
उत्तर भारत में भूकंप का असर: कई राज्यों में लोगों ने महसूस किए झटके
भूकंप की तीव्रता 4.4, 10 किलोमीटर गहराई में था केंद्र
हरियाणा के झज्जर जिले में 4.4 तीव्रता का भूकंप (Earthquake) दर्ज किया गया, जिसके झटके दिल्ली-NCR, आगरा, गाजियाबाद, नोएडा और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में महसूस किए गए। जानिए Shah Times पर पूरी रिपोर्ट।
🔴 दिल्ली-NCR में 4.4 तीव्रता का भूकंप, हरियाणा के झज्जर में था केंद्र
गुरुवार सुबह जब दिल्ली-एनसीआर के लोग बारिश का आनंद ले रहे थे, तभी धरती अचानक कांप उठी। सुबह 9:04 बजे आए इस भूकंप (Earthquake) ने दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद से लेकर यूपी के आगरा, संभल, गौतमबुद्धनगर और मेरठ तक लोगों को चौंका दिया।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप (Earthquake) का एपिसेंटर हरियाणा के झज्जर जिले में था और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.4 मापी गई। इसकी गहराई ज़मीन से 10 किलोमीटर नीचे थी।
📍 किन इलाकों में महसूस हुए भूकंप के झटके?
- दिल्ली: कई सेकंड तक कार्यालयों और घरों में कंपकंपी महसूस की गई। लोग इमारतों से बाहर निकल आए।
- नोएडा व गाजियाबाद: लोगों ने सोशल मीडिया पर झटकों की जानकारी साझा की, कंपन महसूस हुआ।
- हरियाणा: झज्जर, फरीदाबाद, गुरुग्राम और जींद जिलों में भूकंप का असर महसूस किया गया।
- उत्तर प्रदेश: आगरा, संभल, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर जिलों में लोगों ने झटके महसूस किए।
😨 लोगों में डर, लेकिन कोई जान-माल का नुकसान नहीं
इस भूकंप (Earthquake) के चलते लोगों में एक पल के लिए घबराहट फैल गई। कई लोग अपने ऑफिस और घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, राहत की बात ये है कि कहीं से किसी प्रकार के नुकसान या हताहत की खबर नहीं आई है।
स्थानीय प्रतिनिधियों के अनुसार, सुबह 9:07 बजे शहर में हल्के झटके महसूस हुए। कंपन इतना हल्का था कि बहुत से लोग इसे पहचान नहीं पाए, लेकिन घरों और दुकानों में बैठे कुछ लोगों ने खिड़कियों और दरवाजों में हल्का कंपन महसूस किया।
Shah Times E-Paper 10 July 2025
🌍 क्यों आते हैं दिल्ली-एनसीआर में बार-बार भूकंप?
दिल्ली भूकंपीय जोन-IV में
दिल्ली की भौगोलिक स्थिति इसे अधिक भूकंप-संवेदनशील बनाती है। यह क्षेत्र Seismic Zone IV में आता है, जो देश के सर्वाधिक संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है। यहां अक्सर 5-6 तीव्रता के भूकंप आते हैं और संभावित रूप से यह क्षेत्र 7-8 तीव्रता वाले भूकंपों को भी झेल सकता है।
हालिया वर्षों में भूकंप:
- 2020: दिल्ली में 3.0 या उससे अधिक तीव्रता के 3 बड़े भूकंप आए थे, जिनके बाद दर्जनों छोटे झटके महसूस किए गए।
- जनवरी 2024: दिल्ली-एनसीआर और जम्मू-कश्मीर सहित उत्तर भारत में तीव्र झटके आए थे, जिनका केंद्र नेपाल क्षेत्र में था।
📊 भारत में भूकंप की स्थिति
भारत एक भूकंप प्रवण देश है और इसे चार मुख्य भूकंपीय क्षेत्रों में बांटा गया है:
- Zone II: न्यूनतम खतरा (जैसे – मुंबई)
- Zone III: मध्यम खतरा (जैसे – बेंगलुरु, चेन्नई)
- Zone IV: उच्च खतरा (जैसे – दिल्ली, अमृतसर)
- Zone V: सबसे अधिक खतरा (जैसे – कश्मीर, उत्तर-पूर्व, हिमाचल)
दिल्ली और उत्तर भारत के कई इलाके Zone IV और V में आते हैं, जिससे यहां पर अक्सर हल्के या मध्यम भूकंप महसूस किए जाते हैं।
🚨 आपदा से बचाव के उपाय
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) के अनुसार, दिल्ली जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए। भूकंप के समय कुछ आवश्यक सुरक्षा निर्देश:
- इमारत हिलने लगे तो तुरंत बाहर निकलें।
- पास में मजबूत मेज या फर्नीचर के नीचे छिप जाएं।
- लिफ्ट का इस्तेमाल न करें।
- बाहर हों तो खुले मैदान में रहें, बिजली के खंभों या इमारतों से दूर रहें।
✅ राहत की बात: कोई नुकसान नहीं
गुरुवार सुबह आए इस भूकंप के बाद एनडीआरएफ और राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने निगरानी शुरू कर दी है। अभी तक किसी प्रकार की बड़ी क्षति या जान-माल की हानि की कोई सूचना नहीं है। स्थानीय प्रशासन सतर्क है और संवेदनशील इमारतों की जांच की जा रही है।
🌧️ बारिश और भूकंप एक साथ: दिल्ली में दोहरी चुनौती
दिल्ली में गुरुवार सुबह से ही तेज बारिश हो रही थी। ऐसे में भूकंप के झटकों ने लोगों को दहशत में डाल दिया। कई इलाकों में जलभराव की स्थिति थी, जिससे बाहर निकलना और भी चुनौतीपूर्ण बन गया।
🔚 निष्कर्ष
भले ही यह भूकंप 4.4 तीव्रता का था, लेकिन इसका केंद्र बहुत ही नजदीक (झज्जर) होने के कारण दिल्ली-NCR और आसपास के शहरों में इसे महसूस किया गया। राहत की बात यह है कि कोई नुकसान नहीं हुआ।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि दिल्ली जैसे शहरों को भूकंप सुरक्षा के प्रति अधिक सतर्क होने की जरूरत है। भवन निर्माण नियमों का सख्ती से पालन और जागरूकता कार्यक्रमों के ज़रिए हम बड़े हादसों से बच सकते हैं।