर को लगा था बड़ा झटका
19 दिसंबर को इसने 85 के पार जाकर बड़ा झटका दिया और 27 दिसंबर को को इंट्राडे ट्रेडिंग में एक डॉलर का मूल्य कुछ देर के लिए 85 रुपये 80 पैसे के बराबर हो गया जो कि एक बड़े झटके के बराबर था। विश्लेषकों का अनुमान है कि 2025 में एक डॉलर का मूल्य 83 रुपये से 87 रुपये के बीच झूलता रहेगा।
16 मई 2014 को 58 रुपये 58 पैसे थी एक डॉलर की कीमत
अप्रैल 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 10 साल में डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य 28 फीसदी गिरा है। यह स्थिति तब है जब प्रति डॉलर 60 रुपये के मूल्य की तुलना अप्रैल में 83 रुपये 31 पैसे प्रति डॉलर के हिसाब से की गई है। अगर इसकी तुलना 27 दिसंबर के 85 रुपये 59 पैसे प्रति डॉलर के हिसाब से करें तो आंकड़ा 46 फीसदी के पार चला जाता है।
3 फरवरी को भी आई थी भारी गिरावट
डॉलर के मुकाबले रुपये ने अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की है। सोमवार को बाजार खुलते ही रुपये में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। आज पहली बार रुपया 87 के स्तर के नीचे फिसल गया। शुरुआती कारोबार में रुपया 67 पैसे टूटकर 87.29 प्रति डॉलर के अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। जो कि अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था।
ट्रंप के ‘टैरिफ वॉर’ से रुपये में मच गई थी हलचल
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के कारण भी डॉलर मजबूत हुआ है, जिससे रुपये समेत दुनिया की कई करेंसी पर असर पड़ा है। डॉलर इंडेक्स 1.4% उछलकर 109.84 पर पहुंच गया था। वहीं, रुपये में पिछले 3-4 महीनों से लगातार कमजोरी बनी हुई है।
भारत की अर्थव्यवस्था पर यह हो सकता है असर
मामले में चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर का कहना है कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि अमेरिकी टैरिफ रुपये को कितना प्रभावित कर सकता है। उन्होंने बताया था कि बजट में टैक्स में कटौती की गई है इससे प्राइवेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा मिलने के आसार हैं। इसके अतिरिक्त, सरकार को उम्मीद है कि अमेरिकी टैरिफ का असली असर फाइनेंशियल मार्केट में दिखेगा।