
अमेरिका और यूक्रेन के बीच तनाव रूस के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। ओवल हाउस में डोनाल्ड ट्रंप और जेलेंस्की की बहस के बाद रूस के अधिकारियों की टिप्पणी सामने आई, लेकिन व्लादिमीर पुतिन चुप्पी साधे बैठे हैं। क्या इससे रूस को लाभ होगा? जानिए पूरी रिपोर्ट।
अमेरिका-यूक्रेन विवाद में रूस की चुप्पी, पर फायदे की गूंज
अंतरराष्ट्रीय राजनीति में शक्ति संतुलन का खेल लगातार बदलता रहता है। हाल ही में अमेरिका के ओवल हाउस में डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच तीखी नोकझोंक ने वैश्विक कूटनीति को नई दिशा दे दी है। इस पूरे घटनाक्रम में एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अब तक कोई बयान नहीं दिया है। लेकिन जानकारों का मानना है कि इस विवाद से सबसे अधिक लाभ रूस को ही हो सकता है।
यूक्रेन, जो लंबे समय से पश्चिमी देशों के समर्थन पर निर्भर है, अब खुद को असमंजस की स्थिति में पा रहा है। ट्रंप प्रशासन की ओर से यह स्पष्ट संकेत दिए गए हैं कि अमेरिका अपनी नीतियों में बदलाव कर सकता है। मिनरल डील को लेकर दोनों देशों के बीच असहमति बढ़ी है, और ट्रंप की आक्रामकता ने यह जता दिया है कि अमेरिका अब “मुफ्त में” यूक्रेन का समर्थन जारी रखने के मूड में नहीं है। ऐसे में, रूस के लिए यह एक सुनहरा अवसर बन सकता है।
रूस लंबे समय से यूक्रेन को अपने प्रभाव क्षेत्र में वापस लाने की कोशिश कर रहा है। अगर अमेरिका यूक्रेन से दूरी बनाता है, तो इससे रूस की रणनीति को मजबूती मिलेगी। यही कारण है कि रूस के अधिकारी खुलकर इस स्थिति का मज़ा ले रहे हैं। रूसी सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख दिमित्री मेद्वेदेव ने ओवल हाउस में हुई बहस पर कटाक्ष किया और अमेरिका को यूक्रेन की मदद बंद करने की सलाह दी।
वास्तव में, यह संकट न केवल यूक्रेन बल्कि यूरोप की समग्र सुरक्षा के लिए भी चुनौती बन सकता है। अगर अमेरिका अपने सहयोग से पीछे हटता है, तो यूरोप को यूक्रेन की सुरक्षा को लेकर नए सिरे से सोचना होगा। वहीं, रूस अमेरिका को खनन और व्यापार में नए ऑफर देकर उसे अपने पक्ष में करने की कोशिश कर सकता है।
यह स्पष्ट है कि व्लादिमीर पुतिन अभी चुप हैं, लेकिन यह चुप्पी उनके रणनीतिक फायदे का संकेत है। यूक्रेन को समर्थन देने वाले देशों के बीच मतभेद बढ़ते हैं, तो रूस को अपने पक्ष में माहौल बनाने का बेहतर मौका मिलेगा। ऐसे में, सवाल उठता है कि क्या अमेरिका और यूक्रेन की इस अनबन से रूस को नई मजबूती मिलेगी? आने वाले समय में इस सवाल का जवाब साफ़ हो जाएगा, लेकिन फिलहाल रूस इस पूरे घटनाक्रम का सबसे बड़ा लाभार्थी नजर आ रहा है।
Will Russia Benefit from the US-Ukraine Dispute?