
उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल विद्युत कर्मियों के खिलाफ जनता में भारी रोष
सहसवान । टूटे व क्षति ग्रस्त खम्भे बूढ़ी हो चुकी मशीने गलियों मे सिर के ऊपर बिजली के तार बेलगाम लापरवाह कर्मचारी कैसे मिले शेड्यूल के अनुसार विघुत सप्लाई जिम्मेदार खामोश बामुश्किल आठ दस घंटे भी नहीं मिल रहे है बिजली । टूटे खम्भे, जर्जर तार व पावर हाउस की बूढ़ी हो चुकी मशीनों के सहारे विद्युत उपकेन्द्र से जैसे-तैसे आपूर्ति की गाड़ी खींची जा रही है।
बता दें कि इस उपकेन्द्र से जुड़े विभिन्न गांवों के लिए खींचे गए हाईटेशन तार के एक दर्जन भर खम्भे काफी दिनों से क्षति ग्रस्त टूट कर झुके हुए है किन्तु आज भी तार इन्हीं खम्भों के सहारे दौड़ रहे है। एसटी लाइन की टूटे क्षति ग्रस्त खम्भों की संख्या तो अनगिनत है। दूसरी तरफ इस क्षेत्र के विद्युत तार इतने जर्जर हो गए है कि लगातार दर्जनो बार ट्रपिंग बिजली सप्लाई आती जाती रहती है तो तार टूट कर गल कर जमीन पर गिरने लगते है। कहीं-कहीं भगदड़ मच जाती तो कहीं इंसान और जानवर करंट की चपेट मे आकर अपनी जान गंवा बैठते है। जर्जर लायनों और यहाँ तेनात अधिकारियों की लापरवाही के चलते सिर के ऊपर गलियों मे झूलती बिधूत तार कभी भी टूटकर गिर जाते भारी बरसात और जलभराव के चलते कभी तार टूट कर पानी मे गया तो भारी जान माल की हानी हो सकती है ।
जर्जर विद्युत लाइनों के चलते विद्युत व्यवस्था चौपट हो चुकी है । चौबीस घंटे मे बामुश्किल आठ या दस घंटे ही सप्लाई मिल पा रही है । मानक के अनूरूप सप्लाई नहीं मिलने से भारी बरसात और उमस भरी गर्मी के चलते घरों मे मौजूद बच्चों बुजुर्गों मरीजो का बुरा हाल है । लेकिन जिम्मेदारों के कान पर जूं नहीं रेंगती । दिनभर लगा रहता है । दलालों का जमघट जो बिलों मे मामूली खराबी होने पर भी उपभोक्ताओं को डरा धमकाकर अबेध करते हैं ।
सरकार की मंशा के अनूरूप नहीं मिल रहे उपभोक्ताओं विद्युत कनेक्शन महीनो भाग दौड़ कर नया कनेक्शन लेने के लिए जब उपभोक्ता ऑनलाइन कराकर अपनी फाइल लेकर बिजली घर पहुंचता है तो साहब के गुर्गे चढ़ावा नहीं चढ़ाने पर कमी निकाल देते है और उपभोक्ता की फाइल कैंसिल कर कचरे मे फेंक दी जाती है ।
उपकेन्द्र पर वर्षो पूर्व लगायी गयी मशीनों के आये दिन खराब रहने से आपूर्ति बाधित हो जाती है। उपकेन्द्र पर तैनात कर्मचारियों का कहना है कि वर्षो से संसाधनों के अभाव के कारण हम लोगों को उपभोक्ताओं के आक्रोश का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हम लोग बार-बार अपने वरिष्ठ अधिकारियों को स्थिति के संदर्भ में बताते है किन्तु कोई अधिकारी इस तरफ ध्यान देना उचित नहीं समझते।
संवाददाता डॉ राशिद अली खान सहसवान बदायूं
Badayun, Sahaswan,Due to the power system collapsed,shah Times