
Paytm logo with rising stock chart and AI circuit background, showcasing fintech growth
मुनाफे में लौटी Paytm : RBI झटकों के बाद बड़ी वापसी
Paytm Q1 Results 2025-26: घाटे से मुनाफे की ऐतिहासिक वापसी, क्या अब असली उड़ान भरेगा यह फिनटेक यूनिकॉर्न?
Paytm ने पहली बार 122.5 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया है। RBI की सख्ती के बाद यह वापसी निवेशकों के लिए बड़ी राहत है।
पेटीएम की जबरदस्त वापसी: घाटे से मुनाफे में आने का मतलब क्या है?
New Delhi (Shah Times)। फिनटेक दिग्गज Paytm की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं, और ये नतीजे केवल सकारात्मक नहीं बल्कि ऐतिहासिक हैं। कंपनी ने पहली बार 122.5 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है, जो पिछले साल की इसी अवधि में हुए 839 करोड़ रुपये के घाटे के ठीक उलट है।
यह उपलब्धि इसलिए भी अहम है क्योंकि बीते साल पेटीएम को RBI के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा था, जिससे कंपनी के अस्तित्व पर सवाल उठने लगे थे। इस आर्थिक मोड़ को विस्तार से समझना ज़रूरी है, क्योंकि यह भारत के डिजिटल फिनटेक सेक्टर की दिशा और संभावनाओं को दर्शाता है।
आय और मुनाफे में जोरदार बढ़ोतरी
ऑपरेटिंग रेवेन्यू: ₹1,917 करोड़ (28% की बढ़ोतरी)
शुद्ध लाभ (Net Profit): ₹122.5 करोड़ (पिछले वर्ष की तुलना में घाटे से फायदा)
कॉन्ट्रिब्यूशन प्रॉफिट: ₹1,151 करोड़ (52% बढ़ोतरी)
EBITDA मुनाफा: ₹72 करोड़ (4% मार्जिन)
PAT (Profit After Tax): ₹123 करोड़
Cash Reserve: ₹12,872 करोड़
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि Paytm न केवल आय बढ़ाने में सफल रही है, बल्कि खर्चों को नियंत्रित कर मुनाफे की दिशा में ठोस कदम बढ़ा चुकी है।
किन क्षेत्रों से आया अधिक रेवेन्यू?
Merchant Subscriptions:
पेटीएम ने बताया कि जून 2025 तक 1.3 करोड़ मर्चेंट्स उसके प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं। यह सब्सक्रिप्शन मॉडल अब कंपनी के लिए सबसे बड़ा स्थिर रेवेन्यू स्रोत बन चुका है।
Net Payment Revenue:
38% की सालाना वृद्धि के साथ ₹529 करोड़ तक पहुंचा।
Financial Services Revenue:
100% की उछाल के साथ ₹561 करोड़ का राजस्व। यह मर्चेंट लोन डिस्ट्रीब्यूशन, DLG पोर्टफोलियो और बेहतर कलेक्शन परफॉर्मेंस के कारण संभव हुआ।
AI-संचालित ऑपरेशंस:
पेटीएम भारत का पहला AI-संचालित ओम्नी-चैनल पेमेंट्स प्लेटफॉर्म है, जिससे लागत कम हुई और परिचालन क्षमता में इज़ाफा हुआ।
शेयर बाजार में भी दिखा असर
Paytm के नतीजों से पहले ही शेयरों में जबरदस्त उछाल आया। शेयर करीब 4% बढ़कर ₹1060 तक पहुंच गया, जो इसके 52 हफ्ते के उच्चतम स्तर ₹1063 के लगभग है। हालांकि, शेयर अब भी अपने IPO प्राइस ₹2150 से करीब 52% नीचे है।
इसका मतलब यह है कि निवेशकों का भरोसा धीरे-धीरे बहाल हो रहा है, पर अभी भी रिकवरी अधूरी है। यह नतीजे बाजार में Paytm के प्रति धारणा को मजबूत करने का काम करेंगे।
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RBI प्रतिबंधों के बाद कंपनी की रणनीतिक वापसी
RBI ने Paytm Payments Bank (PPBL) पर कई गंभीर आरोप लगाए, जैसे KYC नियमों का उल्लंघन, मनी लॉन्ड्रिंग की संभावनाएं और डेटा सुरक्षा की चूक। इसके कारण कंपनी को:
नए ग्राहक जोड़ने पर रोक लगी,
कुछ सेवाओं को बंद करना पड़ा,
भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा,
शेयर मूल्य में भारी गिरावट हुई,
कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ी।
इन चुनौतियों से उबरना आसान नहीं था। लेकिन Paytm ने अपने बिजनेस मॉडल को रीस्टार्ट किया, सब्सक्रिप्शन आधारित मॉडल पर फोकस बढ़ाया और AI के ज़रिए ऑपरेशंस को अनुकूलित किया।
निवेशकों के लिए क्या है संदेश?
Paytm की यह वापसी दर्शाती है कि कंपनी में अब भी दीर्घकालिक निवेश का अवसर छिपा हुआ है। हालांकि अभी भी यह IPO मूल्य से नीचे कारोबार कर रही है, लेकिन:
मर्चेंट बेस का विस्तार,
फाइनेंशियल सर्विसेज में मजबूती,
AI-इंटीग्रेशन के साथ लागत में कटौती,
और मजबूत कैश रिजर्व
ये सभी तत्व इसे भविष्य में एक प्रॉफिटेबल और स्केलेबल मॉडल की ओर ले जाते हैं।
आगे की राह: क्या यह स्थायी लाभ है?
अभी Paytm को पूरी तरह से सुरक्षित नहीं माना जा सकता। कंपनी को:
नियामकीय विश्वास फिर से स्थापित करना होगा,
प्रतिस्पर्धियों से जूझना होगा जैसे PhonePe, Google Pay,
ग्राहक अनुभव को और मजबूत बनाना होगा।
लेकिन मौजूदा तिमाही के नतीजे यह संकेत देते हैं कि कंपनी सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
निष्कर्ष: घाटे से मुनाफे की यह छलांग महज शुरुआत है
Paytm की पहली बार मुनाफे में वापसी केवल एक कॉर्पोरेट खबर नहीं है, बल्कि यह भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक प्रेरणा है। यह दिखाता है कि सही रणनीति, डेटा पर आधारित निर्णय और टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन के माध्यम से किसी भी संकट से उबरा जा सकता है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाली तिमाहियों में Paytm इस गति को बनाए रखता है या नहीं।