
उत्तराखंड के चमोली में भीषण हिमस्खलन, 46 मजदूर बचाए गए, 8 की मौत। सेना, ITBP और NDRF की टीमें राहत कार्य में जुटीं। जानिए पूरी खबर और अपडेट्स।
माणा एवलांच – आपदा प्रबंधन की परीक्षा
उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा गांव के पास हुए भीषण हिमस्खलन ने एक बार फिर आपदा प्रबंधन की तैयारियों की कड़ी परीक्षा ली है। 54 मजदूरों के फंसने की खबर ने पूरे देश को झकझोर दिया था, लेकिन राहत की बात यह रही कि बचाव दलों ने अत्याधुनिक उपकरणों और बेहतर समन्वय के दम पर 46 मजदूरों को सुरक्षित निकालने में सफलता पाई।
हालांकि, इस त्रासदी में 8 मजदूरों की जान चली गई, जो यह दर्शाता है कि इस इलाके में काम कर रहे मजदूरों की सुरक्षा को लेकर अधिक ठोस कदम उठाने की जरूरत है। बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (BRO) जैसी संस्थाओं को अपने कार्यस्थलों पर सुरक्षा मानकों को और अधिक पुख्ता करना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे हिमालयी क्षेत्रों में निर्माण कार्यों के दौरान मौसम पूर्वानुमान और सुरक्षा उपायों को अनिवार्य रूप से लागू करें। यह हादसा न सिर्फ एक चेतावनी है, बल्कि बेहतर आपदा प्रबंधन की दिशा में काम करने का अवसर भी।





उत्तराखंड: चमोली एवलांच में 46 मजदूर सुरक्षित निकाले गए, 8 की मौत
उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव के पास शुक्रवार को आए भयानक हिमस्खलन ने तबाही मचा दी। इस आपदा में कुल 54 मजदूर बर्फ में दब गए थे, जिनमें से 46 को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन 8 मजदूरों की मौत हो गई। रविवार को रेस्क्यू टीम ने आखिरी लापता मजदूर का शव भी बरामद कर लिया।
कैसे हुआ हादसा?
शुक्रवार को अचानक भारी हिमस्खलन हुआ, जिसकी चपेट में बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के कैंप में रह रहे मजदूर आ गए। यह कैंप माणा गांव के पास निर्माण कार्य में जुटा था। हादसे के बाद तुरंत ही भारतीय सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें मौके पर भेजी गईं।
रेस्क्यू ऑपरेशन – 200 से ज्यादा बचावकर्मी तैनात
इस बचाव अभियान में 200 से अधिक जवानों को तैनात किया गया था। बचाव दलों ने विक्टिम लोकेटिंग कैमरा (VLC), थर्मल इमेजिंग कैमरा और ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार (GPR) जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया। इसके अलावा, हेलिकॉप्टरों की मदद से घायलों को जोशीमठ के अस्पताल में पहुंचाया गया।
मौसम बनी बाधा, लेकिन बचाव कार्य जारी
शुक्रवार को भारी बर्फबारी और बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावित हुआ, जिससे बचाव कार्य रातभर रोकना पड़ा। हालांकि, रविवार को मौसम साफ होने पर राहत कार्य फिर शुरू किए गए और आखिरी लापता मजदूर का शव बरामद किया गया।
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण किया और बचाव दलों की प्रशंसा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राहत कार्य तेजी से पूरा किया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्थिति का जायजा लिया और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
भविष्य के लिए सबक
यह हादसा एक बार फिर बताता है कि हिमालयी इलाकों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा के लिए ठोस उपाय करने की जरूरत है। मौसम पूर्वानुमान के आधार पर निर्माण कार्यों की योजना बनाई जानी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। प्रशासन और BRO को चाहिए कि वे भविष्य में और अधिक सुरक्षा उपाय अपनाएं, ताकि मजदूरों की जान बचाई जा सके।
Chamoli Avalanche Update: 200+ Rescuers, 46 Saved, 8 Bodies Recovered