
District Panchayat meeting in Muzaffarnagar approves the proposal to rename the district as Lakshminagar, sparking political and social discussions.
मुजफ्फरनगर का नाम बदलने की मांग को मिली जिला पंचायत की मंजूरी, अब बनेगा लक्ष्मीनगर?
मुजफ्फरनगर से लक्ष्मीनगर बनने की ओर बढ़ा एक और कदम, पंचायत बैठक में पास हुआ प्रस्ताव
नाम बदलेगा या नहीं? मुजफ्फरनगर को लक्ष्मीनगर बनाने के प्रस्ताव पर बढ़ी बहस
मुजफ्फरनगर का नाम बदलने की मांग अब मजबूत हो गई है। जिला पंचायत की बैठक में सर्वसम्मति से इसे लक्ष्मीनगर करने का प्रस्ताव पास हुआ। जानिए, क्या सरकार इसे मंजूरी देगी और इससे जनता को क्या फायदा होगा?
मुजफ्फरनगर,(Shah Times)।उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक जिले मुजफ्फरनगर का नाम बदलने की मांग अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गई है। हाल ही में आयोजित जिला पंचायत बोर्ड बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर लक्ष्मीनगर किया जाए। साथ ही, 25 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को भी स्वीकृति दी गई। इस फैसले के बाद जिले में राजनीतिक और सामाजिक हलचल तेज हो गई है।
बैठक में उठे प्रमुख मुद्दे
जिला पंचायत सभागार में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार, बिजनौर लोकसभा सांसद चंदन चौहान, बुढ़ाना विधायक राजपाल बालियान, सपा नेता राकेश शर्मा, और कई अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। बैठक में क्षेत्र के विकास कार्यों के साथ-साथ जिले के नाम परिवर्तन पर भी चर्चा की गई।
कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार ने इस बैठक को जनता के हित में बताया और कहा कि इसका सीधा लाभ नागरिकों को मिलेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि मेरठ एसपी के “सड़क पर नमाज पढ़ने पर पासपोर्ट और लाइसेंस निरस्त करने” वाले बयान से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि यह प्रशासन का व्यक्तिगत बयान है और सरकार का इससे कोई संबंध नहीं है।
नाम बदलने को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया
मुजफ्फरनगर का नाम बदलने की मांग को लेकर समाज में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
बिजनौर सांसद चंदन चौहान ने नाम बदलने की आवश्यकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि “सिर्फ नाम बदलने से कुछ नहीं होगा, असली जरूरत विकास की है।” उन्होंने जोर दिया कि सरकार को जिले की बुनियादी सुविधाओं, रोजगार और शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। वहीं, कुछ स्थानीय नेताओं और संगठनों ने इस कदम को संस्कृति और परंपरा से जोड़कर इसे ऐतिहासिक करार दिया है।
25 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को मंजूरी
जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाण ने घोषणा की कि 25 करोड़ रुपये की लागत से सभी वार्डों में विभिन्न विकास कार्य किए जाएंगे। यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया।
इन कार्यों में सड़क निर्माण, स्वच्छता अभियान, जल आपूर्ति सुधार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार शामिल होगा। इससे स्थानीय नागरिकों को बुनियादी सुविधाओं में सुधार देखने को मिलेगा।
विधायक की नाराजगी, अधिकारियों की गैरमौजूदगी पर सवाल
बुढ़ाना विधायक राजपाल बालियान ने बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों की गैरमौजूदगी पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि “इस तरह की महत्वपूर्ण बैठकों में प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होनी चाहिए, ताकि समस्याओं का समाधान तुरंत हो सके।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अगली बैठक में अधिकारी उपस्थित नहीं हुए, तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा।
क्या मुजफ्फरनगर अब लक्ष्मीनगर बनेगा?
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या मुजफ्फरनगर का नाम आधिकारिक रूप से लक्ष्मीनगर हो जाएगा?
हालांकि, जिला पंचायत की मंजूरी पहला कदम है, लेकिन अंतिम निर्णय राज्य सरकार और केंद्र सरकार के स्तर पर लिया जाएगा। इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर बहस तेज हो गई है। कई लोगों का मानना है कि नाम परिवर्तन से जिले की ऐतिहासिक पहचान प्रभावित होगी, जबकि कुछ का मानना है कि इससे धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा मिलेगा।
आपकी राय क्या है?
क्या आपको लगता है कि मुजफ्फरनगर का नाम बदलने से जिले का विकास होगा, या यह सिर्फ एक राजनीतिक कदम है?
अपनी राय कमेंट में बताएं और इस खबर को शेयर करें।