
A viral video of 7-year-old Ananya Yadav shows her saving her school books from a burning hut. The Supreme Court criticized the bulldozer action in Prayagraj, mentioning this incident. Ananya dreams of becoming an IAS officer
सात साल की अनन्या यादव का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह जलती झोपड़ी से अपनी स्कूली किताबें बचाती नजर आई। सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज में बुलडोजर कार्रवाई की आलोचना करते हुए इस घटना का जिक्र किया। अनन्या का सपना IAS बनना चाहती है नन्ही अनन्या, जलती झोपड़ी से बचाई अपनी स्कूली किताबें अधिकारी बनने का है।
प्रयागराज (शाह टाइम्स) सात साल की अनन्या यादव का सपना IAS बनना चाहती है नन्ही अनन्या, जलती झोपड़ी से बचाई अपनी स्कूली किताबें अधिकारी बनने का है, और उसकी लगन ने पूरे देश का ध्यान खींचा है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें अनन्या अपनी जलती झोपड़ी से स्कूल बैग लेकर बाहर भागती दिखी। सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज में हुई बुलडोजर कार्रवाई की आलोचना करते हुए इस घटना का उल्लेख किया।
जलती झोपड़ी से किताबों को बचाने की जिद
अंबेडकरनगर की रहने वाली अनन्या के घर के पास की झोपड़ी में आग लग गई थी, जबकि बाहर प्रशासन की ओर से बुलडोजर कार्रवाई चल रही थी। घटना 21 मार्च की है, जब जिला प्रशासन की टीम अतिक्रमण हटाने के लिए वहां पहुंची थी।
बिना समय गंवाए, अनन्या दौड़कर अपनी झोपड़ी में गई, स्कूल बैग उठाया और सुरक्षित बाहर निकल आई। उसका कहना है, “मैं अपने परिवार की पहली सदस्य हूं जो स्कूल जाती हूं। मैं सरकारी प्राइमरी स्कूल में कक्षा 1 में पढ़ती हूं, और मेरा सपना आईएएस अधिकारी बनने का है।”
सुप्रीम कोर्ट और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
अनन्या का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे संज्ञान में लिया। कोर्ट ने प्रयागराज में हुई बुलडोजर कार्रवाई की आलोचना की और इस घटना पर चिंता व्यक्त की।
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट कर सरकार की आलोचना की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी की सराहना करते हुए राज्य सरकार की नीतियों को कठघरे में खड़ा किया।
परिवार की मुश्किलें और प्रशासन का पक्ष
अनन्या के पिता अभिषेक यादव और दादा राम मिलन यादव का कहना है कि वे पिछले 50 वर्षों से इस जमीन पर रह रहे हैं और यह कोई अवैध निर्माण नहीं है। वहीं, प्रशासन का कहना है कि परिवार को पहले ही दो बार जमीन खाली करने का नोटिस दिया गया था, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
घटना के बाद जलालपुर के एसडीएम पवन जायसवाल ने कहा, “परिवार को अतिक्रमण हटाने के लिए पहले ही नोटिस दिया गया था। जब टीम वहां पहुंची, तो उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया। एक गैर-आवासीय संरचना को ध्वस्त किया गया।”
आईएएस बनने की प्रेरणा
अनन्या से जब पूछा गया कि वह आईएएस क्यों बनना चाहती है, तो उसने बताया, “एक बार हमारे स्कूल में एक बड़े अधिकारी आए थे। शिक्षकों ने बताया कि वे आईएएस अधिकारी हैं। तभी से मैंने तय कर लिया कि मुझे भी ऐसा बनना है।”
शिक्षा के प्रति समर्पण
अनन्या की कहानी न केवल उसकी शिक्षा के प्रति समर्पण को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे विपरीत परिस्थितियों में भी इंसान अपने सपनों को बचाने के लिए संघर्ष कर सकता है। उसकी जिद और हौसला आने वाले समय में उसे उसके सपने तक जरूर पहुंचाएगा।




